पिंपरी, 8 दिसंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
महापुरुषों के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी करने के खिलाफ विभिन्न राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों द्वारा गुरुवार को ऐलान किए गए ‘पिंपरी-चिंचवड़ शहर बंद' को मिला-जुला रिस्पांस मिला. बहुजन महापुरुष सम्मान समिति के नेतृत्व में यह बंद किया गया. इसमें 100 से ज्यादा प्रगतिशील सामाजिक संगठन शामिल हुए थे. बंद के दौरान पिंपरी-चिंचवड़ शहर में जगह- जगह पर पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया था. पिंपरी, चिंचवड़, निगड़ी, चाकण, भोसरी और शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस का बंदोबस्त था. बंद के दौरान शहर में कहीं भी अनुचित घटना नहीं होने की दृष्टि से पुलिस ने सावधानी बरती.
पिंपरी स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक में धरना आंदोलन करते हुए सरकार का विरोध किया गया. सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर, मानव कांबले, राष्ट्रवादी कांग्रेस के पूर्व विधायक विलास लांडे, शिवसेना के पूर्व विधायक गौतम चाबुकस्वार, राष्ट्रवादी कांग्रेस के विनायक रणसुभे और विभिन्न राजनैतिक तथा सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे. राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने सभी व्यवसायियों, व्यापारी, होटल व्यवसायी, उद्यमी और विभिन्न संस्थाओं को अपना व्यवसाय बंद रखकर बंद में शामिल होने की अपील की थी.

इस बंद में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी जैसे विभिन्न राजनैतिक दल शामिल हुए. इसके साथ ही 100 से ज्यादा सामाजिक संगठन शामिल हुए, जिसमें संभाजी ब्रिगेड, मराठा सेवा संघ, छावा संगठन, मराठा क्रांति मोर्चा, प्रहार व अन्य संगठनों ने बंद का समर्थन किया. शहर के औद्योगिक संगठन भी इसमें शामिल हुए थे. भोसरी में दोपहर कम-ज्यादा पैमाने पर दुकानें बंद थीं. नेहरूनगर में बंद का सख्ती से पालन किया गया. पिंपरी कैम्प में सुबह 11 तक बंद था. उसके बाद धीरे-धीरे दुकानें खुलना शुरू हुए. दोपहर के बाद पूरे कैम्प परिसर के व्यवसाय शुरू दिखाई दिए. चिंचवड़ में बंद को कम रिस्पांस मिला. निगड़ी और आकुर्डी में बंद को अच्छा रिस्पांस मिला.
सभी प्रगतिशील राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने बंद में शामिल होकर महापुरुषों की बदनामी करने वालों का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया. इस बंद में शामिल होने के लिए किसी पर भी दबाव नहीं डाला गया. नागरिक अपनी इच्छा से इसमें शामिल हुए. महापुरुषों की बदनामी करने वालों का हम विरोध करते हैं.
- मानव कांबले, समन्वयक, महापुरुष सम्मान समिति