पुणे, 24 सितंबर (आ.प्र.)
पुणे आरटीओ द्वारा जिले की सभी कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है जिसमें उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी कंपनियों के कर्मचारियों को टूव्हीलर वाहन चलाते समय हेलमेट का उपयोग अनिवार्य करें. यह कदम पुणे जिले में 2022 और 2023 साल में हुई दुर्घटनाओं के तुलनात्मक विश्लेषण के बाद उठाया गया है, इनमें 70 से 80 प्रतिशत तक सड़क दुर्घटनाओं में टूव्हीलर वाहनों और पैदल यात्रियों का अनुपात सबसे अधिक था. इस आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए आरटीओ ने पुणे की सड़कों पर हेलमेट का उपयोग अनिवार्य करने का निर्णय लिया है. आरटीओ के मुताबिक सड़क सुरक्षा की दृष्टि से वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग बेहद जरूरी है.
टूव्हीलर सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले या मारे जाने वाले अधिकांश वाहनचालक बिना हेलमेट के यात्रा करने वाले होते हैं, इसलिए पुणे जिले में हेलमेट के उपयोग के संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.हालांकि नागरिकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता कोई नई बात नहीं है, लेकिन पुणेवासी इसे पहनने को लेकर हमेशा संशय में रहे हैं. पहले, इस निर्णय पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखी गई थीं, कुछ नागरिकों ने इसे स्वीकार किया जबकि अन्य ने इसका विरोध किया. अब तक, पुणे जिले के विभिन्न एमआईडीसी में कई आईटी कंपनियों और अन्य प्रतिष्ठानों ने आरटीओ के निर्देशों के अनुसार कार्य परिसर में प्रवेश करते समय हेलमेट का उपयोग अनिवार्य कर दिया है. आरटीओ अधिकारी संजीव भोर ने कहा कि हम पुणे जिले की सभी कंपनियों और प्रतिष्ठानों को हेलमेट अनिवार्यता को लेकर नोटिस जारी कर रहे हैं. नोटिस पिछले 3 महीने से जारी किए जा रहे हैं और उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाया जाएगा और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 और 194 (डी) के तहत कार्रवाई की जाएगी.
बुनियादी समस्याएं हल करना जरूरी
सजग नागरिक मंच के अध्यक्ष विवेक वेलणकर ने कहा कि आरटीओ अधिकारियों को सबसे पहले शहर की बुनियादी यातायात समस्याओं को हल करने की जरूरत है. वहीं सड़कों पर ओवरलोडेड ट्रक चल रहे हैं, जो यात्रियों के लिए खतरा पैदा करते हैं, फर्जी पंजीकरण वाले ऑटोरिक्शा और कई अन्य मुद्दे शहर को अपनी चपेट में ले रहे हैं, इसलिए आरटीओ को इन मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए.