शिवाजीनगर, 10 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
भारत वर्तमान में दुनिया में पेन रिफिल और प्लास्टिक पेन का सबसे बड़ा निर्यातक है. इस क्षेत्र में भारत को चीन के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. प्लास्टिक पेन उत्पादन में चीन को पछाड़ने की क्षमता भारत में है. विलियम पेन के एमडी निखिल रंजन ने वेिशास जताया कि भविष्य में इस क्षेत्र में कारोबार का विस्तार जरूर होगा. वे सेनापति बापट रोड स्थित होटल जे.डब्ल्यू मैरियट में आयोजित इंटरनेशनल फाउंटेन पेन फेस्टिवल के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे. राइटिंग वंडर्स द्वारा आयोजित इस फेस्टिवल का उद्घाटन शनिवार (10 दिसंबर) को हुआ. उस समय बिहार के पेन कलेक्टर युसूफ मंसूर, पेन फैन व आर्किटेक्ट यशवंत पिटकर, वीनस ट्रेडर्स के सुरेंद्र करमचंदानी समेत गणमान्य मौजूद थे.
इस कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सिग्नेचर फाउंटेन पेन का अनावरण किया गया. पेन फेस्टिवल में प्रवेश नि:शुल्क है और फेस्टिवल 11 दिसंबर (रविवार) को सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहेगा. इस फेस्टिवल में पेन के प्रशंसक दुनिया भर के 70 से अधिक ब्रांडों के विभिन्न प्रकार के ‘प्रीमियम' पेन देख सकेंगे. इस उत्सव के अवसर पर मराठी हस्ताक्षर कलाकार गोपाल वाकोड़े ने मराठी में हस्ताक्षर के चार अलग-अलग प्रकार प्रदर्शित करके लोगों का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने अब तक मराठी सिग्नेचर के 15 फॉर्मेट डेवलप किए हैं. सिम्बायोसिस कॉलेज के डिजाइन विभाग के प्रमुख मनोहर देसाई द्वारा संग्रहित पुरानी और दुर्लभ लेखन सामग्री की प्रदर्शनी भी महोत्सव का आकर्षण है.
ये रहे प्रमुख आकर्षण का केद्र
टाइटेनियम धातु से तैयार और सोने की निब जड़ा हुआ, मोंटेग्रेप्पा बैटमैन एडिशन' फेस्टिवल में विशेष आकर्षण रहा है. इस पेन की कीमत पांच लाख रुपये है. फेस्टिवल में स्टेक्स कंपनी द्वारा बनाई गई मुगल कला और वास्तुकला पर आधारित 22 कैरेट गोल्ड प्लेटेड पेन और स्याही की बोतल ‘अष्टकोण' भी है.