एसिडिटी से बचने में ही हाेती है समझदारी

    27-Mar-2023
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Acidity 
 
पार्टियाें में जाेन वाले 15 से 20 प्रतिशत लाेग ऐसिडिटी का शिकार हाे जाते हैं. लाेग पार्टियाें में जाते ताे हैं आनंद लेने के लिए लेकिन लाैटते हैं तकलीफ के साथ. शादियाें पार्टियाें में मसालेदार भाेजन ही बनता है और स्वाद में अधिक खा लेने से लाेग बच नहीं पाते. ताे ऐसिडिटी हाेना ताे तय ही है और शादियाें के इस माैसम में ताे ऐसे मरीजाें की संख्या ऊपर ही जाती है.ऐसिडिटी है ्नया? हमारा पेट खाना पचाने के लिए कुछ निश्चित मात्रा में ऐसिड छाेड़ता है. लेकिन जब ऐसिड का उत्पादन आवश्यकता से अधिक हाे जाए या फिर पेट व आंताें का सुरक्षा तंत्र कमजाेर हाे ताे इससे जाे तकलीफ पैदा हाेती है उसे ऐसिड पेप्टिक डिसीज या आम बाेलचाल में ऐसिडिटी कहते हैं.भारत में ऐसिडिटी के मरीज बहुतायत में हैं.जानीमानी मार्केट रिसर्च एजेंसी एसी नेल्सन ने अपने एक अध्ययन में पाया कि जठरांत्रिय राेगाें में 40 प्रतिशत के साथ ऐसिडिटी ने बाकी बीमारियाें काे पीछे छाेड़ दिया है.
 
ऐसेडिटी के लक्षण
 
 हृद में जलन
 छाती व पेट में दर्द
 गैस बनना
 गले में दर्द
 मतली या उल्टी ऐसिडिटी व हार्टबर्न के कारण ऐसिडिटी हाेने की सबसे बड़ी वजह खान-पान से जुड़ी है. ईनाे द्वारा की गई स्टडी के मुताबिक अनियमित खान-पान ऐसिडिटी का सबसे बड़ा कारण है.
 
इस रिपाेर्ट के मुताबिक:
 30 प्रतिशत शहरी ऐसिटिटी या हार्टबर्न जूझत हैं क्योंकि वे अनियमित तरीके से खाते हैं.
 27 प्रतिशत लाेगाें काे बाहर के खाने से ऐसिटिटी हाेती है.
 10 प्रतिशत लाेग गरिष्ठ व मसालेदार भाेजन करते हैं.
 9 प्रतिशत लाेगाें के काम के ज्यादा घंटे उन्हें ऐसिडिटी दे जाते हैं.