गंभीर जख्मी शिशु को डीवाईपीएमसी में मिली नई जिंदगी

AajKaAanad    12-Jun-2020
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पिंपरी स्थित डॉ. डी.वाई. पाटिल मेडिकल कॉलेज (डीवाईपीएमसी) एंड रिसर्च सेंटर में चक्रवाती तूफान मनिसर्गफ के हादसे में गंभीर जख्मी दो महीने के शिशु को इलाज के जरिए नई जिंदगी मिली.
 
बता दें कि खेड तहसील के चासकमान में टिनों की सहायता से घर को आधार देने वाले लोहे के रॉड से बंधी कपडे की झोली में शिशु को सुलाया गया था. तेज हवा में छत सहित रॉड उखड गई और झोलीनुमा झूला शिशु के साथ २० फीट ऊंचा उडकर नीचे गिर पडा. इस हादसे में शिशु की खोपडी में फ्रै्नचर हुआ था और दिमाग को झटका लगने से उसकी हालत गंभीर थी. इतनी खतरनाक दुर्घटना में शिशु बाल- बाल बच गया, लेकिन हालत गंभीर थी.
 
उसे मंचर के एक हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां से उसे डीवाईपीएमसी रेफर किया गया. हॉस्पिटल में बच्चों के मस्तिष्क-रोग विशेषज्ञ डॉ. विश्वनाथ कुलकर्णी ने उसका इलाज शुरू किया. खास बात यह रही कि हादसे में शिशु की खोपडी को आघात पहुंचा था और कहीं कोई खरोंच तक नहीं थी.
 
डॉ. मनोज कुमार पाटिल व उनके सहकर्मियों की देखरेख में शिशु को आईसीयू में भर्ती कराया गया. ५ दिन के इलाज में बच्चे ने सकारात्मक रिस्पॉन्स दिया, जिसके बाद उसे गंभीर हालत से बाहर निकाला गया और उसने मौत को मात दी. बाद में उसकी सभी रिपोट्र्स नॉर्मल आईं. फिलहाल उसे जनरल वाड में शिफ्ट किया गया है और जल्द ही डिस्चार्ज दिया जायेगा. बालरोग विभाग की यूनिट प्रमुख डॉ. शैलजा माने ने बताया कि हादसे के बाद बच्चे के माता-पिता व दादा-दादी टूट चुके थे. उन्हें मानसिक आधार देकर समझाया गया. रियायती फीस में शिशु का इलाज किया गया. मंचर के डॉ. कैलाश धायबर ने समय पर प्राथमिक उपचार किया, जिससे हम आगे की चिकित्सा कर सके.