शिवाजीनगर, 17 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) जिस भाग में वेदों का उच्चारण और यज्ञ की ज्वालाएं बंद हो गईं, वह देश से कट गया है. इसके लिए जगह-जगह वेद विद्यालय स्थापित कर वेदों का प्रचार किया जाना चाहिए. इसीलिए मणिपुर में वेद विद्यालय की स्थापना की गई है. हम दिल से पूर्वोत्तर भारत से जुड़े हुए हैं. पूरे भारत में मणिपुर के लिए एकता की भावना पैदा करना हमारा कर्तव्य है. प.पू. स्वामी गोविंद देव गिरि का मानना है कि गणेशोत्सव मंडल इस कार्य को करने में सक्षम है. वह मणिपुर में आश्रय गृहों में रहने वाले नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. मणिपुर में हिंसा के कारण लगभग साठ हजार नागरिक अस्थायी आश्रयों में रह रहे हैं. उन्हें समर्थन देने के लिए पुणे में 51 से अधिक गणेशोत्सव मंडल एक साथ आए हैं. इन मंडलों ने सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों के सहयोग से 5,000 कंबल और 5,000 खाद्य बर्तन उपलब्ध कराए हैं. इन सामग्रियों को वितरित करने का कार्यक्रम पुणे परिवार संस्था की ओर से तिलक रोड स्थित मराठा चेंबर ऑफ कॉमर्स में आयोजित किया गया था. मणिपुर पुनर्वास बोर्ड के प्रमुख विधायक थौनाओजम श्यामकुमार और राजेश साहनी इस सामग्री को प्राप्त करने के लिए उपस्थित थे. सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा, मणिपुर के नागरिकों के साथ भावनात्मक जुड़ाव और रिश्ते बनाने के लिए मंडल वह काम कर रहे हैं, जो किया जाने चाहिए. टी. एच. श्याम कुमार, वरिष्ठ पत्रकार विजय कुवलेकर और श्रीमंत दगडूशेठ गणपति ट्रस्ट के महेश सूर्यवंशी ने भी अपने विचार व्यक्त किए. विनायक घाटे ने सभा का स्वागत किया. संस्था के अध्यक्ष एड. प्रताप परदेशी ने परिचय दिया. कार्यक्रम का संचालन प्रसाद भारदे ने किया. नीलेश पवार ने आभार व्यक्त किया.
संकट के समय गणेशोत्सव मंडल कार्यकर्ता हमेशा आगे केंद्रीय राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि कई बार जब समाज संकट में था, तो गणेशोत्सव मंडल के कार्यकर्ताओं ने मदद का हाथ बढ़ाया. आज मंडल राज्य से बाहर निकलकर मणिपुर की मदद के लिए आगे आए. मानवता का संदेश पुणे से होकर जा रहा है.