संत ज्ञानेश्वर एवं तुकाराम महाराज की पालकियाें का भव्य स्वागत

    13-Jun-2023
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Palkhi 
 
ज्ञानेश्वर महाराज एवं श्री संत तुकाराम महाराज की पालकियाें का पुण्यनगरी में साेमवार काे शुभ आगमन हुआ. संतद्वय पालकियाें का भव्य स्वागत किया गया.लाखाें की संख्या में पधारे वारकरियाें की अगवानी में शहरवासियाें ने पलक पांवड़े बिछा दिए. ‘ज्ञानेश्वर माऊली ज्ञानराज माऊली तुकाराम’, ‘जय-जय रामकृष्ण हरि के जल्लाेष से पूरा शहर गूंज उठा.पालकी आगमन के चलते पुलिस ने पहले से ही शहर की ट्रैफिक में बदलाव किया था.लाेगाें काे वैकल्पिक मार्गाें का प्रयाेग करने काे कहा गया था. फिर भी बाहर के वाहन बड़ी संख्या में आने से पुलिस काे व्यवस्था सामान्य बनाने में काफी मेहनत करनी पड़ी.दाेनाें पालकियाें का जगह-जगह शानदार स्वागत किया गया. पालकियाें कीआरती उतारी गई.
 
पालकी के दर्शन के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में उमड़े. प्रशासन की ओर से पालकियाें का स्वागत किया गया.वारकरियाें काे सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं थी. संत तुकाराम महाराज की पालकी पिंपरी से पुणे की ओर सुबह निकली. नासिक फाटा, कासारवाड़ी, दापाेड़ी में स्थानीय स्वयंसेवी संगठनाें, मित्र मंडलाें द्वारा पालकी का स्वागत किया गया.वारकरियाें काे फराल, मिठाई तथा अन्नदान की व्यवस्था की गई थी. खड़की से पालकी मरिआई गेट पर पहुंची.इधर आलंदी से निकली संत ज्ञानेश्वर की पालकी दिघी-विश्रांतवाड़ी पहुंचने के बाद दाेनाें पालकियां शिवाजीनगर से हाेते हुए शहर में पहुंची. पालकी में शामिल वारकरियाें कासंगमवाडी, नरवीर तानाजी वाड़ी परिसर में स्वागत किया गया.
 
शहर सीमा में आते ही श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई. दर्शन के लिए लाेग बड़ी संख्या में आ गये. संत ज्ञानेश्वर की पालकी का मुकाम (विश्राम) नाना पेठ में और संत तुकाराम महाराज की पालकी का मुकाम भवानी पेठ में था. दाे दिवसीय विश्राम के बाद पालकियां पंढरपुर के लिए रवाना हाेंगी.दिंडी प्रमुखाें का पारंपरिक पद्धति से सत्कार किया गया. इस अवसर पर दाताओं ने वारकरियाें काे मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थ वितरित किए.इस वर्ष बारिश न हाेने से वारकरियाें काे गर्मी सहन करनी पड़ी परंतु प्रभूनाम में मग्न वारकरी अपनी धुन में पालकी के साथ आगे बढ़ते रहे. कई लाेगाें ने माऊली से इस वर्ष अच्छी बारिश. हाेने की प्रार्थना की पालकी मार्ग के दाेनाें ओर दर्शनार्थियाें की कतारें लगी थीं.