पुणे, 10 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
राज्य सरकार की असंवेदनशीलता और मनमानी नीतियों के खिलाफ और अपनी विभिन्न मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) राजपत्रित अधिकारी संघटन ने, पूरे राज्य में दो घंटे की दैनिक कलमबंद हड़ताल शुरू की हैं. संगठन ने मांगें पूरी न होने पर 23 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी इशारा दिया हैं. राजपत्रित अधिकारी संघटन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन येरवडा स्थित राज्य वस्तु एवं सेवा कर विभाग कार्यालय पर दो घंटो की हड़ताल की. संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि इस कलम बंद आंदोलन में प्रदेश भर से 2500 पदाधिकारी शामिल हुए हैं. नवगठित लेखा परीक्षा शाखा में प्रशासन ने राजपत्रित अधिकारियों से लेखा परीक्षा का अधिकार छीन लिया है.
अनुरोधित स्थानान्तरण का आदेश अभी तक जारी नहीं किया गया है. माजगांव भवन में दो सौ से अधिक अधिकारियों को कार्यालय केबिन उपलब्ध नहीं हैं. सहायक राज्य कर आयुक्त के पदों को 2019 के सरकारी निर्णय के अनुसार तुरंत भरा जाना चाहिए. ऐसी विभिन्न मांगों को लेकर दो घंटे की कलमबंद हड़ताल शुरू की गई हैं.
संगठन के अध्यक्ष प्रदीप रणपिसे, महासचिव राजेश बदर, कोषाध्यक्ष सुलभा सणस, सह कोषाध्यक्ष योगेश मनाल की ओर से राज्य सरकार को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया, यह जानकारी संगठन की ओर से दी गई. इस अवसर पर पुणे विभाग के उपाध्यक्ष विकास शेवाले, सहसचिव कीर्ति जाधव, संगीता दारेकर, अर्चना डांगे, स्वाति शिंदे, प्रवीण काले, संतोष शिंदे, अभिजीत गायकवाड़ और पदाधिकारी उपस्थित थे.
* अधिकारियों की मांगें
राजपत्रित अधिकारियों को लेखापरीक्षा की अर्ध-न्यायिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.
राज्य कर अधिकारी संवर्ग के अधिकारियों के प्रशासनिक स्थानांतरण अनुरोधों के आदेश तत्काल पारित किए जाएं.
सहायक राज्य कर आयुक्त के पद पर पदोन्नति के आदेश पारित किए जाएं.
पुरानी सेवानिवृत्ति योजना फिरसे शुरू की जानी चाहिए.