महानगरपालिका के कमर्चारियों पर ‌‘आयकर' की गाज

2014 से बकाया वसूली के कारण कर्मियों को दो माह तक वेतन नहीं मिलेगा

    11-Feb-2025
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शिवाजीनगर, 10 फरवरी (आ.प्र.)
 
सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकांश मनपा कर्मचारी भी आयकर के दायरे में आ गए. हालांकि आयकर विभाग ने मनपा से पिछले दस वर्षों का बकाया भी वसूलने की तैयारी की है, खासकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से, जो सातवें वेतन आयोग से पहले कर के दायरे में नहीं आते थे. इससे हजारों कर्मचारी चिंतित हो गए हैं. खास बात यह है कि यह बकाया लगभग अस्सी हजार रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक है. मनपा ने कर्मचारियों को जनवरी माह का वेतन भी अभी तक नहीं दिया है, क्योंकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले यानी 31 मार्च तक पूरा बकाया भुगतान करने का नोटिस भेजा है. इससे कर्मचारियों में रोष है.
 
गौरतलब है कि मनपा में लगभग 18,000 अधिकारी और कर्मचारी हैं. इनमें सबसे बड़ी संख्या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की है. इन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन उनके संबंधित विभागों द्वारा अलग-अलग निकाला जाता है. इस वेतन से भविष्य निधि सहित सभी कटौतियां काटने के बाद ही उस विभाग की ओर से वेतन बिल तैयार किया जाता है. मुख्यतः चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अब तक आयकर के अधीन नहीं थे. हालांकि, उनका आयकर रिटर्न मनपा द्वारा ही दाखिल किया जा रहा था. इसलिए इन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को इंकम टैक्स प्रैक्टिशनर, सी.ए., जैसे किसी से संपर्क करने का सवाल ही नहीं उठता.
 
हाल ही में आयकर विभाग ने मनपा के प्रत्येक विभाग को पत्र भेजकर बताया है कि उनके विभागों के कर्मचारियों के पास पैन व आधार लिंक नहीं हैं, तथा उन्होंने समय सीमा के बाद रिटर्न दाखिल किया है, तथा प्रत्येक से 2014 से बकाया राशि वापस लेनी है. यह राशि भी लगभग अस्सी हजार रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये से अधिक तक है. पत्र में यह भी कहा गया है कि यह राशि चालू वित्त वर्ष के अंत तक यानी 31 मार्च से पहले चुका दी जानी चाहिए. यह राशि मनपा प्रशासन यानी प्रत्येक विभाग के माध्यम से आयकर विभाग में जमा करानी होगी. इसलिए, प्रत्येक विभाग प्रमुख ने कर्मचारियों की सूची और उन पर बकाया राशि मुख्य लेखाकार कार्यालय को भेजनी शुरू कर दी है. हालांकि, यह राशि कई लोगों के वेतन से डेढ़ से दो गुना तक है.
 
इन सवालों का जवाब कौन देगा ?
अब सवाल यह है कि चालू वर्ष में बचे हुए दोनों वेतन से यह राशि कैसे काटी जाए..? यदि कटौती की गई तो कई लोगों को अपना पूरा वेतन देना पड़ेगा. इसलिए प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि कर्मचारी और उसका परिवार दो महीने तक कैसे गुजारा करेगा. इसलिए प्रशासन ने अभी तक जनवरी का वेतन बैंक में जमा नहीं कराया है. वेतन भुगतान की अंतिम तिथि में देरी होने के कारण ऋण लेने वाले कर्मचारियों को ईएमआई तथा अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
 
आयकर विभाग और मनपा के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी
इस संबंध में बोलते हुए कर्मचारी प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि आयकर विभाग 2014 से ही टैक्स की मांग कर रहा है. मनपा ने कर्मचारियों के आयकर रिटर्न दाखिल करने का काम एक निजी संस्था को सौंप दिया है. यदि उन्हें पिछले दस वर्षों में इसका एहसास नहीं हुआ तो यह उनकी और प्रशासन की गलती है. यदि वित्तीय वर्ष के अंतिम महीनों में सभी के वेतन में कटौती की गई तो इससे कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी. ट्रेड यूनियनों ने आयकर विभाग और मनपा प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है.