शामिल गांवों में टीडीआर की अनुमति से अच्छे दिन

पिछले 6 महीनों में टीडीआर बिक्री दर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई

    19-Apr-2023
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पुणे, 18 अप्रैल
 
शामिल किए गए 34 गांवों में टीडीआर के उपयोग की अनुमति देने से पिछले 6 महीनों में टीडीआर बिक्री दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. मनपा प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि टीडीआर के बदले भूमि अधिग्रहण में तेजी आएगी. क्योंकि टीडीआर को अपेक्षित दर मिलने लगेगी. मनपा विकास योजना में आरक्षित भूमि पर कब्जा लेने के बदले में मनपा संबंधित भूस्वामियों को हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर), एफएसआई और कभी-कभी नकद मुआवजा प्रदान करती है. साथ ही, झोपड़पट्टी पुनर्वसन परियोजना में, मुख्य रूप से एसआरए विकसित करने वाले डेवलपर्स को भी टीडीआर के रूप में भुगतान किया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में मनपा ने टीडीआर के बदले लाखों स्क्वेयर मीटर जमीन का अधिग्रहण कर वहां नागरिक सुविधाएं निर्मित की हैं.
 
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, निर्माण क्षेत्र में टीडीआर के उपयोग नियमावली, शहर में रि-डेवलपमेंट में कठिनाइयों के कारण टीडीआर दरें गिर गई थीं. यहां तक कि 6 महीने पहले आरक्षित जमीन की टीडीआर दर बेस प्राइस के 60 फीसदी तक हो गई थी. जबकि झोपड़पट्टी पुनर्वसन परियोजना की टीडीआर दरें भी मूल कीमत से 40 फीसदी कम कर दी गईं थीं. इस बीच, 2017 के बाद टीडीआर उपयोग की क्षेत्र सीमा समाप्त कर दी गई. साथ ही 2017 और 2020 में 34 गांवों को मनपा में शामिल किया गया था. इन गांवों की विकास योजना अब तक स्वीकृत नहीं हो पाई है. हालांकि, राज्य सरकार ने पिछले साल दिसंबर में इन गांवों में टीडीआर के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है.
 
इसके साथ ही कोरोना काल में तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने कंस्ट्रक्शन व्यवसाय को बढ़ावा देने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध तरीके से निर्माण प्रीमियम भुगतान करने की छूट दी थी. इसलिए बड़े पैमाने पर निर्माण परमिट लिए गए. इससे टीडीआर की मांग बढ़ी है और रेट भी बेहतर होने लगा है. आज आरक्षित भूमि का टीडीआर मूल मूल्य से 15 से 20 प्रतिशत कम पर बेचा जा रहा है. इसलिए झोपड़पट्टी पुनर्वसन परियोजना के टीडीआरधारकों के लिए भाग्यशाली दिन हैं क्योंकि टीडीआर की दर मूल कीमत के समान है. झोपड़पट्टी पुनर्वसन में 2 लाख 6 स्क्वेयर मीटर जबकि आरक्षित जगह का 6 लाख 19 हजार अखर्चित टीडीआर बचा है. इसमें से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 57 हजार 240 स्क्वेयर मीटर झुग्गी-झोपड़ी का पुनर्वास और आरक्षित स्थान 1 लाख 62 स्क्वेयर मीटर में टीडीआर निर्माण हुआ है.
 
 
विकास को काफी बढ़ावा मिला
 
मनपा सीमा में पिछले 2 वर्षों में कंस्ट्रक्शन व्यवसाय के अच्छे दिन आए हैं. शामिल गांवों में विकास को काफी बढ़ावा मिला है. इससे टीडीआर की मांग बढ़ रही है. यदि टीडीआर के माध्यम से आरक्षण समाप्त कर दिया जाए तो नागरिक सुविधाएं तेजी से प्राप्त की जा सकती हैं. आरक्षण प्राप्त करने के लिए धन की उपलब्धता कम होने के कारण, प्रशासन सड़क, पार्क, मैदान जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए टीडीआर के विकल्प को प्राथमिकता देता है. - प्रशांत वाघमारे, सिटी इंजीनियर, पुणे मनपा.