महावितरण ने किया चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना

मुख्य अभियंता राजेंद्र पवार ने कहा - इंजीनियरों एवं कर्मचारियों ने दिया महत्वपूर्ण योगदान

    09-Jun-2023
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रास्ता पेठ, 8 जून (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
तत्कालीन महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड का विभाजन हो गया और ग्राहक सेवा के साथ सुचारू बिजली आपूर्ति के लिए 2005 में महावितरण कंपनी की स्थापना की गई थी. पिछले 18 सालों में कई चुनौतीपूर्ण बदलाव आए. मुख्य अभियंता राजेंद्र पवार ने जोर देकर कहा कि महावितरण ने इसके माध्यम से सफलतापूर्वक संचालन करते हुए और बिजली उपभोक्ताओं को केंद्र में रखकर देश के बिजली क्षेत्र में आसमान छू लिया है. वे मंगलवार (6 जून) को रास्ता पेठ स्थित प्रशासनिक भवन में आयोजित महावितरण जयंती कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता अरविंद बुलबुले, युवराज जरग, संजीव राठौड़, डॉ. सुरेश वानखेड़े, सहायक महाप्रबंधक ज्ञानदा नीलेकर (मानव संसाधन) और माधुरी राउत (वित्त और लेखा) की प्रमुख उपस्थिति थी.
 
राजेंद्र पवार ने कहा, फयान, तौक्ते, निसर्ग जैसे भयानक चक्रवाती तूफान, राज्य में विनाशकारी बाढ़ और कोविड-19 संक्रमण काल में महावितरण के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने ग्राहक सेवा का एक नया मानक बनाया है. फोटो मीटर रीडिंग का पेटेंट कराया गया है. साथ ही उपभोक्ताओं को मोबाइल एप के माध्यम से सटीक रीडिंग कर बिजली बिल दिया जा रहा है. कार्यक्रम में मुख्य अभियंता राजेन्द्र पवार के हाथों महावितरण के मृत कर्मचारियों के 5 उत्तराधिकारियों एवं विद्युत सहायक पद पर सीधी सेवा भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से चयनित तीन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये. कार्यक्रम का सूत्रसंचालन लघु प्रशिक्षण केन्द्र के समन्वयक डॉ. संतोष पटनी ने किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महावितरण के अभियंता, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे.