मुआवजे से अटका सड़कों के लिए भूमि अधिग्रहण का काम

जमीन मालिकों द्वारा टीडीआर और एफएसआई के बजाय नकद राशि में मुआवजे की मांग

    21-Feb-2025
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पुणे, 20 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

विकास योजना में दिखाई गई सड़कों को हकीकत में लाने के लिए मनपा को भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है. इसके लिए जमीन मालिक नकद मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन मनपा के अधिकारी उन्हें टीडीआर (ट्रांसफर डेवलपमेंट राइट्स) और एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) के रूप में मुआवजा देने पर जोर दे रहे हैं. चूंकि यह मुआवजा व्यवहारिक नहीं है, इसलिए छोटे जमीन मालिक सड़क निर्माण के लिए अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं. इस वजह से शहर की कई महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाएं सालों से अटकी हुई हैं. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा. पुणे मनपा को भूमि अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है, लेकिन यह संपूर्ण राशि तुरंत उपलब्ध नहीं हो सकती. राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए 50% निधि प्रदान कर रही है, जबकि शेष 50% राशि मनपा अपने बजट से दे रही है. शहर की प्रमुख 33 सड़कों के लिए लगभग 870 करोड़ रुपये और एयरपोर्ट के आसपास की सड़कों के चौड़ीकरण के लिए 120 करोड़ रुपयों की आवश्यकता है. इस प्रकार, एक हजार करोड़ रुपये की कुल जरूरत में से इस वर्ष सरकार से 500 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं. शहर के उपनगरों में भारी ट्रैफिक जाम के कारण डीपी (डेवलपमेंट प्लान) में प्रस्तावित वैकल्पिक सड़कों के निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन मनपा के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसके विपरीत, जहां पर किसी बड़े बिल्डर की परियोजना प्रस्तावित होती है, तो उसके आसपास की डीपी में शामिल सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर तेज गति से बनाया जा रहा है. वर्तमान में ऐसा ही एक उदाहरण सिंहगढ़ रोड क्षेत्र में देखने को मिल रहा है, जहां बिना किसी विशेष मांग के सड़क निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. महत्वपूर्ण शहर की ट्रैफिक समस्या अत्यंत गंभीर वर्तमान में मौजूद सड़कों के समानांतर या वैकल्पिक सड़कें उपलब्ध नहीं हैं. विकास योजना (डीपी) में वैकल्पिक मार्ग दिखाए गए हैं, लेकिन वे अभी तक वास्तविक रूप में नहीं बने हैं. इसलिए मनपा ने इसका सर्वेक्षण कर विकास योजना में शामिल मिसिंग लिंक की सूची तैयार की है. इनमें से कुछ महत्वपूर्ण सड़कों के लिए भूमि अधिग्रहण को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जा रहा है.  
 
बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान

शहर की सड़कों का निर्माण समय पर न होने के कारण ट्रैफिक की समस्या गंभीर होती जा रही है. अधिकांश भू-मालिक टीडीआर और एफएसआई के रूप में मुआवजा नहीं चाहते, बल्कि उन्हें नकद राशि चाहिए. इसलिए जहां आवश्यक होगा, वहां नकद भुगतान करके भूमि अधिग्रहण किया जाएगा. इसके लिए मनपा के बजट में 200 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया जाएगा, जिससे महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं को गति मिलेगी.
- डॉ. राजेंद्र भोसले (आयुक्त, पुणे मनपा)