खादी भारतीय संस्कृति, परंपरा और शांति का प्रतीक

25 Mar 2023 11:19:12
 
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बावधन, 24 मार्च (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
खादी शांति का प्रतीक है जो भारतीय संस्कृति, परंपरा का प्रतिनिधित्व करती है. सूर्यदत्त के छात्रों ने रचनात्मकता, नवीनता का उपयोग करते हुए विविध और सुंदर उत्पादों का निर्माण किया है. उनके कार्यों को पूरी दुनिया में जाना चाहिए. प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की सरिताबेन राठी ने कहा कि, इस प्रदर्शनी से पता चलता है कि खादी के अनगिनत उत्पादों को बनाने के लिए नई रंग योजनाओं, विचारों का उपयोग किया जा सकता है. सरिताबेन राठी ने सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स द्वारा संचालित सूर्यदत्त इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (डखऋढ) द्वारा आयोजित खादी अवधारणा पर हस्तशिल्प प्रदर्शनी ‘स्पार्क 2023' का उद्घाटन किया. उस समय वे बोल रही थी. सूर्यदत्त के बावधन कैम्पस में आयोजित इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने खादी से निर्मित 2100 विभिन्न प्रकार के कलात्मक उत्पाद प्रस्तुत किए हैं.
 
उद्घाटन समारोह में पूर्व विशेष पुलिस महानिरीक्षक डॉ. विट्ठल जाधव, स्ट्रटेजिक फोरसाइट ग्रुप के सचिन इटकर, वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध बडवे, उद्यमी रितु अग्रवाल, महाराष्ट्र गांधी मेमोरियल फंड के ट्रस्टी सचिव संदीप बर्वे, सूर्यदत्त के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. संजय चोरडिया, उपाध्यक्ष एवं सचिव सुषमा चोरडिया, एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट स्नेहल नवलखा, एसआईएफटी की प्राचार्या प्रो. रेणुका घोसपुरकर, विभागाध्यक्ष प्रो. पूजा विश्वकर्मा, प्रो. प्रियंका कामठे एवं अन्य उपस्थित थे. डॉ. विट्ठल जाधव ने कहा, खादी संयम, शांति, भारतीय संस्कृति और देशभक्ति का प्रतीक है.
 
 
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खादी की इन गतिविधियों पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाकर दूर-दूर तक प्रचारित किया जाए. अगर खादी का इस्तेमाल बढ़ेगा तो कपास किसानों को राहत मिलेगी सूर्यदत्त ने देश भर के साथ-साथ विश्वस्तर पर खादी के कपड़ों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से खादी के कपड़ों को बढ़ावा देने की पहल की है. प्रोफेसर रेणुका घोसपुरकर ने कहा, इस प्रदर्शनी को आयोजित करने का उद्देश्य यह है कि, युवा खादी में सूत की तरह पर्यावरण, व्यवस्था और समाज के धागे बुनकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें. सूर्यदत के विद्यार्थियों ने खादी के बहुत ही सुंदर और कलात्मक उत्पाद बनाए हैं. खादी ग्रामोद्योग के तहत केंद्र सरकार खादी के उपयोग और उद्योग को बढ़ावा दे रही है. सचिन इटकर ने कहा कि, हम जल्द ही नई दिल्ली में खादी पर इस प्रदर्शनी को आयोजित करने की पहल करेंगे. अनिरुद्ध बडवे, संदीप बर्वे ने भी विचार व्यक्त किए. प्रदर्शनी में प्रस्तुत वस्तुएं बैग, सामान, कपड़े, जीवन शैली उत्पाद, उपहार हैं. यह प्रदर्शनी अगले रविवार 26 मार्च तक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक नि:शुल्क देखने के लिए खुली रहेगी.
 
खादी सिर्फ कपड़ा नहीं, एक महान विचार
 
खादी सिर्फ कपड़ा नहीं, एक विचार है. यह प्रदर्शनी इस संदेश के साथ खादी का उपयोग कर फैशन टेक्नोलॉजी के 100 छात्रों द्वारा 21 दिनों में बनाए गए रिकॉर्ड 2,100 उत्पादों को प्रदर्शित करती है. सूर्यदत्त संस्था सूर्यदत्त स्टार्टअप वेंचर के तहत छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा करने, भविष्य के उद्योग और रोजगार सृजन के लिए अभिनव गतिविधियों को लागू कर देश को आत्मनिर्भर बनाने में नियमित रूप से योगदान दे रही है. - प्रो.डॉ. संजय चोरडिया
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