पुणे, 5 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
शहर की सार्वजनिक यातायात व्यवस्था सशक्त हो, नागरिकों को कम परेशानी हो, इसलिए मनपा प्रशासन द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं. अब शहर में मेट्रो का जाल विस्तारित किया जा रहा है, लेकिन उससे पहले तेज यात्रा के लिए शहर में 2006 से कुछ सड़कों पर बनाए गए बीआरटी प्रोजेक्ट का अब आगे क्या? यह सवाल उठाया जा रहा है. मेट्रो का एक-एक चरण पूरा होकर आगे के चरणों की तैयारी हो रही है. दूसरी ओर बीआरटी को बंद करने पर जोर दिया जा रहा है. पीएमपीएमएल प्रशासन के आग्रह से जारी रखे बीआरटी के हालात खस्ता हो गए हैं. पुणे-नगर रोड, पुणे-सातारा रोड, आलंदी रोड पर कुछ निशानी दिखाई दे रही है. पुणे-सोलापुर रोड पर हड़पसर में नागरिकों के प्रेशर के बाद बीआरटी उखाड़ दिया है. इससे बीआरटी पर अमल करने प्रशासन भी बेबस दिखाई दे रहा है. शहर में बीआरटी प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है. उस वक्त रूट से चलने वाली बसों की स्पीड प्रति घंटा 30 किमी तय मानी गई थी.
ऐसे में पिछले 17 वर्षों में कई स्थानों पर अब रूट ही अस्तित्व में नहीं होने की सच्चाई सामने आयी है. बीआरटी रूट पूरा करने, उसमें आने वाली बाधाएं दूर करने के बजाय बीआरटी में प्राइवेट गाड़ियों की घुसपैठी तथा कई स्थानों पर हुई दुरवस्था, कई जगहों पर तुकड़ों में बांटी गई. बीआरटी पर हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी कुछ लाभ नहीं हुआ है. जिन रूट्स पर प्रमुख रूप से बीआरटी है, उन्हीं रूट्स पर मेट्रो का कार्य भी जारी है. इसलिए अब बीआरटी नहीं चाहिए, यह भूमिका नागरिकों के साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा भी ली जा रही है. इससे बीआरटी का विरोध बढ़ गया है. बीआरटी की हालत खस्ता शहर के बीआरटी की अत्यंत दुरवस्था हो गई है. बीआरटी के लिए कई बार एक जगह पर बार- बार खर्च करने की नौबत आयी. शहर का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट होने के बावजूद इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया. बीआरटी के बस स्टॉप भी खराब हो गए हैं. नगर रोड पर बस स्टॉप केवल नाम के लिए हैं. बस स्टॉप के दरवाजें टूट गए हैं. रात को कई बार शराबियों द्वारा इनका इस्तेमाल किया जाता है. छत से पानी टपकता है, वहीं परिसर भी गंदा होता है. बीआरटी रूट खाली रहने तथा दूसरी ओर प्राइवेट गाड़ियों के लिए रखी सड़क पर ट्रैफिक जाम होने से नागरिकों का बीआरटी के विरोध में आक्रोश बढ़ता गया है.
बीआरटी रूट हटाना चाहिए
नगर रोड पर मेट्रो रूट का कार्य जारी है. यातायात के लिए सबसे व्यस्त होने वाले नगर रोड पर बीआरटी के कारण हमेशा ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है. बीआरटी रूट के कारण कई गंभीर दुर्घटनाएं भी घटी हैं. इसलिए इस रूट को नागरिकों का जोरदार विरोध है. इस रूट को हटाने की मांग मनपा आयुक्त विक्रम कुमार से की गई है. अतिरिक्त मनपा आयुक्त विकास ढाकणे ने प्रत्यक्ष रोड का निरीक्षण भी किया है. पीएमपी की बैठक में इस रूट को हटाने संबंध में अंतिम फैसला जल्द लिया जाएगा.
- सुनील टिंगरे (विधायक-वड़गांवशेरी निर्वाचन क्षेत्र)
समय के अनुसार बीआरटी प्रोजेक्ट पीछे रहा
बीआरटी प्रोजेक्ट को मेरा विरोध नहीं था, और नहीं है. लेकिन समय के अनुसार यह प्रोजेक्ट अब पीछे रह गया है. हड़पसर-स्वारगेट यह बीआरटी का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट था. लेकिन उस पर उचित पद्धति से अमल नहीं किया गया. अब मेट्रो प्रोजेक्ट पर अमल हो रहा है. इसलिए बीआरटी प्रोजेक्ट शुरू रखे या बंद करें? इसका विचार व फैसला प्रशासन को करना चाहिए.
- चेतन तुपे (विधायक-हड़पसर निर्वाचन क्षेत्र)