डीपीयू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का ऐतिहासिक रिकॉर्ड

36 घंटों में 6 अंग-प्रत्यारोपण पूरे किए : छह मरीजों को मिला नया जीवन

    19-Feb-2025
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पिंपरी, 18 फरवरी (आ.प्र.)

चिकित्सा विशेषज्ञता और जीवन-रक्षक प्रयास, तत्परता, चिकित्सा प्रौद्योगिकी का उपयोग, विशेषज्ञों का योगदान और रोगी कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता ने इसे एक अद्वितीय और अनूठा बना दिया है. एक गौरवपूर्ण उपलब्धि के रूप में पिंपरी स्थित डीपीयू सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने मात्र 36 घंटों में 6 अंग-प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने 2 फेफड़ों का प्रत्यारोपण किया. कई गंभीर रूप से बीमार रोगियों को प्रत्यारोपण के माध्यम से नया जीवन दिया गया, 3 किडनी प्रत्यारोपण और 1 लिवर प्रत्यारोपण किया गया. अंगदाता डी.पी.यू. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की 52 वर्षीय महिला थी, जिसके साथ खेड़ के निकट सड़क हादसा हुआ था. महिला एक टू-व्हीलर के पीछे बैठी थी, तभी एक स्पीड बम्प को पार करते समय वाहन असंतुलित हो गया और वह गिर गई. दुर्घटना के बाद उसे तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया और इसके बाद उन्हें एम्बुलेंस से पुणे के पिंपरी स्थित डीपीयू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, घटनास्थल से अस्पताल आने तक उसकी तबीयत बिगड़ गई. डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. उसके परिवार ने उसके फेफड़े, गुर्दे और यकृत दान करने का बड़ा निर्णय लिया. उसकी आंखें भी दान कर दी गईं. इसके अलावा, फेफड़े और गुर्दे दूसरे अस्पताल से उपलब्ध थे और उनका सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया. तीसरा किडनी प्रत्यारोपण एक जीवित दाता के अंग का उपयोग कर किया गया. 36 घंटों में 6 अंग प्रत्यारोपण का सफलतापूर्वक पूरा होना डीपीयू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के उत्कृष्ट चिकित्सा बुनियादी ढांचे, कुशल सर्जनों, अनुभवी एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और कुशल गहन देखभाल विशेषज्ञों के समर्पण का प्रमाण है. इसमें नर्स, तकनीशियन, प्रत्यारोपण समन्वयक और अधिकारी शामिल हैं.  
 
परामर्शदाताओं का मार्गदर्शन एक मील का पत्थर

टीम ने अथक परिश्रम किया. प्रशासनिक विभाग ने कानूनी प्रक्रिया की योजना बहुत सावधानी से बनाई. परामर्शदाताओं ने रोगियों और उनके परिवारों को बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान किया. यह मील का पत्थर एक मजबूत और अच्छी तरह से समन्वित प्रणाली की शक्ति को रेखांकित करता है. यह हमेशा सामान्य से आगे बढ़ने की दृढ़ प्रतिबद्धता से प्रेरित है. डॉ. डी. वाई. पाटिल विश्वविद्यालय की प्र-कुलपति डॉ. भाग्यश्री पी. पाटिल और ट्रस्टी एवं कोषाध्यक्ष डॉ. यशराज पाटिल के दूरदर्शी नेतृत्व और प्रेरणा के कारण संभव हुई. निरंतर सहयोग से चिकित्सा क्षेत्र का विकास हुआ है. उत्कृष्टता के नये मानक स्थापित किये जा रहे हैं.
 यह उपलब्धि हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण : डॉ. भाग्यश्री
डॉ. भाग्यश्री ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा, यह उपलब्धि चिकित्सा उत्कृष्टता और संवेदनशील स्वास्थ्य सेवा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. 36 घंटों में 6 अंग प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक पूरा करना हमारी चिकित्सा टीम की कुशलता और समर्पण का प्रमाण है. हम उन्नत अंग-प्रत्यारोपण प्रौद्योगिकी के प्रति प्रतिबद्ध हैं और अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रयास करते रहेंगे.