डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर दिया जीवनदान

गर्भवती महिला का गर्भाशय ब्लैडर में धंस जाने से हो रही थी भारी मात्रा में ब्लीडिंग

    24-Jul-2023
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पुणे, 23 जुलाई (आ.प्र.)
 
कमला नेहरू हॉस्पिटल में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा एक जटिल सर्जरी कर महिला और उसके गर्भाशय शिशु को जीवन दान दिया गया. महिला का गर्भाशय ब्लैडर में धंस जाने से उसे भारी ब्लीडिंग हो रही थी. डॉक्टरों ने तत्काल अभूतपूर्व फैसला लेकर सर्जरी की और मां-बच्चे की जान बचा ली. जेजुरी की एक गर्भवती महिला की हाल ही में कमला नेहरू हॉस्पिटल में तीसरी सीजेरियन डिलीवरी की गई. आईसीयू में 21 दिनों के इलाज के बाद 11 जुलाई को मां और बच्चे को सुरक्षित छुट्टी दे दी गई. अधिकतर जटिल सर्जरी को ससून हॉस्पिटल में रेफर कर दिया जाता है लेकिन यह पहली बार है जब नेहरू हॉस्पिटल द्वारा इतनी जटिल और समस्या भरी सर्जरी को सफल बनाया गया. गर्भवती महिला को मायोमेक्टॉमी (गर्भाशय पर पिछली सर्जरी) और सेंट्रल प्लेसेंटा प्रीविया (प्लेसेंटा कवरिंग द ओपनिंग यूटेरस) के पिछले दो निचले खंड सीजेरियन जैसी जटिलताओं के इलाज के लिए पीएमसी द्वारा संचालित कमला नेहरू हॉस्पिटल में भेजा गया था.
 
तीसरी बार सिजेरियन डिलीवरी करवाना जोखिम भरा कार्य था. गर्भवती महिला को 20 जून 2023 को सिविक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. जब वह लेबर पैन में थी. स्त्री रोग विशेषयज्ञ डॉ. अभिजीत वादाते और डॉ. आरती सिरसाठ ने सर्जरी करने का फैसला किया था. ऑपरेशन के दौरान, उन्हें पता चला कि गर्भाशय ब्लैडर में घुस गया है. तभी डॉक्टरों ने खून के 6 बैग मंगवाए क्योंकि महिला गंभीर रूप से खून बहने की शिकायत कर रही थी. कमला नेहरू हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. सूरज वाणी ने बताया कि यह हमारे हॉस्पिटल के इतिहास में पहली बार है जब हमने इतनी जटिल सर्जरी की है इसमें मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ फैकल्टी और नए आईसीयू ने हमारी सहायता की है. पहले ऐसी जटिल सर्जरी को ससून हॉस्पिटल में रेफर किया जाता था. अब, हमारे अपग्रेडेशन से ससून हॉस्पिटल का भार कम होगा और हम बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेंगे.
 
 
माता और शिशु सुरक्षित
 
डॉ. वादाते ने कहा कि महिला को जेजुरी से एमनीओटिक फ्लुइड लीक होने के कारण रेफर किया गया था. वहीं बच्चे का वजन लगभग 1.2 किलोग्राम था. मरीज को बहुत तेज लेबर पैन हो रहा था. इसलिए हमने इमरजेंसी सी- सेक्शन का फैसला किया. यह सर्जरी 20 जून को सफलतापूर्वक हुई थी. उन्होंने आगे बताया दोनों ऑपरेशन के दौरान महिला का गर्भाशय निकाल दिया गया था और ब्लैडर को ठीक कर दिया गया था. स्वास्थ्य ठीक होने के बाद जच्चा और बच्चा को छुट्टी दे दी गई.