ढोल टीमों की प्रैक्टिस से स्थानीय नागरिक परेशान

01 Sep 2023 15:10:55
 
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पुणे, 31 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाउडस्पीकर की आवाज सीमित हो गई, लेकिन इसके बाद गणेशोत्सव के दौरान ढोल टीमों की संख्या बढ़ गई है. शहर के विभिन्न हिस्सों में सार्वजनिक स्थानों पर इन ढोल टीमों की प्रैक्टिस से स्थानीय नागरिक बेहाल हो गये हैं. गणेशोत्सव से 6 से 7 सप्ताह पहले से इन टीमों का अभ्यास चल रहा है और तेज आवाज के कारण वरिष्ठ नागरिकों और छोटे बच्चों में सुनने की क्षमता पर असर होने का खतरा बढ़ सकता है. गणेशोत्सव की पृष्ठभूमि में हर शाम 6 बजे के बाद ढोल-ताशों की आवाजें गूंजने लगती हैं. एस.एम. जोशी पुल, भिड़े पुल और ओंकारेेशर मंदिर तक नदी के पास सड़क के किनारे ढोल-ताशा मंडप लगाकर प्रैक्टिस की जा रही है. इसके साथ ही सिंहगढ़ रोड इलाके और उपनगरों में भी अभ्यास किया जा रहा है. प्रैक्टिस के दौरान उत्पन्न होने वाले शोर से स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसलिए, नागरिकों का कहना है कि टीमों को वाद्यों की संख्या सीमित करनी चाहिए, आवासीय क्षेत्रों के बजाय खुले स्थानों में अभ्यास करना चाहिए और स्कूल के मैदानों पर अभ्यास सीमित करना चाहिए. शाम को नागरिक थके हारे घर आते हैं. वरिष्ठ नागरिकों ने यह भी कहा कि बच्चों के स्कूल की छुट्टी होने के बाद उन्हें होमवर्क के साथ पढ़ाई करनी होती है. इस बीच प्रैक्टिस शुरू होने से वे चिढ़ने लगते हैं. बुजुर्गों ने कहा कि प्रैक्टिस के समय उन पर जोर-जोर से बोलने की नौबत आ जाती है.
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