बाणेर, 9 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
इतिहास उज्ज्वल कार्यों से लिखा जाता है. त्याग, बलिदान और समर्पण की भावना से कार्य करने वाले प्रतिभावान व्यक्तित्वों को सम्मानित कर समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत करने वाला सूर्यदत्त संस्थान का यह सम्मान समारोह प्रेरणादायक है. इससे भविष्य के अच्छे नागरिकों के निर्माण का कार्य हो रहा है. सूर्यदत्त समूह और चोरड़िया दंपति देश की प्रगति के पंखों के रूप में युवा पीढ़ी को दिशा देने का कार्य कर रहे हैं, ऐसे विचार अहिंसा वेिश भारती के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. आचार्य लोकेश मुनि ने रखे. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मूल्याधारित और सर्वांगीण विकास शिक्षा के लिए कार्यरत सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स सराहनीय कार्य कर रहा है. सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के 27वें स्थापना दिवस पर आयोजित 23वें सूर्यदत्त राष्ट्रीय जीवनगौरव पुरस्कार एवं सूर्यदत्त राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में डॉ. आचार्य लोकेश मुनि बोल रहे थे.
बाणेर स्थित बंटारा भवन में शुक्रवार (7 फरवरी) को आयोजित इस समारोह में परमवीर चक्र विजेता सुभेदार मेजर संजय कुमार, वरिष्ठ मूर्तिशास्त्र विशेषज्ञ डॉ. गो. बं. देगलूरकर, वरिष्ठ अभिनेता रजा मुराद, सचिन पिलगांवकर, वरिष्ठ अभिनेत्री जया प्रदा, सिस्टर लूसी कुरियन, लेफ्टिनेंट जनरल अशोक आंब्रे, संगीतकार अनु मलिक सहित सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रा. डॉ. संजय बी. चोरड़िया, उपाध्यक्ष सुषमा चोरड़िया, सहयोगी उपाध्यक्ष स्नेहल नवलखा, डॉ. किमया गांधी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अक्षित कुशल तथा मसूर्यदत्तफ के सभी विभागों के निदेशक, प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे. कार्यक्रम में आचार्य डॉ. लोकेश मुनिजी को सूर्यभूषण ग्लोबल पीस अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया. इस वर्ष का सूर्यदत्त राष्ट्रीय जीवनगौरव पुरस्कार इन विभूतियों को प्रदान किया गया, जिसमे परमवीर चक्र विजेता सुभेदार मेजर संजय कुमार, वरिष्ठ मूर्तिशास्त्र विशेषज्ञ डॉ. गो. बं. देगलूरकर, प्रसिद्ध अभिनेता सचिन पिलगांवकर, अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रा. डॉ. नरेंद्र भंडारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं साहित्यकार सीए डॉ. अशोक कुमार पगारिया, नीलकंठ ज्वेलर्स के दिलबाग सिंह बीर, चिकित्सा एवं सामाजिक सेवा प्रदान करने वाले डॉ. सदानंद राऊत, उद्यमी मयूर वोरा और मयूर शाह जैसे गणमान्य शामिल थे.
सूर्यदत्त राष्ट्रीय पुरस्कार पर्यावरण विशेषज्ञ पद्मश्री चैत्राम पवार, पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ अभिनेत्री जयाप्रदा, अभिनेत्री स्मिता जयकर, क्रस्ना डायग्नोस्टिक्स के राजेंद्र मुथा, वैेिशक व्यापार विशेषज्ञ सागर चोरड़िया, सहकार विशेषज्ञ डॉ. शिवाजीराव डोले, प्रेरक वक्ता राहुल कपूर जैन, उद्यमी इंद्रनील चितले, सामाजिक कार्यकर्ता किशोर खाबिया, कृषि उद्यमी सुनील वाघमोड़े को दिया गया. इसके अलावा, सूर्यदत्त नेशनल यंग अचीवर अवॉर्ड स्टार्टअप और उद्यमिता के क्षेत्र में जैनम और जीविका जैन को सम्मानपूर्वक प्रदान किया गया. पुरस्कार विजेताओं को सूर्यदत्त के विद्यार्थियों द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए स्कार्फ, मानचिन्ह और मानपत्र देकर सम्मानित किया गया.
डॉ. गो. बं. देगलूरकर ने कहा कि यह कार्यक्रम वास्तव में प्रशंसा के योग्य है. सूर्यदत्त शिक्षा क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संस्था है. इस संस्था द्वारा हमें सम्मानित किया गया, यह गर्व की बात है. यह संस्था तमसो मा ज्योतिर्गमय के लक्ष्य पर कार्य कर रही है. ज्ञानार्जन की प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए. अंतिम सांस तक हमें ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करते रहना चाहिए. समाज के श्रेष्ठ व्यक्तियों को खोजकर उन्हें सम्मानित करने का कार्य चोरडिया दंपति निःस्वार्थ भाव से कर रहा है. सुभेदार मेजर संजय कुमार ने कहा कि सूर्यदत्त संस्था देश में छात्रों के मन में राष्ट्रभक्ति और ज्ञान का दीप जलाने का कार्य कर रही है. शिक्षा जीवन में आने वाली कठिनाइयों से उबरने के लिए अत्यंत उपयोगी है. वरिष्ठ अभिनेता सचिन पिलगांवकर ने कहा कि जीवन में ईेशर और दर्शकों का अपार आशीर्वाद मिला. हमेशा कुछ नया और मनोरंजक प्रस्तुत करने के उद्देश्य से काम करता रहा. सूर्यदत्त संस्थान से एक आदर्श पीढ़ी का निर्माण हो रहा है. मैं यह पुरस्कार देश की रक्षा करनेवाले भारतीय सेना को समर्पित करता हूं. लूसी कुरियन ने कहा, समाज में अनाथों के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिली. माहेर संस्था के माध्यम से आज सैकड़ों विद्यार्थी सफल हुए, यह देखकर खुशी होती है. इस कार्य में कई महान व्यक्तियों का सहयोग मिला, जिससे आज माहेर संस्था सात राज्यों तक विस्तृत हो गई है. पद्मश्री चैत्राम पवार ने जंगल, जल, भूमि, जन और पशुधन के महत्व को समझाया. उन्होंने कहा कि ये हमारी प्राकृतिक संपत्तियां हैं और हमें इनका संरक्षण करना चाहिए. हमें सतत विकास और पर्यावरण संवर्धन के लिए कार्यरत रहना चाहिए. राहुल कपूर जैन ने अपने प्रेरणादायक भाषण से उपस्थित लोगों को प्रभावित किया. उन्होंने कहा, विद्यार्थियों और युवाओं के साथ काम करते समय मुझे भी नई ऊर्जा मिलती है. इंद्रनील चितले ने कहा कि टीमवर्क और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं के लिए तैयार रहना आवश्यक है. सीए अशोक कुमार पगारिया और राजेंद्र मुथा ने भी अपने विचार व्यक्त किए. सभी मान्यवरों ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्तित्वों का अभिनंदन किया और सूर्यदत्त संस्था के कार्य की सराहना की. कार्यक्रम का संचालन डॉ. ेशेता राठौड़- कटारिया ने किया. स्नेहल नवलखा ने आभार व्यक्त किया.
भारतीय संस्कार और मूल्य अत्यंत महान ः रजा मुराद
वरिष्ठ अभिनेता रजा मुराद ने कहा, सूर्यदत्त संस्था विद्यार्थियों के लिए जड़ों के समान है. माता-पिता कड़ी मेहनत कर आपको शिक्षित करते हैं, इसलिए हमें अपने माता-पिता और शिक्षण संस्थानों को कभी नहीं भूलना चाहिए. भारतीय संस्कार और मूल्य अत्यंत महान हैं. इस संस्था में इन संस्कारों और मूल्यों की शिक्षा दी जाती है, जिससे भविष्य की पीढ़ी निश्चित रूप से श्रेष्ठ बनेगी. प्रास्ताविक भाषण में प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने कहा यह पुरस्कार समारोह विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा और ऊर्जा प्रदान करने वाला है. दीपस्तंभ की तरह समाज में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को पिछले 23 वर्षों से सूर्यदत्त जीवनगौरव और मसूर्यदत्त राष्ट्रीय पुरस्कारफ से सम्मानित किया जाता रहा है. सूर्यदत्त पिछले 27 वर्षों से समग्र विकास आधारित शिक्षा के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है. विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा दिया जाता है.
समाजसेवा का अवसर नहीं छोड़ना चाहिए ः जयाप्रदा
अभिनेत्री जयाप्रदा ने कहा कि समाज सेवा करने का अवसर मिले तो उसे कभी नहीं छोड़ना चाहिए. मैंने 13 वर्ष की उम्र में फिल्म उद्योग में प्रवेश किया और अपने कैरियर में दर्शकों का भरपूर प्रेम पाया. राजनीति में तीन बार सांसद बनने का अवसर मिला. सिनेमा और राजनीति, दोनों के माध्यम से समाज की सेवा करने का सौभाग्य मिला, जिससे अत्यंत संतोष का अनुभव होता है.