पुणे, 25 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों मार्च 2022 में जल्दबाजी में मेट्रो रेलवे की अधूरी सेवा का प्रारंभ पहले ही चर्चा में है. अब इस उद्घाटन समारोह के खर्च को लेकर महामेट्रो तथा पुणे मनपा के बीच विवाद भी गत 7 महीनों से अभी तक शुरू है. उदघाटन अवसर पर पंडाल व्यवस्था और प्रधानमंत्री के मार्ग के काम के लिए 2 करोड़ 33 लाख रुपयों का खर्च महामेट्रो दे, ऐसी मांग मनपा ने की है. वहीं महामेट्रो द्वारा यह खर्च मनपा ही करे, ऐसी भूमिका लेने से विवाद खड़ा हो गया है. इस सब के बीच रोड का काम करनेवाले कॉन्ट्रैक्टर की परेशानी बढ़ गई है.
पुणे मेट्रो के आनंदनगर से गरवारे कॉलेज और पिंपरी से भोसरी स्टेशन के बीच मेट्रो सेवा का उद्घाटन मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ. प्रधानमंत्री की उपस्थिति में इस कार्यक्रम के लिए उनके मार्ग के गरवारे कॉलेज से कोथरुड के आनंद नगर और आनंद नगर से एमआईटी कॉलेज तक के रोड का काम किया गया. उसी तरह एमआईटी कॉलेज के परिसर में उदघाटन कार्यक्रम के लिए बड़ा पंडाल लगाया गया था. इसी कार्यक्रम के बीच मनपा के मुला-मुठा प्रोजेक्ट और नदी सुधार प्रोजेक्ट के काम का शुभारंभ भी प्रधानमंत्री की उपस्थिति में किया गया गया.
इस कार्यक्रम की प्लानिंग में पंडाल का खर्च मनपा और महामेट्रो द्वारा समानरुप से करना चाहिए और मेट्रो का काम करते समय खराब हुए कर्वे रोड की मरम्मत का काम जिम्मेदारी से महामेट्रो करे ऐसा दोनों संस्थाओ के प्रमुखों की बैठक में निश्चित किया गया था. उसके अनुसार मनपा ने ऐन समय पर एक कॉन्ट्रैक्टर कंपनी द्वारा रोड के मरम्मत का काम कराया.
मनपा ने रोड का काम करने को कहा इसलिए संबंधित कॉन्ट्रैक्टर कंपनी ने बिल के लिए मनपा से गुहार लगाई. लेकिन मनपा ने पैसे उपलब्ध करा देने का आश्वासन दिया. पिछले सात महीनों से पांच बार महामेट्रो से मनपा ने करेसपांडेंस किया है. लेकिन महामेट्रो ने उद्घाटन समारोह और नल स्टॉप चौक के दो मंजिला फ्लाईओवर ब्रिज के अतिरिक्त काम से यह रकम माइनस करा लें. ऐसा पत्र मनपा को भेजा है. इन दोनों संस्थाओं के करेसपांडेंसर के इस खेल के बीच रोड का काम करने वाले कॉन्ट्रैक्टर की परेशानी बढ़ गई है. यह चर्चा मनपा के गलियारों में जारी है.