देश में जहां हजारों मैजिशियन हैं, वहीं मेंटलिस्ट और माइंड रीडर अभी भी अपेक्षाकृत बहुत कम हैं. मेरा अनुमान है कि पूरे देश में लगभग 100 से 200 प्रोफेशनल मेंटलिस्ट हैं कडे शहरों, जैसे पुणे में आपको 4-5 मेंटलिस्ट मिल सकते हैं, लेकिन फिर भी देश के कएक भी मेंटलिस्ट नहीं है. यह कला दुर्लभ और रहस्यमयी होती है, क्योंकि जो मैजिक टउिसके रहस्य सामान्य जानकारी से बाहर होते हैं. इस कला को समझने और के और अभ्यास की जरूरत होती है. इस क्षेत्र में कोई एकेडमिक संस्थान या कोसइसकज्ञान पाने के लिए आपको किताबों, वर्कशॉप्स और ऑनलाइन लेक्चर्स से मदद डती डशनल मैजिक और मेंटलिअम में फर्क है. मैजिक में हाथ की सफाई ज्यादा होती है, क टएिक इंटेलेक्चुअल कला है, जिसमें माइंड और साइकोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल जानकारी शहर के प्रतिष्ठित मेंटलिस्ट, माइंड रीडर, मैजिशियन, इल्यूजनिस्ट कलंत्री ने दै.‘आज का आनंद' की पत्रकार रिद्धि शाह द्वारा लिए गए साक्षात्कदी. पेश हैं, पाठकों के लिए उनसे की गई बातचीत के कुछ विशेष अंश :
सवाल : आप कहां से हैं और आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है?
जवाब : मैं मूल रूप से विदर्भ क्षेत्र के बुलढ़ाणा जिले के उंद्री (वर्तमान नाम उदयनगर) का रहने वाला हूं, मेरे पिताजी भगवानदास कलंत्री एक किसान हैं. मैं पिछले 20 वर्षों से पुणे में रह रहा हूं. मेरे साथ पुणे में मेरी पत्नी प्रियंका, जो एक बैंकर हैं और मेरी तीन साल की बेटी सरगम है. सवाल : आपकी शिक्षा संबंधी जानकारी दीजिए? जवाब : मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विदर्भ क्षेत्र से प्राप्त की और फिर पुणे स्थित वेिशकर्मा इंस्टीट्युट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की. मैंने 2009 में अपनी इंजीनियरिंग डिग्री पूरी की.
सवाल : आपने मेंटलिस्ट, माइंड रीडर, मैजिशियन और इल्यूजनिस्ट बनने का फैसला कब और कैसे लिया?
जवाब : यह बात है 2006 की जब मैंने कॉलेज के दौरान एक इंग्लिश फिल्म देखी थी, जिसका नाम था द प्रेस्टीज. यह फिल्म दो मैजिशियन के जीवन पर आधारित थी और इसकी खासियत यह थी कि इसमें पारंपरिक जादू से हटकर एक गहरी और अलग तरह की कला को दर्शाया गया था. फिल्म ने मुझे यह समझने का मौका दिया कि मैजिक सिर्फ एक मनोरंजन नहीं, बल्कि एक मानसिक और बौद्धिक कला है, जिसमें तर्क, कल्पना और प्रैक्टिस का अद्भुत संगम होता है. इस फिल्म ने मुझमें मैजिक और मेंटलिअम के प्रति गहरी रुचि उत्पन्न की और मैंने इसी प्रेरणा से इस क्षेत्र में कदम रखा. यह मेरे लिए एक नया क्षेत्र था, क्योंकि मेरे परिवार में इससे जुड़ा कोई नहीं है. फिर भी मैंने निरंतर अभ्यास और शोध से इस कला में अपनी रुचि को और बढ़ाया. मुझे यह वेिशास हो गया कि यह न केवल एक कला है, बल्कि यह मेंटल स्ट्रेंथ, ध्यान और अंतर्दृष्टि की शक्ति को भी उजागर करती है.
सवाल : आप एक बिजनेस कम्युनिटी परिवार से हो, तो जब आपने इस तरह का लीक से हटकर प्रोफेशन चुनने का फैसला किया तो आपकी फैमिली की क्या प्रतिक्रिया थी?
जवाब : हमारी मारवाड़ी कम्युनिटी में आमतौर पर लोग खेती या व्यापार करते हैं. लेकिन मैंने कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने का फैसला किया. शुरू में यह बदलाव चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि यह एक पारंपरिक रास्ता नहीं था. लेकिन जब मेरी मेहनत रंग लाने लगी और मैंने शो के जरिए अच्छी कमाई करनी शुरू की कि जो लोग महीने भर में कमाते हैं, वह मैं एक घंटे में कमा लेता था, तो परिवार की सोच बदल गई. अब वे मुझे पूरी तरह से सपोर्ट करने लगे हैं. मुझे खास तौर पर मेरी पत्नी का बहुत समर्थन मिला, जो मेरे पूरे सफर में मेरी सबसे पहली और सबसे बड़ी ऑडियंस रही. वह हमेशा मुझे उत्साहित करती और मेरे हौसले को बढ़ाती. जब मैंने शो करना शुरू किया, तो वह मेरे लिए न केवल एक सहारा बनीं, बल्कि मेरे सपनों को पूरा करने में भी प्रेरणा देती रहीं. इस प्रक्रिया ने मुझे यह सिखाया कि सही दिशा और मेहनत से कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती, और परिवार का सपोर्ट किसी भी मुश्किल को आसान बना सकता है.
सवाल : आपने यह कला कब और कैसे सीखी? यह कला सीखने के लिए क्या किसी खास ट्रेनिंग या शिक्षा की आवश्यकता होती है?
जवाब : यह कला दुर्लभ और रहस्यमयी होती है, क्योंकि जो मैजिक या मेंटलिअम होता है, उसके रहस्य सामान्य जानकारी से बाहर होते हैं. इन्हें समझने और सीखने के लिए आपको गहरे शोध और अभ्यास की जरूरत होती है. इस क्षेत्र में कोई एकेडमिक संस्थान या कोर्स नहीं होते और इसका ज्ञान पाने के लिए आपको किताबों, वर्कशॉप्स और ऑनलाइन लेक्चर्स से मदद लेनी पड़ती है, जो आमतौर पर महंगे होते हैं. मैंने शुरुआत में रिस्क लेकर किताबों पर इन्वेस्ट किया और कई किताबें पढ़ीं, वीडियो देखे और खुद ही इस कला को सीखा. मुझे किसी कोच या टीचर से गाइडेंस नहीं मिली, बल्कि मेहनत और आत्मनिर्भरता ने मुझे यह कला सिखाई.
सवाल : आपने प्रोफेशनली शो करना कबसे शुरू किया? अब तक आप कितने शो कर चुके हैं और कहां-कहां शो किए हैं?
जवाब : मेरे इस क्षेत्र में करियर की शुरुआत 2013 में एक कॉर्पोरेट कंपनी के लिए पहले शो से हुई थी. तब से लेकर अब तक, मैंने पूरे देशभर में 1000 से ज्यादा शो किए हैं, जो न सिर्फ मेरे अनुभव को और समृद्ध करते गए, बल्कि हर प्रदर्शन ने मुझे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. कोविड-19 के दौरान शो में थोड़ी रुकावट आई, लेकिन मैंने कभी अपनी रचनात्मकता और जोश को कम नहीं होने दिया. हर साल मैं 100 से ज्यादा शो करता हूं और मैं देश के सभी प्रमुख शहरों में शो कर चुका हूं. हाल ही में, मैंने श्रीलंका के कोलंबो में एक शो किया, जहां मुझे दर्शकों से अभूतपूर्व सराहना प्राप्त हुई.
सवाल : आपका एक शो कितनी देर का होता है और इसमें आप कितने प्रकार के करतब या आइटम करते हैं? आपके शो में और नॉर्मल जादू के शो में क्या फर्क होता है?
जवाब : मेरे शो के विभिन्न फॉर्मेट होते हैं, जो दर्शकों की पसंद और समय के हिसाब से कस्टमाइज किए जाते हैं. आमतौर पर मैं स्टेज पर 30 मिनट, 45 मिनट और 1 घंटे के शो करता हू्ं. इसके अलावा मैं वर्क अराउंड करके भी शो करता हूं, जो 2 से 3 घंटे तक चलते हैं. साथ ही, मैं स्ट्रीट मैजिक भी करता हूं, जहां मैं आम लोगों के पास जाकर उनके बीच में जादू और इल्यूजन प्रस्तुत करता हू्ं. शो में किए जाने वाले करतब और आइटम का चुनाव समय और शो की प्रकृति के अनुसार किया जाता है. उदाहरण के लिए, 30 मिनट के शो में मैं लगभग 6 से 7 आइटम करता हूं, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए काफी होते हैं. ट्रेडिशनल मैजिक और मेंटलिअम में फर्क है. मैजिक में हाथ की सफाई ज्यादा होती है, जबकि मेंटलिअम एक इंटेलेक्चुअल कला है, जिसमें माइंड और साइकोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल होता है, जिसे हम माइंड मैजिक कहते हैं, जो ऑडियंस को काफी प्रभावित करता हैं. मेंटलिअम जादू से ज्यादा प्रभावित करने की कला है.
सवाल : आप किस तरह के शो करते हैं? आप अकेले शो में क्या-क्या करते हैं? क्या आपकी कोई टीम रहती है?
जवाब : मैं अपने शो को अकेले ही प्रस्तुत करता हूं, क्योंकि इस क्षेत्र में अगर मैं किसी टीम की मदद लूंगा तो लोगों का भरोसा टूट सकता है. मेरे शो में अलग-अलग प्रकार के एक्ट्स होते हैं जैसे कि माइंड रीडिंग, प्रिडिक्शन, टेलीपेथी, टेलीकाइनेसिस, हिप्नोसिस, मेमोरी फीड और मेमोरी गेम्स. इन एक्ट्स का उद्देश्य दर्शकों को एक नया और रोमांचक अनुभव देना होता है. मैं आमतौर पर कॉर्पोरेट शो, प्रीमियम वेडिंग, डेस्टिनेशन वेडिंग्स में प्रदर्शन करता हूं और कभी- कभी प्रीमियम क्लब्स और पार्टियों में भी अपना शो देता हू्ं. ये आर्ट्स बच्चों से ज्यादा बड़ों के लिए होते हैं, जो इसे पूरी तरह से समझ और अनुभव कर पाते हैं.
सवाल : क्या आपको अपने जादू और मानसिकता के साथ किसी खास चुनौती का सामना करना पड़ा है?
जवाब : यह क्षेत्र मेरे लिए बिलकुल नया था और मुझे लगता है कि देश में सिर्फ 1-2 प्रतिशत लोगों ने ही मेंटलिअम का लाइव शो देखा होगा. जब मैंने इस क्षेत्र में अपनी शुरुआत की और शो का प्रस्ताव रखा, तो पहले तो मुझे क्लाइंट्स को समझाने में काफी मुश्किलें आईं. लेकिन जब यह कला थोड़ी प्रसिद्ध हुई और मैंने डेमो देकर उन्हें इसका अनुभव कराया, तब उन्होंने मुझ पर वेिशास करना शुरू किया. शुरुआत के पहले 1-2 सालों में मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और मैं हमेशा इस सवाल से जूझता था कि क्या मैं इस क्षेत्र में एंटरटेनमेंट के साथ अपना करियर बना पाऊंगा या नहीं. लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी और निरंतर मेहनत करते हुए लोगों को समझाने का सिलसिला जारी रखा. यही मेहनत आज रंग लाई है और अब मुझे बड़े-बड़े कार्यक्रमों में शो करने के लिए बुलाया जाता है.
सवाल : देश में कितने मेंटलिस्ट, माइंड रीडर और मैजिशियन हैं? इनमें महिलाओं और पुरुषों का अनुपात क्या है?
जवाब : देश में जहां हजारों मैजिशियन हैं, वहीं मेंटलिस्ट और माइंड रीडर अभी भी अपेक्षाकृत कम हैं. मेरा अनुमान है कि पूरे देश में लगभग 100 से 200 प्रोफेशनल मेंटलिस्ट हैं जो शो कर रहे हैं. बड़े शहरों जैसे पुणे में आपको 4-5 मेंटलिस्ट मिल सकते हैं, लेकिन देश के कई शहरों में एक भी मेंटलिस्ट नहीं है. इस वजह से लोग हमें विभिन्न शहरों में आमंत्रित करते हैं, ताकि वे इस कला को देख सकें और समझ सकें. इसके अलावा, इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बहुत कम है. लेकिन मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज के समय में देश की सबसे बड़ी और प्रसिद्ध मेंटलिस्ट एक महिला हैं, जिनका नाम है सुहानी शाह. वे न केवल अपने कौशल से लोगों को हैरान करती हैं, बल्कि महिलाओं और सभी मेंटलिस्ट के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं.
सवाल : आपके अनुसार इस पेशे का भविष्य अगले 10 सालों में क्या हो सकता है? क्या इसमें कोई बड़े बदलाव या इनोवेशन होने ही संभावना है?
जवाब : हमारा क्षेत्र पूरी तरह से इनोवेशन और क्रिएटिविटी पर आधारित है. जब मैं एक ट्रिक या एक्ट को बार-बार करता हूं, तो मुझे खुद भी बोरियत महसूस होने लगती है, इसलिए इस क्षेत्र में मेंटलिस्ट और मैजिशियन हमेशा नई- नई ट्रिक्स और शो तैयार करते रहते हैं. यही कारण है कि इस क्षेत्र का भविष्य बेहद प्रभावी और उज्जवल है, क्योंकि यह प्राइमरी शो की तुलना में प्रीमियम शो है. जहां प्राइमरी एंटरटेनमेंट में सिंगिंग, डांसिंग, म्यूजिक या स्टैंडअप कॉमेडी जैसे शो होते हैं, वहीं मेंटलिअम और मैजिक जैसे शो प्रीमियम एंटरटेनमेंट का हिस्सा होते हैं, जो दर्शकों को एक नया और अद्भुत अनुभव प्रदान करते हैं.
सवाल : आपने इस क्षेत्र में आने के लिए किससे प्रेरणा ली?
जवाब : इस क्षेत्र में आने के लिए मुझे कई महान कलाकारों से प्रेरणा मिली है. सबसे पहले मैंने मैजिक सीखा और इसके लिए मुझे प्रसिद्ध मैजिशियन टॉमी वंडर से बहुत प्रेरणा मिली. उनकी किताबें और वीडियो देखकर ही मैंने मैजिक की बुनियादी जानकारी प्राप्त की. इसके बाद, मुझे अमेरिकन मैजिशियन डेविड कॉपरफील्ड से भी प्रेरणा मिली, जो आज भी लॉस वेगास में शो करते हैं. उनका शो बेहद लोकप्रिय है और उनके टिकट की कीमत 400 से 500 डॉलर तक होती है, जो उनकी कला की बेजोड़ गुणवत्ता को दर्शाता है. इसलिए, मैं सभी से अपील करता हूं कि जब भी आप लॉस वेगस जाएं, तो डेविड कॉपरफील्ड का शो जरूर देखें. इसके अलावा, मैंने मेंटलिअम में भी प्रेरणा ली. इस क्षेत्र में मुझे अमेरिकन मेंटलिस्ट मैक्स मेवेन और कोलिन क्लाउड से प्रेरणा मिली. कोलिन क्लाउड आजकल युवा मेंटलिस्ट के रूप में बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और वे भी लॉस वेगास में मेंटलिअम का शो करते हैं.
सवाल : इस प्रोफेशन को अपनाकर आप में कौन-से बदलाव आये हैं?
जवाब : इस क्षेत्र में कला सीखने के लिए अत्यधिक फोकस, अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है. मुझे यह महसूस होता है कि मेंटलिअम सीखने के बाद मैंने न केवल एक स्टैंडआउट व्यक्तित्व विकसित किया है, बल्कि यह भी पाया है कि मैंने पेशेवर जीवन में नया और अलग दृष्टिकोण अपनाया है. इस यात्रा के दौरान मेरे कम्युनिकेशन और प्रोफेशनल स्किल्स में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. साथ ही मेरी प्रेजेंटेशन स्किल्स भी बेहतर हुई हैं और आत्मवेिशास में भी काफी वृद्धि हुई है. निरंतर अभ्यास से, मैंने यह भी समझा है कि मस्तिष्क की शक्ति क्या होती है और क्या हो सकती है.
सवाल : आप दै. ‘आज का आनंद' के पाठकों को क्या संदेश देना चाहेंगे? खासकर उन लोगों को जो मेंटलिस्ट, माइंड रीडर, मैजिशियन और इल्यूजन में रुचि रखते हैं?
जवाब : मेंटलिस्ट, माइंड रीडर, मैजिशियन और इल्यूजनिस्ट यह बहुत ही आकर्षित और क्रिएटिव फिल्ड है. विशेषकर मैं अभिभावकों से आग्रह करूंगा कि यदि आपके बच्चे इस क्षेत्र में रुचि दिखाते हैं, तो उनका उत्साह बढ़ाइए और उनका पूरा समर्थन कीजिए. हालांकि उनकी शिक्षा को जारी रखना महत्वपूर्ण है, लेकिन उनकी रुचियों को दबाना नहीं चाहिए, क्योंकि कभी-कभी ये कला उनके पेशेवर जीवन का हिस्सा बन सकती है या उनके मौजूदा करियर में नई दिशा प्रदान कर सकती है.
संपर्क : अमित कलंत्री
मेंटलिस्ट, माइंड रीडर, मैजिशियन, इल्यूजनिस्ट
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