काेराेना वायरस (काेविड-19) की तीसरी संभावित लहर से बच्चाें काे सबसे ज्यादा नुकसान हाेने की आशंका काे पहले भांपते हुए पंजाब इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) ने अभी से कमर कस ली है. अट्ठाइस अप्रैल 2021 काे 20 दिन के सुखदीप सिंह पुत्र गुरदीप सिंह निवासी कपूरथला काे काेराेना जैसी महामारी से बचाते हुए पिम्स ने कर्तव्य परायणता की अनूठी मिसाल पेश की है. नवजात जब बुखार से पीड़ित था, बार-बार दाैरा पड़ रहा था और सुस्त था. बच्चे काे तुरंत काेविड केयर सेंटर भर्ती कराया गया और नवजात काे हरसंभव उपचार उपलब्ध करवाया. बच्चे काे काेविड संक्रमण से मुक्त करार देकर अभिभावकाें के सुपुर्द कर दिया. पिम्स के बच्चाें के डाॅ जतिंदर सिंह ने बताया कि नवजात काे जब पिम्स लाया गया ताे बच्चे काे तेज बुखार था, बार-बार दाैरा भी पड़ रहा था. सबसे पहले बच्चे का छाती का एक्स-रे करवाया गया ताे पता चला कि बच्चा निमाेनिया से भी पीड़ित है और उसकी छाती पूरी तरह से जाम है और सांस लेने में मुश्किल हाे रही है. इसके बाद नवजात का इलाज शुरू किया गया.