दुनिया के मुकाबले भारत में महंगाई कम : चंद्रशेखर बावनकुले

15 Nov 2022 11:00:31
 
bavan
 
पत्रकार वार्ता के दौरान उपस्थित (बाएं से) विधायक माधुरी मिसाल, शहराध्यक्ष जगदीश
मुलीक, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, प्रदेश महासचिव मुरलीधर मोहोल.
 
 
पुणे, 14 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
मुद्रास्फीति अंतरराष्ट्रीय बाजार से संबंधित विषय है. इसके बारे में ज्यादा बात करने का कोई फायदा नहीं है, यह कहते हुए कि दस साल पहले 40,000 रुपये की कीमत वाला एक मोबाइल फोन आज 4000 रुपये में उपलब्ध है. इससे यह पिछले दस वर्षों में मुद्रास्फीति की दर की तुलना में सस्ता है. हम घर-घर जाकर लोगों को इस बारे में बताने की कोशिश कर रहे हैं. इस सवाल पर कि क्या यह सही है कि मोदी सरकार की वजह से दरें घटी हैं, या अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण बढ़ी हैं, चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, जब समाज में कुछ अच्छा होता है, तो इसका श्रेय लिया जाता है. ऐसा होता रहेगा. पहले केंद्र सरकार डीजल-पेट्रोल पर नियंत्रण करती थी. बावनकुले ने इस बारे में अधिक बात करने से परहेज करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह के समय में यह नियंत्रण अंतरराष्ट्रीय बाजार में चला गया है.
पुणे की यात्रा के दौरान बावनकुले ने पत्रकारों से बातचीत की. इस मौके पर शहराध्यक्ष जगदीश मुलीक, प्रदेश महासचिव मुरलीधर मोहोल, विधायक माधुरी मिसाल, सिद्धार्थ शिरोले, गणेश बिडकर, गणेश घोष सहित बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे. बावनकुले ने पार्टी के भीतर चल रहे कार्यक्रमों, आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव, केंद्र सरकार के प्रदर्शन, शिंदे-फडणवीस सरकार, जितेंद्र आव्हाड़ की गिरफ्तारी, संजय राठोड़ और चित्रा वाघ द्वारा पत्रकारों के बारे में दिए गए विवादास्पद बयानों, राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा आदि पर विस्तृत बातचीत की.
हमें एनसीपी की कोई जरूरत नहीं है. शिंदे-फडणवीस सरकार को बहुमत साबित करना भी पड़े तो भी यह 164 से 187 होगा. बावनकुले ने कहा, एनसीपी सत्ता के बिना कुछ नहीं कर सकती. बहुत परेशान है. उनका लक्ष्य सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता है. 2024 में महाविकास आघाड़ी को उम्मीदवार भी नहीं मिलेंगे.
मध्यावधि चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘सिर्फ और सिर्फ विधायक नहीं जाएं, इसलिए वे बार-बार इस डर की बात कर रहे हैं. उद्धव ठाकरे के साथ ही चार विधायक भी मंच पर नहीं दिखाई देते हैं. विधायकों को तो छोड़ दो, गजानन कीर्तिकर जैसे नेता भी छोड़कर जा रहे हैं. आज भी शिवसेना के कई नगरसेवक बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. ठाकरे जिस तरह पवार के जाल में फंस गए उससे शिवसेना बर्बाद हो गई है. भारत जोड़ो यात्रा को लेकर उन्होंने कहा, एक तरफ राहुल की यात्रा चल रही है. वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं. यात्रा को नेताओं ने हाईजैक कर लिया है. नेताओं के बेटों की लांचिंग के लिए बने रहे. ढाई साल तक सत्ता में रहने के बावजूद कार्यकर्ताओं को कुछ नहीं मिला. राहुल अगर यात्रा पर आते हैं तो भी उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा है. उन्होंने चित्रा वाघ के बयान पर कहा कि पत्रकार चाहे जो भी सवाल पूछें, उन्हें धैर्य से जवाब देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि एनसीपी को आव्हाड़ से इस्तीफा लेना चाहिए.
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