सदाशिव पेठ, 20 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
ज्योतिष एक गहन विज्ञान है. ज्योतिष की एक प्रणाली के अनुसार निकाला गया निष्कर्ष दूसरी प्रणाली में बदल सकता है. भले ही सभी विधियों का अध्ययन कर लिया जाए तो भी किसी एक ज्योतिष पद्धति पर ध्यान देना चाहिए. प्रसिद्ध ज्योतिषी आदिनाथ सालवी ने कहा कि ज्योतिषियों को ज्योतिष की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए कार्य करते रहना चाहिए. वे 40वें अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर अध्यक्ष के रुप में बोल रहे थे. भालचंद्र ज्योतिर्विद्यालय और प्रो. रमनलाल शाह ज्योतिष अकादमी की ओर से आयोजित इस सम्मेलन का शनिवार 20 अगस्त को शुभारंभ हुआ. सम्मेलन का उद्घाटन उद्यान प्रसाद मंगल कार्यालय में हुआ. इस दो दिवसीय सम्मेलन के समन्वय में 20 संस्थाओं ने भाग लिया है. अधिवेशन में देश भर से प्रसिद्ध ज्योतिर्विद शामिल हुए हैं. सम्मेलन का उद्घाटन उद्यमी अप्पासाहेब नवले ने किया.
अध्यक्षता आदिनाथ सालवी ने की. पं. राजेश वशिष्ठ (चंडीगढ़), कैलास केंजले (पुणे), उद्यमी राजकुमार राठौड़, आयोजक नवीन कुमार शाह, स्वागत अध्यक्ष डॉ. प्रसाद जोशी, विजय जकातदार, चंद्रकला जोशी, डॉ. जयश्री बेलसारे, डॉ. मधुसूदन घानेकर आदि इस मौके पर मौजूद थे. चंद्रकांत (दादा) शेवाले ने प्रस्तावना रखी. एड. वैशाली अत्रे, गौरी केंजले ने संचालन किया. पुष्पलता शेवाले ने धन्यवाद ज्ञापित किया. उद्घाटन सत्र में चंद्रकांत (दादा) शेवाले और पुष्पलता शेवाले का सम्मान प्रो. रमनलाल शाह, आदिनाथ सालवी ने किया. अष्टकवर्ग ज्योतिष (प्रदीप पंडित), ग्रह ज्योतिष (श्री आंबेकर), क्रिस्टल की अद्भुत दुनिया (गौरी केंजले), अष्टक वर्ग- अचूक फलदेश का मार्ग (ज्योति जोशी), उंगलियों के निशान और व्यक्तित्व (एड. प्रफुल्ल कुलकर्णी) और मंत्र शास्त्र जैसी पुस्तकों का विमोचन उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया.
सम्मेलन में ज्योतिषीय विषयों पर देशभर के विशेषज्ञों के द्वारा सेमिनार, प्रदर्शनियों, प्रतियोगिताओं व मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इस अवसर पर राजकुमार राठौड़ ने कहा, यदि आप अपने विचारों को सकारात्मक रखेंगे तो भाग्य आपका साथ देगा. सभी के चेहरे पर खुशी लाने के लिए ज्योतिषियों को काम करना चाहिए. पं. राजेश वशिष्ठ ने कहा, हम देवताओं का अभ्यास कर सकते हैं, लेकिन कोई भी सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकता है, यह ध्यान में रखना होगा. उद्घाटन के बाद आयोजित विभिन्न सत्रों में डॉ. भरतभाई खंडेडिया (वास्तु उपचारात्मक),
पं. सागर (पंचपक्षी), प्रो अशोक भाटिया (वैदिक अंक शास्त्र), पं. गणेश दुबे (मंत्र शास्त्र), डॉ. कीर्ति शाह (वास्तुकला और ऊर्जा), राजेश वशिष्ठ (माँ बगलामुखी मंत्र निवारण), ज्योतिषी उमेश घीवाला (वैज्ञानिक वास्तु), आचार्य भावना भाटिया (लाल किताब), डॉ. राघव भट (कंबाला ज्योतिष), डॉ. कल्पना शमी (वास्तु), आचार्य डॉ. हिना ओझा (वास्तु), आचार्य डॉ. मिताली जानी (ज्योतिष) और डॉ. सुकेश त्रेतिया (लाल किताब और वास्तु) आदि ने भाग लिया. डॉ. सुहास डोंगरे, डॉ. सर्वेश गुप्ता और डॉ. त्रिशला सेठ ने विभिन्न सत्रों में अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. अधिवेशन के दूसरे दिन रविवार 21 अगस्त को अनेक कार्यक्रम होंगे. मंत्र शास्त्र, वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का इंटीरियर डिजाइन, आधुनिक वैवाहिक गुणों का मिलान सहित विभिन्न विषयों पर भाषण भी होंगे.