पुणे, 24 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
कोथरूड में एक आईटी इंजीनियर और भाजपा कार्यकर्ता की पिटाई के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया है. इस मामले में कुख्यात गजानन मारणे और उसके 27 साथियों पर मकोका के तहत कार्रवाई की गई है. साथ ही, मारणे को शाम तक गिरफ्तार भी कर लिया गया. पुलिस अब गिरोह से जुड़े अपराधियों की संपत्तियों को जब्त करने और उनके अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने की दिशा में कदम उठा रही है. पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अपराधी सुधरते हैं तो ठीक, लेकिन अगर वे किसी भी प्रकार की गैरकानूनी हरकत करने की कोशिश करेंगे, तो पुलिस किसी भी दबाव में आए बिना उनके गिरोहों को पूरी तरह से नष्ट कर देगी. पुणे श्रमिक पत्रकार संघ द्वारा आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम में अमितेश कुमार ने शहर में अपराध, ट्रैफिक, साइबर क्राइम, वाहनों की तोड़फोड़ और अवैध गतिविधियों पर की जा रही सख्त कार्रवाई के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कोथरूड में भाजपा कार्यकर्ता और सॉफ्टवेयर इंजीनियर देवेंद्र जोग पर हुए हमले और उसके बाद की गई पुलिस कार्रवाई की विस्तृत जानकारी भी साझा की. इस दौरान पुणे श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष सुनीत भावे और महासचिव मीनाक्षी गुरव मंच पर उपस्थित थीं. आयुक्त अमितेश कुमार ने दावा किया कि पिछले वर्ष की तुलना में पुणे में अपराध दर घटी है, हालांकि अभी भी पूर्ण संतोषजनक स्तर तक नहीं पहुंची है. अपराध कम करने के लिए पुलिस लगातार नए उपाय कर रही है, जिनमें आईटीएमएस प्रणाली, अतिरिक्त पुलिस स्टेशन, अधिक पुलिस बल और नए वाहनों की उपलब्धता, ट्रैफिक सुधार और सीसीटीवी निगरानी शामिल हैं. सरकार ने इस उद्देश्य के लिए 1000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है. पुलिस ने कॉप 24 योजना शुरू की है, जिससे सड़कों पर पुलिस की उपस्थिति और उनकी त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता बढ़ी है. इन उपायों के कारण शहर में अपराध दर में गिरावट आई है, और अब शहर में कोयता गैंग सक्रिय नहीं है. पुलिस आयुक्त ने वेिशास जताया कि आने वाले समय में अपराध को और अधिक नियंत्रित किया जाएगा. *
गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई
आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि कोथरूड के भेलकेनगर चौक पर चार लोगों ने देवेंद्र जोग पर हमला किया था. इस मामले में पुलिस ने ओम धर्मजिज्ञासू, किरण पडवल और अमोल तापकीर को गिरफ्तार किया है, जबकि गजानन मारणे का भांजा श्रीकांत उर्फ बाब्या पवार फरार है. पुलिस इस घटना को केवल एक झगड़े के रूप में नहीं देख रही, बल्कि इसे संगठित अपराध मानते हुए गिरोह को खत्म करने की रणनीति अपना रही है. हमले के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके साथ फिल्म देखने गए अन्य लोगों के कॉल डिटेल्स की भी जांच की जा रही है.
गजानन मारणे गिरोह का सरगना
गजानन मारणे ने घटनास्थल पर मौजूद न होते हुए भी पूरे हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी, इसलिए उसे भी इस अपराध का मुख्य आरोपी बनाया गया है और मकोका के तहत कार्रवाई की गई है. पुलिस गिरोह के सदस्यों की राज्यभर में मौजूद संपत्तियों की जानकारी जुटा रही है. उनके वाहनों की भी आरटीओ से जांच करवाई जा रही है. अवैध निर्माणों को लेकर मनपा से जानकारी मांगी गई है और जल्द ही इन पर कार्रवाई होगी. पुलिस अब तक 74 बार छापेमारी कर चुकी है और आरोपियों की संपत्तियों को जब्त करने के साथ-साथ अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की योजना बना रही है.
गैंग से परेशानी है तो करें शिकायत
अगर किसी को गजानन मारणे गिरोह से कोई परेशानी हुई है, तो वे बेझिझक पुलिस से शिकायत करें. इसके लिए अपराध शाखा के उपायुक्त निखिल पिंगले के नेतृत्व में एक विशेष समिति बनाई गई है, जहां लोग इन गिरोहों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं. बीड़ जिले में विंड मिल के मामले में हस्तक्षेप करने वाले पुणे के एक अन्य अपराधी के खिलाफ भी इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की जाएगी, अगर उसके खिलाफ कोई शिकायत आती है. पुलिस किसी भी राजनीतिक या बाहरी दबाव में आए बिना अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार है.