५३ ठिकानों पर छापे के बाद लगातार हो रहे चा।लशपीं;काने वाले खुलास
किशोर वाधवानी ने ५ सालों में १५०० करोड के अधिक की टै्नस चोरी की. ऐसा अनुमान छापामारी के बाद डीजीसीआई की टीम ने व्य्नत किया है. पूछताछ में एक के बाद एक चा।लशपीं;काने वाले खुलासे हो रहे हैं.. अवैध सिगरेट व गुटखे के कारोबार में किशोर वाधवानी और उसकी ग।लशपीं;ग द्वारा मात्र एक साल में ही ५१२ करोड रुपए की कर चोरी को अंजाम दिया गया है. डीजीजीआई की टीम द्वारा पान मसाले में २४२ करोड और सिगरेट में २७० करोड की टैक्स चोरी का खुलासा किया जा चुका है. यह कर चोरी अप्रैल २०१९ से मई २०२० तक की है. अब वाधवानी गैंग के सभी आरोपियों के पांच सालों के रिटर्न खंगाले जा रहे हैं.. साथ ही पैकिंग मटेरियल सप्लायर और ट्रांसपोटर से पूछताछ कर पांच साल के परिवहन व माल सप्लाय की जानकारी जुटाई जा रही है. बडी टैक्स डिमांड को देखते हुए विभाग ने संपत्तियों को अटैच करना शुरू कर दिया है. विभागीय अफसरों को आशंका है कि पांच साल का आंकडा जोडने पर टैक्स चोरी १५०० करोड से ऊपर पहुंचेगी.
पान मसाला और सिगरेट के सिंडिकेट पर चल रही छापामार कार्रवाई में अब डीजीजीआई एक-एक कडी जोडने में लगा है. विभाग को शुरुआती छापे में कुछ गोदामों में सिगरेट, पान मसाले का पैकिंग मटेरियल मिला था, इसी मटेरियल के जरिए विभाग ने पहले सप्लायर को पकडा और इससे पता चला कि वह हर माह कितना माल सप्लाई करता था. एलोरा टोबेको के गोदाम से मिले माल से खुलासा हुआ कि कंपनी हर महीने आठ करोड की सिगरेट पैकिंग मटेरियल लेती थी. अब विभाग ने आशु रोड लाइंस के साजिद पांजा से पूछताछ की शुरू की है, जिसने सिंडिकेट के पास पैकिंग मटेरियल पहुंचाने और फिर बने हुए माल को मप्र के अन्य जिलों व पडोसी महाराष्ट्र पहुंचाने में भूमिका निभाई.
यह पता किया जा रहा है कि यह अपने वाहन किन-किन गोदामों पर पहुंचाता था और वह कहां पर हैं.. डायरेक्टोरेट ऑफ जनरल इन्वेस्टीगेशन ने छापे के दौरान ५.७० करोड रुपये नकदी भी अटैच की. सांवेर रोड व आरएनटी मार्ग पर ६ प्रॉपटी, १४ बैंक खाते सीज किए, ताकि सिंडिकेट से राशि वसूल सकें. यह संपत्तियां व बैंक खाते मास्टरमाइंड बताए जा रहे किशोर वाधवानी से जुडी बताई जा रही हैं.. विभाग ने ३० मई से ३० जून के बीच शहर और आसपास ५३ ठिकानों पर छापे मारे हैं., जिसमें भारी मात्रा में कच्चा माल, पैकिंग मटेरियल के साथ २८ अघोषित मशीनें मिली हैं., जिनसे सिगरेट बनाकर अवैधानिक तरीके से बेची जा रही थी.