संयुक्त महाराष्ट्र के प्रति राज्य सरकार गंभीर

डॉ. नीलम गोऱ्हे ने कहा-मराठी भाषा के संवर्धन हेतु महायुति सरकार कटिबद्ध

    30-Jan-2025
Total Views |
 
 
neelam
 
 
पुणे, 29 जनवरी (आज का आनंद न्यूजनेटवर्क )
 
महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे में आयोजित वेिश मराठी सम्मेलन, केंद्र सरकार द्वारा मराठी भाषा को विशिष्ट दर्जा दिए जाने के बाद आयोजित होने वाला पहला सम्मेलन है, मराठी भाषा के संवर्धन के हेतु राज्य सरकार कटिबद्ध है, इस बात पर जोर देते हुए विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोऱ्हे ने कहा की, बेलगाम, कारवार, बीदर, भालकी और निपानी को शामिल करते हुए संयुक्त महाराष्ट्र के प्रति राज्य सरकार की भावनाएं ज्वलंत हैं. सम्मेलन में उन पर विचार किया जाएगा. इसके अलावा आठवीं कक्षा तक के छात्रों को पास करने का फैसला गलत है. जनता ने उन लोगों को फेल कर दिया जिन्होंने यह निर्णय लिया था, यह बात भी डॉ. गोऱ्हे ने कही. राज्य सरकार के मराठी भाषा विभाग द्वारा 31 जनवरी से 2 फरवरी तक फर्ग्यूसन कॉलेज के प्रांगण में वेिश मराठी सम्मेलन का आयोजन किया गया है.
 
इस पृष्ठभूमि में, विधान परिषद की उपसभापति डॉ. गोऱ्हे ने फर्ग्यूसन कॉलेज में पत्रकारवाता र् में सम्मेलन का स्वागत किया. राज्य मराठी विकास संस्था के निदेशक डॉ. शामकांत देवरे, दीपक मराठे, चारुदत्त निमकर, शिवसेना पदाधिकारी सुदर्शन त्रिगुणायत, रंजना कुलकर्णी आदि उपस्थित थे. डॉ. नीलम गोऱ्हे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे की सभा में मराठी भाषा को अभिजात दर्जा देने का अपना वादा पूरा किया है. उसके बाद पुणे शहर में वेिश मराठी सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है और दुनिया भर से मराठी भाषी इसमें भाग ले रहे हैं.
 
प्रत्येक अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में संयुक्त महाराष्ट्र के बारे में प्रस्ताव पारित किए जाते हैं. इस सम्मेलन में भी इस विषय पर विचार होगा. साथ ही उन्होंने वेिशास जताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मराठी भाषा और उद्योग मंत्री उदय सामंत समेत सरकार संयुक्त महाराष्ट्र के मुद्दे को लेकर उतनी ही भावुक है. विभिन्न देशों में मराठी भाषी अपनी मातृभाषा मराठी को संरक्षित करने के लिए काम करते हैं. वे नई पीढ़ी को भाषा की शिक्षा देते हैं ताकि वे मराठी सीख सकें. डॉ. नीलम गोऱ्हे ने यह भी कहा कि मराठी पाठ्यक्रम और परीक्षाओं का मानकीकरण उनके लिए आवश्यक है और इस संबंध में वेिशविद्यालयों के साथ प्रयास किए जा रहे हैं.