पुणे, 24 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
विधानसभा चुनाव में जनता ने महायुति को शानदार जीत दिलाई. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 57 विधायक चुनकर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसलिए, मातोश्री पर अब असली शिवसेना रही नहीं है. असली शिवसेना अब ठाणे के पक्ष में है. बालासाहेब ठाकरे के असली वारिस याने के उत्तराधिकारी उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही हैं. यह बात केंद्रीय समाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने स्पष्ट रूप से व्यक्त की. केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने शुक्रवार शाम 4 बजे पुणे स्टेशन के नजदीक वीवीआईपी सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस मौके पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के शहराध्यक्ष संजय सोनवणे, प्रदेश सचिव बालासाहेब जानराव, प्रदेश संघटक परशुराम वाडेकर, महेंद्र कांबले, शैलेश चव्हाण, विरेन साठे, श्याम सदाफुले, महिपाल वाघमारे, अशोक शिरोले, मोहन जगताप, विशाल शेवाले, उमेश कांबले और बडी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे. आठवले ने कहा कि उद्धव ठाकरे अपने विधायकों को संभाल नहीं पाए. विपक्षी पार्टी के नेताओं ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर झूठे आरोप लगाए, लेकिन मतदाताओं ने विपक्ष को खारिज कर दिया. आप झूठे आरोप लगाकर चुनाव नहीं जीत सकते.
जनता को सिर्फ आलोचना करना और आरोप लगाना पसंद नहीं था. महायुति को लाडकी बहीण योजना से भी लाभ मिला. हमारी पार्टी शुरू से ही भाजपा की सहयोगी रही है. इसलिए दलित समुदाय ने भी महायुति को वोट दिया. रायगढ़ और नासिक जिले के पालकमंत्री पद को लेकर आठवले ने कहा कि महायुति में कोई विवाद नहीं है. हालांकि, हर कार्यकर्ता को लगता है कि उनके नेता को पालकमंत्री का पद मिलना चाहिए. दोनों जिलों के पालकमंत्री पद के बारे में निर्णय राज्य के कुशल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लेंगे. हम महायुति से मांग करते हैं कि आगामी मनपा चुनावों के लिए पुणे शहर में आरपीआई को 15 से 16 सीटें दी जाएं. महायुति को मनपा चुनाव भी मिलकर लड़ना चाहिए. हमारी मांग है कि यदि महापौर का पद शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित हो गया तो महापौर का पद आरपीआई को दिया जाना चाहिए.
इसबीच ओबीसी आरक्षण मसले की याचिका कोर्ट में है. इसलिए मनपा चुनाव को देरी हो गई है. मेरे खयाल में जल्द ही याचिका पर सुनवाई हो कर मनपा चुनाव एप्रिल या मई में हो सकेेंगे. आरक्षित जगहों पर उम्मीदवार देते समय पॉलिटिकल पार्टियों ने उम्मीदवार का कास्ट सर्टिफिकेट वैध या अवैध है उसकी जानकारी पहले से ही देनी चाहिए. बीड और परभणी मामलों को लेकर रामदास आठवले ने कहा कि दिवंगत संतोष देशमुख और दिवंगत सोमनाथ सूर्यवंशी दोनों को न्याय मिलना चाहिए. देशमुख की हत्या से पहले कराड और उसके साथियों के बीच बातचीत हुई थी. इसलिए बीड मामले में वाल्मीक कराड के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. परभणी की घटना के लिए पुलिस जिम्मेदार है. इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए और संबंधित पुलिस के ऊपर कारवाई होनी चाहिए. भीमा कोरेगांव में स्मारक के संबंध में रामदास आठवले ने कहा कि स्मारक के विकास का मामला पिछले तीन वर्षों से लंबित है. स्मारक की विकास योजना के लिए दस करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं. स्मारक के विकास में तेजी हो, इसलिए मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को पत्र लिखूंगा.