पुणे, 10 फरवरी (आ.प्र.)
शहर के बिल्डर्स एसोसिएशन ने यातायात शाखा द्वारा शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर निराशा व्यक्त की है, उनका दावा है कि समय पर कच्चा निर्माण सामग्री नहीं पहुंचने के कारण वे समय पर परियोजना पूरी नहीं कर पाएंगे. रेरा अधिनियम में यह प्रावधान है कि परियोजनाओं को एक निश्चित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाना चाहिए और यातायात शाखा के निर्णय से निर्माण परियोजनाओं में देरी या पुनर्निर्धारण होगा. रियल एस्टेट डेवलपर संदेश अग्रवाल ने कहा कि यातायात पुलिस विभाग ने बिल्डरों और ट्रांसपोर्ट्स एसोसिएशन से परामर्श किए बिना एकतरफा निर्णय लिया. शहर में भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के इस मूर्खतापूर्ण कदम से नए बने घरों की लागत बढ़ेगी, सड़क निर्माण में देरी होगी और उद्योग को नुकसान होगा. यह निर्णय गलत है और इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाना चाहिए.
क्रेडाई पुणे मेट्रो के सदस्य अमित मोदगी ने कहा कि यातायात पुलिस को निर्णय लेने से पहले इस मुद्दे का विस्तार से अध्ययन करना चाहिए था. इससे पहले भारी वाहनों पर प्रतिबंध सुबह और शाम को था, लेकिन 24 घंटे के प्रतिबंध से रियल एस्टेट क्षेत्र और शहर में चल रही परियोजनाओं पर असर पड़ने वाला है. पुलिस विभाग को ऐसा कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी हितधारकों से बात करनी चाहिए. भारी वाहनों के कारण शहर में यातायात की भीड़ और दुर्घटनावश होने वाली मृत्यु में वृद्धि को देखते हुए, यातायात पुलिस ने मल्टी-एक्सल वाहनों, कंटेनर, ट्रेलर और 10 से अधिक पहियों वाले बल्कर्स सहित भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. भारी वाहनों को सोमवार से शनिवार तक सुबह 7 बजे से रात 10 बजे के बीच शहर (लाल क्षेत्रों और अन्य आंतरिक सड़कों को छोड़कर) में प्रवेश करने पर प्रतिबंध रहेगा. हालांकि, आवश्यक सेवाओं के वाहनों को रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच शहर में प्रवेश करने की अनुमति होगी.
सभी हितधारकों की राय लेंगे :
झेंडे इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए, डीसीपी (यातायात) अमोल झेंडे ने कहा कि हम सभी हितधारकों की राय लेंगे और शहर में भारी वाहनों की भीड़भाड़ की मौजूदा समस्या का सकारात्मक समाधान निकालने की कोशिश करेंगे.
आवश्यक कदम उठाए जाएंगे :
भोसले मनपा आयुक्त राजेंद्र भोसले ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यातायात समाधान का मुद्दा हितधारकों को प्रभावित न करे और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.