तिरंगे की छत्रछाया में एकजुट रहने की जरूरत : फडणवीस

    15-Jan-2025
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CM 
मराठा, महाराष्ट्र और हमारा देश का इतिहास 14 जनवरी, 1761 के इस दिन काे कभी नहीं भूलेगा. क्याेंकि यही वह दिन था जब हम पानीपत की लड़ाई जीतने में असफल रहे थे. पानीपत हमारे देश और मराठा साम्राज्य के इतिहास में एक ज्वलंत घाव है. लेकिन साथ ही यह मराठाें की बहादुरी की कहानी भी है. क्याेंकि मराठाें ने जिस चीज के लिए लड़ाई लड़ी और जिन परिस्थितियाें में वह लड़े, उसका काेई विकल्प नहीं है. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पानीपत की वीर भूमि काे नमन करने गए थे. उन्हाेंने पानीपत की लड़ाई का बखान किया है.पानीपत मराठी लाेगाें के दिलाें पर लगा गहरा घाव है. पानीपत के युद्ध में मराठाें ने जिस तरह की बहादुरी दिखाई, विपरीतपरिस्थितियाें के बावजूद जिस तरह लड़ाई लड़ी, वह युद्ध के इतिहास की एक महान कहानी है. इस वीरता और इस युद्ध में बड़ी संख्या में मराठा सैनिकाें के शहीद हाेने के बाद भी मराठाें ने कभी हार नहीं मानी. दस वर्षाें के भीतर ही एक बार फिर पूरे भारत पर भगवा साम्राज्य स्थापित हाे गया और यहां तक कि दिल्ली पर भी विजय प्राप्त कर ली गयी.
 
इसलिए मराठाें की वीरता और पराक्रम अद्वितीय है यह बात देवेंद्र फडणवीस ने कही. हमारे मराठाें ने छत्रपति शिवाजी महाराज के आशीर्वाद से, छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिंदू स्वराज्य काे पूरे भारत में फैलाने का काम किया. पानीपत एक ऐसा युद्ध है जिसमें मराठा कभी नहीं हारे, भले ही वे तकनीकी रूप से पराजित हुए थे. उन्हाेंने अपनी बहादुरी काे लगातार इतना बढ़ाया कि किसी की भी हिम्मत भारत पर आक्रमण करने की नहीं हुई. हम वीरता की इस भूमि काे नमन करने आए हैं. मैं शाैर्य भूमि ट्रस्ट काे हृदय से धन्यवाद देता हूं्. क्याेंकि उन्हाेंने हमारे इतिहास काे जीवित रखा. यह ट्रस्ट उन मराठाें काे श्रद्धांजलि देता है जिन्हाेंने मातृभूमि के लिए अपना बलिदान दिया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ट्रस्ट हमारी बहादुरी और साहसी भावना काे संरक्षित करने के लिए काम कर रहा है.मैंने अभी-अभी न्यासी बाेर्ड के साथ चर्चा की है. हमें कुछ बातें याद दिला दी गई हैं. महाराष्ट्र सरकार क्षेत्र और स्मारक काे और बेहतर बनाने के लिए जाे भी सहायता आवश्यक हाेगी, वह प्रदान करेगी.