‘महामेट्रो' बन रही है सांस्कृतिक शहर की नई पहचान

महामेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. ब्रिजेश दीक्षित की दै. ‘आज का आनंद" के साथ बातचीत

    28-Mar-2023
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पुणे शहर का ऐतिहासिक महत्व है. सांस्कृतिक शहर के रूप में देश में पहचान रखनेवाले शहर की नई पहचान ‘महामेट्रो' बन रही है. यह चुनौतीपूर्ण कार्य महामेट्रो ने कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी जारी रखा. अब पहले चरण को पूरा करने के नजदीक है. महामेट्रो के मुश्किल भरे सफर की जानकारी महामेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. ब्रिजेश दीक्षित ने दै. ‘आज का आनंद' के साथ बातचीत के दौरान दी.
 
 प्रश्न - पुणे मेट्रो प्रोजेक्ट वर्तमान स्थिति तथा आगे का प्रबंधन कैसे होगा?
 
डॉ. ब्रिजेश दीक्षित - पुणे मेट्रो का करीब 90 प्रतिशत कार्य अब तक पूरा हुआ है. फिलहाल वनाज से गरवारे कॉलेज तथा पिंपरी-चिंचवड़ मनपा से फुगेवाड़ी दौरान मेट्रो की सेवाएं जारी हैं. पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ के यात्रियों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. इस रूट का 6 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन हुआ. उसके बाद तेजी से काम किया जा रहा है. अब फुगेवाड़ी से शिवाजीनगर सिविल कोर्ट और गरवारे कॉलेज से सिविल कोर्ट तथा सिविल कोर्ट से रुबी हॉल तक रूट अगले कुछ दिनों में शुरू हो जाएंगे. शिवाजीनगर सिविल कोर्ट स्टेशन यह इंटरचेंज स्टेशन हैं. वहां अंडरग्राउंड और एलिवेटेड दोनों रूट एकसाथ मिल जाते हैं. वहां दोनों यात्रियों को अंदर से ही रूट बदलना संभव होगा, ऐसी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा प्राइवेट गाड़ियों को यात्रियों को अंदर-बाहर लेकर जाने की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी.
 
प्रश्न - अंडरग्राउंड रूट का कितना कार्य अब तक पूरा हुआ?
 
डॉ. ब्रिजेश दीक्षित - पुणे मेट्रो का अंडरग्राउंड रूट एक अनोखा प्रोजेक्ट है. अंडरग्राउंड रूट मुठा नदी के नीचे से जाता है. जमीन के नीचे 31.1 मीटर की गहराई में यह रूट बनाया गया है. आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर महामेट्रो ने टनल बोरिंग मशीन की सहायता से यह सुरंग बनाई है. पुणे मेट्रो की पीसीएमसी से स्वारगेट रूट पर रेंजहिल कार डिपो से स्वारगेट तक 6 किलोमीटर लंबाई का यह अंडरग्राउंड रूट है. इस रूट पर शिवाजीनगर बस स्टैंड, शिवाजीनगर सिविल कोर्ट, कसबा पेठ, महात्मा फुले मंडई और स्वारगेट यह 5 अंडरग्राउंड स्टेशन्स हैं. अंडरग्राउंड स्टेशन्स के कंस्ट्रक्शन्स को तेजी से पूरा किया जा रहा है. पुणे मेट्रो का अंडरग्राउंड रूट घनी आबादी वाले पुराने शहर से जाता है. यहां पर कार्य करना काफी मुश्किल था. संकरी सड़कों के कारण केवल रात के समय गाड़ियों की यातायात करना संभव हुआ. अंडरग्राउंड रूट से इस परिसर में अच्छी कनेक्टिविटी हो जाएगी. यहां शनिवारवाड़ा, लाल महल, विश्रामबागवाड़ा, महात्मा फुले मंडई, कसबा गणपति, तांबड़ी जोगेश्वरी जैसे शहर के महत्वपूर्ण पुराने क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़े जा रहे हैं. यात्रियों के लिए मेट्रो का यात्रा काफी फायदेमंद साबित हो जाएगी.
 
प्रश्न - मेट्रो में यात्रियों के लिए क्या सुविधा होगी?
 
डॉ. ब्रिजेश दीक्षित - पुणे मेट्रो की एक ट्रेन में तीन रेक यानी डिब्बे होंगे. एक रेक में 325 यात्री लेकर जाने की सुविधा होगी. मेट्रो का हर स्टेशन का डिजाइन 6 डिब्बों की ट्रेन के अनुसार किया है. भविष्य में यात्रियों की संख्या बढ़ने पर 3 डिब्बों की ट्रेन 6 डिब्बों तक बढ़ाना संभव होगा. 3 डिब्बों में एक डिब्बा महिला यात्रियों के लिए रिजर्व रखा गया है. पुणे मेट्रो का किराया सभी यात्रियों के लिए किफायती रहेगा. कम से कम 10 रुपए और अधिक से अधिक 50 या 60 रुपए टिकट दर होगा. टिकट लेने के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड के साथ फोन-पे, जी-पे और सभी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट मोड़ का इस्तेमाल कर सकेंगे. मेट्रो ट्रेन के रेक में यात्रियों के लिए मोबाइल चार्जिंग के साथ विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी.
 
प्रश्न - पुणे मेट्रो अन्य सार्वजनिक व्यवस्थाओं को एकसाथ लाने कौन से प्रयास किए?
 
डॉ. ब्रिजेश दीक्षित - पुणे मेट्रो ने शिवाजीनगर मेट्रो में रेलवे के साथ एकीकरण किया है. शिवाजीनगर, खड़की और कासारवाड़ी यह रेलवे के स्टेशन हैं, उन्हें जोड़कर मेट्रो भी उसी प्रकार से बनाई गई है. केवल रेलवे ही नहीं, एसटी महामंडल, पीएमपीएमएल बस स्टॉप का भी इसी प्रकार से एकत्रीकरण किया गया है. जिससे यात्रियों को बिना ब्रेक यात्रा करना संभव होगा. साथ ही सभी स्टेशनों से और स्टेशनों तक पैदल जाना आसानी से संभव हो, इसलिए पदचारी रूट का जाल भी प्रस्तावित किया गया है. इसके साथ शिवाजीनगर सिविल कोर्ट स्टेशन, स्वारगेट स्टेशन और शिवाजीनगर स्टेशन में मेट्रो के साथ पीएमपीएमएल और एसटी सेवा एकसाथ लाना प्रस्तावित किया गया है. जिससे लोगों को एक ही जगह से विभिन्न सेवाओं का लाभ लेना संभव होगा.
 
प्रश्न - मेट्रो स्टेशनों पर कौन सी सुविधाएं उपलब्ध है?
 
डॉ. ब्रिजेश दीक्षित - सभी स्टेशन पैसेंजर इन्फॉर्मेशन डिस्प्ले (पीआईडी) से लैस होंगे. यात्रियों के उचित स्थान पर जाने दोनों ओर जानकारी, लिफ्ट, एस्केलेटर और साधारण सीढ़ियों की व्यवस्था उपलब्ध है. पुणे मेट्रो का खुद का मोबिलिटी कार्ड है, जो कैशलेस व्यवहारों के लिए उपयुक्त है. इसके अलावा सभी स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीन, एटीएम, कार्ड रिचार्ज कियोस्क है. साइकिल, ई-रिक्शा, ई-वेहिकल आदि पहले और आखरी माइल कनेक्टिविटी के लिए उपलब्ध होंगे. मेट्रो के सभी स्टेशन और ट्रेन पूरी तरह से सीसीटीवी की निगरानी में है. महिला यात्रियों के लिए अलग से डिब्बा है. महिला और सीनियर सिटीजन्स के लिए रिजर्व जगह है. दिव्यांगों के लिए अलग से व्यवस्था रखी गई है. इमर्जेंसी में यात्री मेट्रो ट्रेन के ड्राइवर से सीधा बात कर सकेंगे. मेट्रो कोच से ऑपरेटर के साथ ही इमर्जेंसी फोन हर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है. वहां से स्टेशन कंट्रोलर से संपर्क कर सकते हैं.
 
प्रश्न - महामेट्रो बुनियादी सुविधा प्रोजेक्ट पर अमल करने सफल कैसी रही?
 
 
डॉ. ब्रिजेश दीक्षित - विभिन्न यंत्रणाओं के समर्थन के कारण ही महामेट्रो सराहनीय प्रगति कर सकी. शहर के नागरिक, गृहनिर्माण और शहरी व्यवहार मंत्रालय (भारत सरकार), शहरी विकास मंत्रालय (महाशासन), पुणे मनपा, पिंपरी-चिंचवड़ मनपा, विभागीय आयुक्त कार्यालय, झोपड़पट्टी पुनर्वसन प्राधिकरण, जिलाधिकारी, पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय, सभी सरकारी अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट का अच्छा समर्थन दिया. जिससे यह बड़ा और चुनौतिपूर्ण कार्य हम कर सके. कोरोना संक्रमण की दो लहरें आने के बावजूद हमारा कार्य विशेष प्रभावित नहीं हुआ.
 
प्रश्न - पुणे मेट्रो के नए विस्तारित रूट कौन से हैं?
 
डॉ. ब्रिजेश दीक्षित - फेज 1 में पिंपरी-चिंचवड़ मनपा से निगड़ी और स्वारगेट से कात्रज यह विस्तारित रूट है. 88.6 किमी का फेज-2 का प्रोजेक्ट रिपोर्ट महामेट्रो ने पीएमसी, राज्य सरकार, केंद्र सरकार को पेश किया है. वनाज से चांदनी चौक, वारजे से नल स्टॉप, स्वारगेट-सिंहगढ़ रोड-सीडब्लूपीआरएस, स्वारगेट-हड़पसर-खराड़ी-वाघोली फेज-2 के रूट प्रस्तावित है. साथ ही अंदरूनी रिंग रोड पर नियो मेट्रो का प्रस्ताव भी दिया गया है. उस पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा. मेट्रो के पहले चरण में 33 किमी में से 12 किमी का रूट 6 मार्च 2022 से शुरू हुआ है. अब शेष रूट भी जल्द शुरू होगा. शेष रूट का कार्य काफी तेजी से पूरा किया जा रहा है.