पुणे, 2 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) दक्षिणी राज्यों के नेता, अभिनेता और साहित्यकार अपनी भाषा के लिए एकजुट होते हैं. कर्नाटक राज्य के सभी दलों के नेता कावेरी नदी के पानी के विवाद में एकजुट हुए, यह हम सब ने देखा है. इसी तरह राज्य के सभी नेता, अभिनेता और साहित्यकार यदि अपने मतभेदों को छोड़कर मराठी भाषा के लिए अगर एकजुट हो जाएं, तो कोई भी मराठी भाषा और मराठी लोगों के साथ छेड़छाड़ करने की हिम्मत नहीं करेगा, यह सख्त बयान महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को व्यक्त किया. वेिश मराठी सम्मेलन का समापन रविवार को राज ठाकरे की प्रमुख उपस्थिति में हुआ. इस अवसर पर ठाकरे ने अपने विचार रखे. इस कार्यक्रम में ठाकरे ने अभिनेता रितेश देशमुख को ‘कलारत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया.
इस अवसर पर मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत, वरिष्ठ अभिनेता सयाजी शिंदे, वरिष्ठ कवि रामदास फुटाणे, रवींद्र शोभणे, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सदानंद मोरे, वरिष्ठ नेता उल्हास पवार, पुणे पुस्तक महोत्सव के संयोजक राजेश पांडे आदि उपस्थित थे. ठाकरे ने कहा कि हमें अपनी भाषा पर दृढ़ रहना चाहिए, तभी दुनिया हमें सम्मान देती है. आज फ्रांसीसी लोग अपनी भाषा पर गर्व करते हैं, इसलिए उनके साथ संवाद करते समय फ्रेंच में बात करनी पड़ती है. अगर हम अपनी भाषा से इतिहास से शिक्षा नहीं लेंगे, तो उसका कोई फायदा नहीं. हमें इतिहास और भूगोल के बारे में जानकारी होना चाहिए. रितेश देशमुख ने कहा कि मराठी घर में जन्म लेना एक सौभाग्य की बात है. जन्म लेने के बाद पहला शब्द भी मराठी ही कानों में पड़ता है.
इसी मराठी के कारण हमारी पहचान बनती है. हालांकि मैं हिंदी फिल्मों में काम करता हूं, लेकिन मेरे सपने मराठी में ही हैं.राज ठाकरे ने साहित्यकारों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें बोलना चाहिए और अपनी स्पष्ट राय रखनी चाहिए. साहित्यकारों को केवल पुस्तकें लिखने से काम नहीं चलेगा, उन्हें मार्गदर्शन भी देना होगा. साहित्यकारों को बोलना शुरू करना चाहिए, तभी लोग सुनेंगे और उनके किताबें भी ज्यादा पढ़ी जाएंगी.
नासिक में अगला वेिश मराठी सम्मेलन मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि राज ठाकरे की उपस्थिति के कारण सम्मेलन वास्तव में सफल रहा. मराठी के लिए राज्य में संघर्ष कर रहे नेताओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को भव्यता दी. मुझे मराठी भाषा मंत्री होने पर गर्व है. ऐसे ही गर्व मराठी भाषा विभाग के अधिकारियों को भी होना चाहिए्. तभी मराठी भाषा विभाग से अच्छा काम होगा. मैंने मराठी भाषा विभाग के मंत्री बनने के बाद राज्य में विभिन्न स्थानों पर वेिश मराठी सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया है. इसके तहत अगला सम्मेलन नासिक में होगा, यह मंत्री उदय सामंत ने घोषित किया.