POP की मूर्तियों के निर्माण व विसर्जन पर प्रतिबंध

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशानुसार मनपा प्रशासन द्वारा नई गाइडलाइंस जारी

    14-Feb-2025
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dbsb 
 
पुणे, 13 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

उच्च न्यायालय के आदेशानुसार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने त्यौहारों पर प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी मूर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. इस निर्णय को मनपा द्वारा सख्ती से लागू किया जाएगा, जिससे न केवल पीओपी मूर्तियों के निर्माण पर प्रतिबंध रहेगा, बल्कि उनका विसर्जन भी पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. अब मूर्तियों का विसर्जन केवल कृत्रिम जलाशयों (कृत्रिम तालाबों) में ही किया जा सकेगा. प्राकृतिक जलस्रोतों (नदियों, तालाबों, झीलों) में मूर्ति विसर्जन प्रतिबंधित रहेगा. यह आदेश अतिरिक्त आयुक्त पृथ्वीराज बी.पी. ने जारी किए हैं. 12 मई 2020 को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मूर्ति विसर्जन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे. इनमें पर्यावरण के लिए हानिकारक पीओपी मूर्तियों पर प्रतिबंध लगाया गया था. लेकिन इस फैसले के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसके चलते इसे लागू नहीं किया गया था. हाल ही में, 30 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने पीओपी मूर्तियों के निर्माण और विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया और प्रशासन को इसे कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया. पूजा सामग्री भी होगी पर्यावरण-अनुकूल फूल, वस्त्र और अन्य पूजा सामग्री पूरी तरह से प्राकृतिक और जैव-विघटनशील होनी चाहिए. धातु, कांच और मिट्टी से बनी थाली एवं बर्तनों का उपयोग करें. पत्तों से बनी प्लेटों (जैसे केले के पत्तों) का उपयोग करें, एकल-उपयोग वाले (सिंगल यूज) प्लास्टिक प्लेटों एवं अन्य प्लास्टिक सामग्री का उपयोग न करें. मूर्तियों के आभूषण सूखे फूलों, घास, प्राकृतिक पत्तियों और अन्य जैविक सामग्रियों से बनाए जाएं. पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई आगामी सभी त्यौहारों और धार्मिक आयोजनों में इन नियमों का सख्ती से पालन किया जाएगा. यदि किसी ने इन निर्देशों का उल्लंघन किया तो पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए मनपा द्वारा अलग से स्क्वॉड बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से त्यौहारों के दौरान विशेष ध्यान रखा जाएगा. पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी.  
 
प्राकृतिक सामग्री जरुरी

मनपा ने पीओपी मूर्तियों पर प्रतिबंध को लेकर विस्तृत मार्गदर्शक निर्देश जारी किए हैं. केवल प्राकृतिक एवं पर्यावरणअनुकू ल सामग्री से बनी मूर्तियों को अनुमति मिलेगी. मूर्तियां प्लास्टिक और थर्माकोल से मुक्त होंगी. पीओपी मूर्तियों का निर्माण एवं विसर्जन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा. सभी मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाबों, सोसायटियों में बने टैंकों, या मूर्ति संग्रह केंद्रों में अनिवार्य रूप से किया जाएगा. मूर्तियों को रंगने के लिए केवल पर्यावरण-अनुकूल, पानी-आधारित, जैव-विघटनशील और गैर-विषैले प्राकृतिक रंगों (जैसे हल्दी, चंदन, गेरू आदि) का ही उपयोग किया जाएगा. तेज रासायनिक रंग, ऑयल पेंट्स, और कृत्रिम रंगों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.