पुणे, 7 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
आषाढ़ी एकादशी पालकी महोत्सव कुछ ही दिनों में होने वाला है. वहीं दूसरी ओर, प्रशासन की ओर से खुद जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि इंद्रायणी नदी में 60 से 65 एमएलडी दूषित पानी प्रतिदिन छोड़ा जा रहा है. इसलिए ऐन वारी के मुहाने पर आलंदी से आने वाले श्रद्धालुओं और श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए इंद्रायणी नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए स्थानीय स्वशासी निकायों को गांवों से छोड़े गए अपशिष्ट जल को अभिनव तरीके से शुद्ध करने के लिए परियोजनाओं की योजना बनाएं और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसी) तुरंत इसकी जांच करे कि औद्योगिक क्षेत्र से कौन सी कंपनियां पानी छोड़ रही हैं. यह निर्देश कलेक्टर डॉ. राजेश देशमुख ने दिए हैं. इंद्रायणी नदी को प्रदुषणमुक्त किए जाने की योजना को लेकर जिला अधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में डॉ. देशमुख बोल रहे थे.
इस बैठक में पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र वाघ, महाराष्ट्र प्रदूषण नियामक मंडल के अधिकारी, लोनावला, वड़गांव मावल, तलेगांव दाभाड़े, आलंदी नगर परिषद और देहू नगर पंचायत के मुख्य अधिकारी सहित इंद्रायणी सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष विट्ठल नारायण शिंदे, वारकरी डी. डी. भोसले पाटिल आदि उपस्थित थे. इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कलेक्टर डॉ. राजेश देशमुख ने कहा कि, पिंपरी चिंचवड मनपा, नगर परिषद, ग्राम पंचायत की सीमा में आने वाले गांवों की समीक्षा करने के बाद इंद्रायणी नदी सभी की आस्था, रीति और परंपरा का विषय है. इसलिए प्रदूषित गंदापानी को नदी में प्रवेश करने से रोकना है. गांवों में रोजाना इस्तेमाल होने वाला 60 से 65 एमएलडी पानी बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे इंद्रायणी नदी में छोड़ा जा रहा है. इसके लिए लोनावला, तलेगांव, आलंदी और अन्य नगर परिषदों और स्थानीय गांवों में ग्राम पंचायतों विशेष रूप से, मावल तालुका में कान्हेवाड़ी ग्राम पंचायत ने अपने अधिकार क्षेत्र में सभी अपशिष्ट जल को एक अभिनव तरीके से उपचारित किया है और इसे गांव में ही पुन: उपयोग किया है.
कान्हेवाड़ी गांव द्वारा किए गए उपायों को जिला परिषद द्वारा अन्य गांवों में भी लागू किया जाए. ग्राम पंचायत में शत-प्रतिशत कचरा निस्तारण की गतिविधियां चलाई जाएं, हर माह गतिविधियां कराई जाएं. डॉ. देशमुख ने एनजीओ और नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने का भी आदेश दिया.
मनपा कर रही एसटीपी और ईटीपी का निर्माण
पिंपरी-चिंचवड़ मनपा द्वारा एसटीपी और ईटीपी (इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण किया जा रहा है. यह काम मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा और लगभग 31 एमएलडी की दैनिक सीवेज उपचार क्षमता वाले एसटीपी को चालू कर दिया जाएगा, जो नदी प्रदूषण में काफी योगदान देगा. - जितेंद्र वाघ, अतिरिक्त आयुक्त, पिंपरी-चिंचवड़ मनपा.
दो सप्ताह में डीपीआर बनाकर जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजें
इंद्रायणी नदी तट के कुछ हिस्से नगर परिषद और कुद हिस्से जिला परिषद सीमा के अंतर्गत हैं. इसलिए यहां के सात गांवों की व्यापक परियोजना योजना (डीपीआर) अभी तक तैयार नहीं की गई है. इस संबंध में जिला परिषद अगले दो सप्ताह में डीपीआर बनाकर उसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजें. जबकि कुछ हिस्से पुणे महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरणण् (पीएमआरडीए) के तहत आ रहे हैं. इसलिए उनको भी इंद्रायणी नदी के पुनरुद्धार के उद्देश्य से बनाई योजना में शामिल किया जाएगा. - डॉ. राजेश देशमुख, कलेक्टर.