नई दिल्ली, 11 जून (डॉ. भजनदास देवकर द्वारा)
भारतीय शिक्षा क्षेत्र को विदेशी वेिशविद्यालयों के लिए खोलने से देश के शैक्षणिक संस्थानों को नुकसान नहीं होगा; तो इससे हमारे छात्रों को फायदा होगा, क्योंकि विदेशी वेिशविद्यालयों में भारतीय छात्रों से कम फीस ली जाएगी. यह जानकारी यूजीसी के अध्यक्ष प्रो.एम जगदीश ने पुणे के पत्रकारों से दिल्ली में चर्चा करते हुए दी. पुणे में शिक्षा विभाग को कवर करने वाले पत्रकारों ने हाल ही में दिल्ली में यूजीसी कार्यालय का दौरा किया. इस अवसर पर प्रो. जगदीश कुमार ने यूजीसी द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों एवं योजनाओं की जानकारी दी. यहां यूजीसी सचिव डॉ. मनीष जोशी मौजूद थे. प्रो. जगदीश कुमार ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों के 5 लाख बच्चे इस समय विदेशों में विभिन्न वेिशविद्यालयों में पढ़ रहे ह्ैं. अनुमान है कि भविष्य में 20 लाख बच्चे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाएंगे. भारत में जनसंख्या की तुलना में पर्याप्त वेिशविद्यालय, कॉलेज नहीं हैं. शिक्षण संस्थानों में पर्याप्त सीटें नहीं होने के कारण छात्रों को मनचाहे कॉलेजों और वेिशविद्यालयों में प्रवेश नहीं मिल पाता है. इसलिए भारत के दरवाजे विदेशी वेिशविद्यालयों के लिए खोल दिए गए हैं. यदि विदेशी वेिशविद्यालय भारत आते हैं तो छात्रों के खर्च में भारी बचत होगी. नई शिक्षा नीति में शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण का जिक्र है.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यूजीसी भारतीय शिक्षण संस्थानों को विदेशों में स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. यूजीसी उच्च शिक्षा में बदलाव लाने का प्रयास कर रहा है. कॉलेजों और वेिशविद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार के लिए रैंकिंग में कई सुधार किए गए हैं. इसके अपेक्षित परिणाम देखने को मिले हैं. प्रो. जगदीश कुमार ने कहा कि अभी भी कुछ संस्थानों द्वारा गलत जानकारी देकर अच्छे ग्रेड प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. यूजीसी इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है और इसके लिए यूजीसी द्वारा सख्त नियम तैयार किए गए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. पीएचडी व प्रोफेसर भर्ती की स्क्रूटनी नौकरी में प्रमोशन और सैलरी बढ़ाने के नाम पर ही पीएच.डी. डी. करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है.
साथ ही, दूसरे की पीएचडी थीसिस और अन्य मीडिया से जानकारी चुराई जाती है, छात्र शोध को अपना होने का बहाना करके वेिशविद्यालय को धोखा देता है. अब से पीएचडी के लिए छात्रों के प्रवेश और उसके लिए जमा किए गए दस्तावेजों और उनके द्वारा जमा किए गए शोध प्रबंधों की पूरी तरह से जांच की जाएगी. इसमें दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. प्रो जगदीश कुमार ने यह भी बताया कि प्रोफेसरों की पीएचडी और भारती की स्थिति की जांच के लिए एक स्वतंत्र सत्यापन समिति का गठन किया गया है. नई शिक्षा नीति रिसर्च ओरिएंटेड है. इसलिए, उन्होंने समझाया कि शोध पत्र की गुणवत्ता और पीएचडी की वेिशसनीयता बनाए रखना आवश्यक है. अंग्रेजी थीसिस में कितनी साहित्यिक चोरी हुई है, इसकी जांच सॉफ्टवेयर के जरिए की जा सकती है. हालाँकि, भारतीय भाषाओं में थीसिस साहित्यिक चोरी का पता लगाने के लिए कोई साहित्यिक चोरी सॉफ्टवेयर नहीं है. प्रो. जगदीश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि इसके लिए भारतीय भाषाओं में उपकरण अवश्य विकसित होने चाहिए.
नैक की कैटेगरी की जगह पाइंट्स देने पर विचार
यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों के नैक मूल्यांकन में आमूल-चूल परिवर्तन करने का निर्णय लिया है. यूजीसी कॉलेजों को नैक श्रेणी के बजाय केवल अंक (बाइनरी एक्रेडिटेशन) देने की सोच रहा है. नॅक का लगभग 80 प्रतिशत ग्रेड आधारित है. हालाँकि, रैंकिंग आधारित मूल्यांकन कॉलेजों की गुणवत्ता को रेखांकित नहीं करते हैं. दूसरी ओर, गलत परिणाम देखे गए ह्ैं. जगदीश कुमार ने कहा कि वह अंक देने की सोच रहे हैं.
पत्रकारों की नई दिल्ली शैक्षिक यात्रा (भाग-1)
पुणे में शिक्षा विभाग को कवर करने वाले चयनित पत्रकारों का एक अध्ययन दौरा हाल ही में नई दिल्ली में राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदा पाटिल के माध्यम से और पुणे शिक्षा मंच और एनएसएस के महाराष्ट्र सलाहकार सदस्य राजेश पांडेय के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था. इसमें इन पत्रकारों ने नई दिल्ली में विभिन्न शैक्षिक, राजनीतिक एवं सामाजिक संस्थाओं का भ्रमण किया .इस अवसर पर देश में लागू नई शिक्षा नीति, जी20, देश स्तर पर लागू स्कूल एवं उच्च शिक्षा नीति के बारे में विस्तृत एवं उपयोगी जानकारी दी गई. इस दौरे की विस्तृत रिर्पोटिंग दै. ‘आज का आनंद' के रिपोर्टर डॉ. भजनदास देवकर द्वारा पाठकों तक सिलसिलेवार पहुंचाई जा रही है.