पुणे, 6 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
एनसीपी की कांग्रेस सांसद सुप्रिया सुले ने अपनी भागीदारी, हाजिरी, पूछे गए सवाल और संसद की बहस में पेश किए गए निजी विधेयकों के जरिए एक बार फिर देश की सर्वश्रेष्ठ सांसद के तौर पर अपनी छाप छोड़ी है. अपनी विद्वतापूर्ण प्रस्तुति और सटीकता से वे एक बार फिर देश की संसद में महाराष्ट्र की सबसे बुलंद आवाज साबित हुई हैं. देश के सर्वोच्च सदन संसद में सांसदों के प्रभावी प्रदर्शन की समीक्षा करने वाली प्रसिद्ध ई-पत्रिका की अप्रैल की रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई है. संसद में रिकॉर्ड के मुताबिक, सांसद सुप्रिया सुले ने रिपोर्ट में टॉप किया है. यह वर्तमान 17वीं लोकसभा की रिपोर्ट है. इसमें 2019 से लेकर अब तक देश भर के सांसदों ने संसद में कितनी चर्चाओं में हिस्सा लिया, कितने निजी विधेयक पेश किए, कितने सवाल पूछे और सदन में उनकी कितनी उपस्थिति रही. इनकी जानकारी दी गई है. इस सर्वे में सांसद सुप्रिया सुले ने सर्वाधिक 711 अंक लाकर देश की सर्वश्रेष्ठ सांसद होने का गौरव अर्जित किया है. उन्होंने अब तक संसद की कुल 229 चर्चाओं में भाग लेते हुए 546 प्रश्न पूछे हैं. इतना ही नहीं इस प्रदर्शन में उन्होंने देश की आम जनता के मुद्दों को पहली बार सामने लाते हुए 13 निजी विधेयक पेश किए और उन्हें कानून बनाने का सुझाव भी दिया. सांसद सुले की संसद में उपस्थिति 93 फीसदी है. यह राष्ट्रीय स्तर पर 79 प्रतिशत और राज्य स्तर पर 74 प्रतिशत है. सेमिनार में भागीदारी का प्रतिशत राष्ट्रीय स्तर पर 41.5 और राज्य स्तर पर 51.3, निजी बिलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 1.2 और राज्य स्तर पर 2.4 है. ई-पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, संसद में उनके द्वारा पूछे गए प्रश्नों की औसत संख्या राष्ट्रीय स्तर पर 176 और राज्य स्तर पर 327 है.
आम लोगों की आवाज को सर्वोच्च सदन तक पहुंचाया
सांसद सुले अपने क्षेत्र के आम लोगों की आवाज को देश के सर्वोच्च सदन तक पहुंचाने, उनकी समस्याओं को सामने रखने, उनके समाधान के लिए लगातार प्रयास करने, स्थानीय स्तर से लेकर मंत्रालय तक उनका अनुसरण करने के लिए जानी जाती हैं. सांसद सुप्रिया सुले संसद में अपनी आवाज उठाने के लिए उन स्थानों की यात्रा करती हैं, तो यह उनके विषय की सामयिक प्रस्तुति है, उनकी संपूर्णता है. सांसद सुप्रिया सुले संसद का पूर्ण सम्मान, अधिक से अधिक उपस्थिति बनाए रखते हुए न केवल अध्ययन कर रही हैं, सटीक और सही बोल रही हैं. साथ ही एक सार्वजनिक मुद्दे का पूरी तरह से अध्ययन करके इसे निजी बिल के रूप में सदन में पेश कर रही हैं. इसी वजह से उन्होंने एक बार फिर देश के सर्वश्रेष्ठ सांसद होने का गौरव हासिल किया है.