‌‘नक्शा' पायलट प्रोजेक्ट द्वारा की जाएगी 2D, 3D मैपिंग

भूमि रिकॉर्ड्‌‍स के सृजन के लिए नक्शा कार्यान्वित 152 शहरों में भूमि अभिलेखों को डिजिटाइज और ‘जियो-रेफरेंस" किया जाएगा इस योजना में महाराष्ट्र और गोवा मिलाकर 13 जगहों का समावेश होगा पायलट प्रोजेक्ट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 193 करोड रुपए मंजूर किए जाएंगे महाराष्ट्र और गोवा हेतु 1 करोड़ से अधिक राशि को किया गया मंजूर

    31-Jan-2025
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 आलंदी रोड , 30 जनवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों के सृजन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट, नेशनल नॉलेज-बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन हैबिटेशन (नक्शा) शुरू किया है, जिसमें भारतीय सर्वेक्षण विभाग को तकनीकी भागीदार के रूप में शामिल किया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत महाराष्ट्र में 10 और गोवा में 3 तहसील शामिल हैं. इस कार्यक्रम के तहत देश में 152 शहरों के भूमि अभिलेखों को डिजिटाइज और जियो-रेफरेंस किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के लिए देशभर के लिए 193 करोड रुपये मंजूर किए गए हैं. महाराष्ट्र और गोवा के लिए 1 करोड 6 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं. इस पायलट प्रोजेक्ट द्वारा की जानेवाली मैपिंग के अनुसार, बेहतर शहरी योजना को बढावा मिलेगा, शहरी नागरिकों के जीवन को सुगम बनाएगा तथा उन्हें सशक्त बनाएगा. इस कार्यक्रम में बृहद स्तर पर मानचित्रण (मैपिंग) किया जाएगा. जिसमें मानव-संचालित, स्वचालित सर्वेक्षण, मौजूदा संपत्ति एवं भूमि अभिलेखों की स्कैनिंग और एकीकरण, स्थल सत्यापन, दावों एवं आपत्तियों का निपटारा तथा संपत्ति मालिकों को अधिकार अभिलेख (रिकॉर्ड्स ऑफ राइट्स) प्रदान करने की प्रक्रिया शामिल होगी. इस कार्य के लिए विमानन सेंसर (एयरबोर्न सेन्सर) का उपयोग किया जाएगा और शहरी क्षेत्रों का बडे पैमाने पर मानचित्रण किया जाएगा. जिसके माध्यम से ऑर्थोरेक्टिफाइड इमेजरी (ओआरआई) और डिजिटल एलिवेशन मॉडल (डीईएम) का निर्माण किया जाएगा. भारतीय सर्वेक्षण विभाग, पुणे के डायरेक्टर अमरेंद्रकुमार सिंह ने इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, 26 जनवरी को अकोला जिले के मुर्तिजापुर में इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया. नक्शा के अंतर्गत, ड्रोन द्वारा फ्लाइंग मैपिंग की जाएगी. प्रॉपर्टी की ओनरशिप डिटेल्स भी इसमें रजिस्टर्ड होंगी. महाराष्ट्र और गोवा राज्य की टू-डी और थ्री-डी मैपिंग भारतीय सर्वे क्षण विभाग द्वारा की जाएगी. मैपिंग के लिए एक साल का समय निश्चित किया गया है. महाराष्ट्र और गोवा के लिए 1 करोड 6 लाख मंजूर किए गए हैं. इस प्रोजेक्ट द्वारा डिस्टेन्स एलिगेशन मॉडल भी बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत प्रॉपर्टी ओनरशिप और लैंड रिकॉर्ड अपडेट होगा. इस पायलट प्रोजेक्ट में सर्वे ऑफ इंडिया टेक्नीकल पार्टनर है.
वर्टिकल और ऑब्लिक कैमेरों से किया जाएगा सर्वेक्षण
महाराष्ट्र में शिर्डी(अहिल्यानगर), मुर्तिजापुर (अकोला), बुलढाणा , घुगुस(चंद्रपुर), बदलापूर(अंबरनाथ), और गोवा में पणजी में वर्टिकल कैमेरा द्वारा मैपिंग की जाएगी. वर्टिकल कैमेरा और चार ऑब्लिक कैमेरों द्वारा भी सर्वेक्षण किया जाएगा. पांच कैमरे और लेडर से इन में पंढरपुर (सोलापुर), वरणगांव (जलगांव), कन्नड (छ.संभाजीनगर), बारामती (पुणे), खोपोली (रायगढ) और गोवा में मडगांव और कनकोलियम में यह सर्वेक्षण किया जाएगा.
-अमरेंद्रकुमार सिंह, डायरेक्टर सर्वे ऑफ इंडिया