जाति और धर्म नहीं, बल्कि मानवता ही सर्वोच्च

सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी के सद्भावना दौरे के अवसर पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र राजमोहन गांधी ने कहा

    08-Feb-2025
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लवले, 7 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
आज विश्व अशांति की स्थिति में है. पूरे वेिश में आधिपत्य को एक महत्वपूर्ण मुद्दा माना जाता है. यह सभी के लिए परेशान करने वाली प्रवृत्ति है. समानता, मानवता, निष्ठा और लोकतंत्र के मूल्यों का सभी को सम्मान करना चाहिए. महात्मा गांधी के प्रपौत्र राजमोहन गांधी ने विचार व्यक्त किया कि उनका अपमान नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने शुक्रवार (7 फरवरी) को सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (लवले) का सद्भावना दौरा किया. वह उस समय बोल रहे थे. सिम्बायोसिस वेिशविद्यालय के कर्मचारियों और अंतर्राष्ट्रीय अफ्रीकी छात्रों को संबोधित करते हुए राजमोहन गांधी ने कहा कि भारत सभी के लिए है
 
हिंदू, मुस्लिम, यहूदी, ईसाई आदि. यह महत्वपूर्ण है कि सभी को समान अधिकार प्राप्त हों. अधिकारों की समानता बहुत महत्वपूर्ण है. जाति और धर्म सर्वो च्च नहीं हैं, बल्कि मानवता सर्वोच्च है. डॉ. रामकृष्णन रमण (कुलपति, सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी) ने स्वागत भाषण दिया तथा सिंम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डॉ. विद्या येरवडेकर ने आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन अमृता रुइकर (सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की अंतर्राष्ट्रीय प्रवेश एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख) ने किया.
 
डॉ. एस. बी. मुजुमदार (सिम्बायोसिस के संस्थापक और अध्यक्ष तथा सिम्बायोसिस अंतर्राष्ट्रीय वेिशविद्यालय के चांसलर) ने कहा कि एक जीवविज्ञानी होने के नाते मुझे राजमोहन गांधी जी में महात्मा गांधी और सी. राजगोपालाचारी के गुणसूत्र स्पष्ट दिखाई देते हैं. मैं आज सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में महात्मा गांधी के प्रपौत्र के रूप में उनके दर्शन कर रहा हूं और यह वास्तव में हम सभी के लिए गर्व का क्षण है.