व्यापारियों द्वारा बजट में ड्रायफ्रूट पर जीएसटी कम करने की मांग

उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए आयात पर प्रतिबंध हो : 2029 तक यह क्षेत्र 12 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद

    24-Jan-2025
Total Views |
  
bdvbdv
गुलटेकड़ी, 23 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

सूखे मेवों के स्वास्थ्य संबंधी महत्व को देखते हुए, उनकी कीमत कम करने के लिए सूखे मेवों पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने की आवश्यकता है. वहीं, बजट की पृष्ठभूमि में ड्राई फ्रूट उत्पादकों और व्यापारियों ने मांग की है कि देश में ड्रायफ्रूट उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए आयात पर प्रतिबंध बढ़ाया जाए. इस संबंध में भारतीय नट्स एवं ड्रायफ्रूट परिषद ने वित्त मंत्रालय को एक प्रतिवेदन सौंपा है. उन्होंने कहा है कि यदि इस क्षेत्र को औद्योगिक उत्पादों के समान उत्पादन के आधार पर सब्सिडी दी जाए तो आयात कम हो जाएगा. देश में रोजगार सृजन बढ़ सकता है. साथ ही, इस उत्पाद की कीमतें भी कम हो जाएंगी. परिषद के अध्यक्ष गुंजन विजयन ने कहा नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करना है. बताया गया कि भारतीय नागरिक खाने-पीने के प्रति जागरूक हो गए हैं. उम्मीद है कि यह बाजार 2029 तक सालाना 18 प्रतिशत की दर से बढ़कर 12 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. संगठन का कहना है कि कश्मीर में कुल उत्पादन में अखरोट का हिस्सा 90% है. कश्मीर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों में भी उत्पादन की संभावनाएं हैं. बादाम पर 35 रुपये किलो का आयात शुल्क लगाया जाता है. इसी तरह अखरोट पर 150 रुपये किलो का आयात शुल्क लगाने की मांग की गई है.
 
करों में सरलीकरण होना चाहिए
वर्तमान स्थिति में टैक्सेशन बहुत जटिल हो गया है. कंप्लायंस कठिन कार्य है और इसमें समय लगता है. एक व्यापारी और प्रतिनिधि के रूप में मेरी मांग और राय है कि करों में सरलीकरण होना चाहिए. सभी व्यापारियों के लिए इसे समझना आसान होना चाहिए. टैक्स का भुगतान करना कोई परेशानी नहीं होगी. साथ ही वन नेशन वन टैक्स के संदर्भ में विचार किया जाना चाहिए. इससे कर संग्रह अधिकतम होगा और देश की प्रगति होगी. उपवास के लिए आवश्यक खजूर और खारीक पर कोई टैक्स नहीं होना चाहिए. या कम से कम इन वस्तुओं को कम कर प्रतिशत के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए. देश में 80% ड्रायफ्रूट आयात किया जाता है. इस पर आयात शुल्क अदा किया जाता है. यदि ड्रायफ्रूट पर सिर्फ 5% जीएसटी लगा दिया जाए तो आम उपभोक्ता भी इन्हें खरीद सकेंगे. इससे व्यापार बढ़ेगा और उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा.
- नवीन गोयल, दि पूना ड्राई फ्रूट्स एंड स्पाइसेज एसोसिएशन  
 

bdvbdv 
 
टैक्स कम हो तो किफायती दामों पर लोग खरीदेंगे
कोरोना के बाद ड्राई फ्रूट्स की मांग बढ़ गई है. हालांकि, इस पर टैक्स अभी भी बहुत अधिक है. इसे कम किया जाना चाहिए. विशेषकर सभी प्रकार के सूखे मेवों पर आयात शुल्क और जीएसटी कम किया जाना चाहिए. यदि दरें उचित हों तो उपभोक्ता सूखे मेवे को एक स्वस्थ पोषण विकल्प के रूप में मान सकते हैं. आजकल लोग स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरूक हो गए हैं. वे सूखे मेवे की मांग कर रहे हैं. लेकिन, ऊंची कीमत के कारण कई लोग चाहकर भी सूखे मेवे नहीं खरीद पाते हैं. सूखे मेवे शुद्ध और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ हैं. इसमें विटामिन और मिनरल होते हैं. इनका प्रयोग बढ़ेगा तो स्वास्थ्य अच्छा रहेगा. इससे देश को ही लाभ होगा. अंजीर, बादाम, खजूर और पिस्ता की विशेष रूप से अच्छी मांग है. चूंकि ये आयातित होते हैं, इसलिए इन पर टैक्स कम किया जाना चाहिए ताकि लोग किफायती दामों पर सूखे मेवे खरीद सकें.
- राजीव बांठिया, आरबीज ड्रायफ्रूट्स, मार्केट यार्ड  
 
 
bdvbdv