डीपी रोड के पूरा होने तक सनसिटी-कर्वेनगर पुल न खोला जाए

कर्वेनगर क्षेत्र के लोगों ने समस्याओं से परेशान होकर मानव श्रृंखला बनाकर की मांग

    03-Feb-2025
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 पुणे, 2 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)


लगभग 22 वर्षों से अटका हुआ विकास आराखड़े के (डी.पी.) सड़क, बढ़ते अतिक्रमण,अनधिकृत निर्माण, खाऊ गल्ली, आवारा कुत्तों के उपद्रव जैसी विभिन्न समस्याओं से परेशान कर्वे नगर क्षेत्र के निवासियों ने रविवार को मानव श्रृंखला बनाकर आंदोलन किया. निवासियों ने यह भी मांग की कि डीपी रोड तैयार न होने तक सनसिटी-कर्वेनगर पुल न खोला जाए. यह आंदोलन कर्वेनगर क्षेत्र के निवासियों द्वारा स्थापित कर्वेनगर संघटित सोसायटी मंच के द्वारा कराया गया. सनसिटी-कर्वेनगर पुल के कर्वेनगर हिस्से में, दुधाने लांस के पास स्थित स्थान पर हुए इस आंदोलन में क्षेत्र के बहुत से निवासी शामिल हुए. मंच की ओर से अमित ओवले ने अपनी बात रखी, वहीं पथ विभाग के प्रमुख अनिरूद्ध पावसकर ने मनपा की ओर से अपना बयान दिया. प्रभाग के पूर्व लोकप्रतिनिधि नागरिक भी इस आंदोलन में भाग लेने लगे हैं.

 इस मामले में मंच के एक व्यक्ति ने बताया कि कर्वेनगर क्षेत्र में कई समस्याएं हैं सनसिटी से कर्वेनगर पुल के कारण कर्वेनगर के उस हिस्से में यातायात की भीड़ बढ़ जाएगी. राजाराम पुल (जो कर्वेनगर की ओर है) से वारजे तक भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक के आसपास का विकास आराखड़ा (डी.पी.) सड़क पिछले 22 वर्षों से अधूरी है. निवासियों को अत्यंत संकरे रोड से गुजरना पड़ता है. यहाँ की सड़कें संकरी हैं और लगातार यातायात जाम रहता है. प्रशासन इन समस्याओं की अनदेखी कर रहा है. इस बारे में पावसकर ने कहा कि भूसंपादन के लिए सभी ने नकद भुगतान की मांग की, जिसके कारण भूसंपादन में अड़चनें आ रही हैं. लेकिन, संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा करके इसका समाधान निकाला जाएगा.

 महापालिका आयुक्त ने यहां की सड़कें चौड़ी करने के संबंध में सोमवार को बैठक बुलाई है. पूर्व लोकप्रतिनिधि भी इस मुद्दे पर फॉलोअप कर रहे ह्‌ैं‍. इसके अलावा, भूसंपादन के लिए पथ विभाग द्वारा भी जमीन मालिकों से चर्चा की जाएगी. म्हात्रे पुल से लेकर शिवणे तक के मार्ग को चौड़ा करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. हम सभी कर्वेनगर क्षेत्र के निवासी एक साथ आए हैं. यह आंदोलन पूरी तरह से गैर-राजनीतिक है. प्रशासन और लोकप्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए मानव श्रृंखला बनाई गई है. प्रशासन का रिस्पांस देखकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी. साथ ही इस संदर्भ में विधायक सांसद और पालकमंत्रियों से आग्रह किया गया कि वे प्रशासन को आदेश जारी करें.