रविवार को शिव सृष्टि के प्रथम चरण में ‌‘सरकारवाड़ा' का शुभारंभ

17 Feb 2023 13:21:41
 
shiv 
 
 
आंबेगांव, 16 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
स्वर्गीय शिवशाहीर पद्मविभूषण बाबासाहेब पुरंदरे की संकल्पना और महाराजा शिव छत्रपति प्रतिष्ठान द्वारा नऱ्हे-आंबेगांव में शिवसृष्टि साकार की जा रही है. इस ‌‘शिव सृष्टि' के पहले चरण का लोकार्पण रविवार 19 फरवरी को शिव जयंती के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. इस समारोह के बाद सरकारवाड़ा जो कि ‌‘शिव सृष्टि' का पहला चरण है, शिव प्रेमियों के लिए खोल दिया जाएगा. यह जानकारी महाराजा शिव छत्रपति प्रतिष्ठान के ट्रस्टी जगदीश कदम ने बुधवार को ‌‘शिव सृष्टि' में आयोजित पत्रकारवाता र् में दी.
इस अवसर पर फाउंडेशन के ट्रस्टी विनीत कुबेर, अरविंद खलदकर, सुधीर मुतालिक, श्रीनिवास वीरकर तथा ‌‘शिव सृष्टि' के प्रशासनिक अधिकारी अनिल पवार उपस्थित थे. समारोह में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्यसभा सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले, पुणे के पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल, राज्य के पर्यटनमंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत के केंद्रीय नेता नाना जाधव मौजूद रहेंगे. ‌‘शिव सृष्टि' एशिया की सबसे भव्य ऐतिहासिक थीम पार्क परियोजना है. इसका पहला चरण सरकारवाड़ा में कार्यालय, ग्रैंड रिसर्च लाइब्रेरी, एक प्रदर्शनी हॉल और एक बहुउद्देश्यीय हॉल स्थापित किया गया है.
इसके अलावा इस स्थान पर देवगिरि, तोरणा, शिवनेरी, राजगढ़, प्रतापगढ़, सिंधुदुर्ग, पन्हालगढ़ और विशालगढ़ के किलों की यात्रा कराने वाला ‌‘दुर्गवैभव', शिव छत्रपति की समय के दौरान उपयोग किए जाने वाले हथियारों की एक विशेष गैलरी ‌‘रणांगण', शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक समारोह दर्शाने वाली विशेष गैलरी का भी दर्शक अनुभव कर सकेंगे. साथ ही मैड मैपिंग के जरिए छत्रपति शिवाजी महाराज के भाषण को वास्तव में सुनने का एहसास होगा. सरकारवाड़ा में ‌‘दुर्गवैभव' खंड का उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी को इतिहास को यथासंभव प्रभावी ढंग से समझाना है.
इसके लिए छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण कुछ किलों की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं और उन किलों के पीछे विशाल एलईडी स्क्रीन पर प्रोजेक्शन की मदद से मैप किया गया है. कदम ने यह भी कहा कि होलोग्राफी, एनिमेट्रॉनिक्स, मोशन सिमुलेशन, 3डी प्रोजेक्शन, मैपिंग जैसे उन्नत तरीकों का इस्तेमाल किया गया है. यह ‌‘शिव सृष्टि' चार चरणों में निर्मित होगी. परियोजना की लागत लगभग 438 करोड़ रुपये है.
परियोजना को अब तक पहले चरण में अनायास दानदाताओं से 60 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं. साथ ही ‌‘जाणता राजा' नाटिका से भी पूंजी उपलब्ध कराई गई है. बाबासाहेब पुरंदरे के 12 हजार से अधिक व्याख्यानों से अब शिव सृष्टि का कार्य आकार ले रहा है. निकट भविष्य में शिव सृष्टि परियोजना में शिव प्रेमी 21 एकड़ क्षेत्र में एक दिवसीय ‌‘ऐतिहासिक थीम पार्क' का भ्रमण कर सकेंगे. वर्चुअल रियलिटी (वीआर) के जरिए महत्वपूर्ण किलों का भ्रमण किया जाएगा. प्रतापगढ़ में भवानी माता का मंदिर, शिव काल के शस्त्रों का भंडार, दरबार, छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा शुरू की गई मुद्राएं, राजमुद्रा, अस्तबल, व्यापारी पेठ, रंग मंदिर, विजय स्तंभ, महल, इस स्थान पर नगारखाना देखा जा सकता है. लोकार्पण कार्यक्रम के बाद सरकारवाड़ा आम जनता और शिव प्रेमियों के लिए खोल दिया जाएगा. जो लोग इस जगह की यात्रा करना चाहते हैं वे ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से टिकट बुक कर सकते हैं. इसके लिए प्रति व्यक्ति 350 रुपये (सभी करों सहित) का शुल्क लिया जाएगा.
 
 
‘शिव सृष्टि' की परियोजना प्रारंभ की गई थी
 
महाराजा शिवछत्रपति प्रतिष्ठान की स्थापना 1967 में सातारा की राजमाता सुमित्रराज भोसले, श्रीमंत छत्रपति प्रताप सिंह महाराज, अच्युतराव कोल्हाटकर और मुकुंद दाबके के मार्गदर्शन में हुई थी. इस अवसर पर जानकारी दी गई कि छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों का सर्वत्र प्रचारप्रसार हो सके, इसके लिए वर्ष 1998-99 में ‌‘शिव सृष्टि' की परियोजना प्रारंभ की गई थी.
 
300 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे
 
इस परियोजना को महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम द्वारा पर्यटन नीति 2016 के तहत मेगा पर्यटन परियोजना के रूप में अनुमोदित किया गया है क्योंकि यह परियोजना पर्यटन सक्षम है. परियोजना से 300 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे और कम से कम 1000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से, ग्रामीण कारीगरों को यहां के बाजारों में अपनी पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
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