पुणे, 30 सितंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
मुठा नदी की बाढ़ रेखा के परिसर में लगभग 5 एकड़ क्षेत्र को मिट्टी आदि से भरकर एक बड़ा प्लॉट बनाये जाने की बात सामने आने के बाद अब फिर से नदी के पाट में भराव (भरान) डालना शुरू हुआ है. सिंहगढ़ रोड पर स्थित एकतानगर के नदी के पाट के पार कर्वेनगर-वारजे की ओर कई डंपर अनलोड किये जा रहे हैं. पुणे में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त होने के बाद भी मनपा प्रशासन द्वारा कोई उपाय नहीं किये जाने से भविष्य में फिर से बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है. इस साल शहर और बांध क्षेत्र में भारी बारिश के कारण खड़कवासला बांध से पानी की निकासी बढ़ा दी गई थी. केवल 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से पुणे में सिंहगढ़ रोड पर नदी किनारे कई सोसायटियों, घरों और दुकानों में पानी घुस गया.
नाले और सड़कें नदियों जैसी हो गई थ्ीं. इस बारिश के कारण पुणे, विट्ठलनगर, एकतानगरी, निंबजनगर, पाटिल इस्टेट, शांतिनगर, येरवड़ा, पुलाचीवाड़ी आदि इलाकों में नदी किनारे सिंहगढ़ रोड पर कमर तक पानी भर गया. इस इलाके में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया. हर कोई नदी के पास के इलाके में अपनी जान बचाने की जद्दोजहद कर रहा था. लगभग 5 हजार नागरिकों को स्थानांतरित करना पड़ा था, वहीं विभिन्न हादसों में 4 लोगों की मौत हो गई थी. बाढ़ की इस स्थिति के बाद, मुला- मुठा नदी के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट के नाम पर मनपा द्वारा नदी में भराव डालकर नदी के तल को संकरा (छोटा) किये जाने के कारण पुणे के लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है और पर्यावरण प्रेमियों ने इसके लिए भाजपा को ही जिम्मेदार ठहराया है.
तमाम क्षेत्रों से आलोचना होने के बाद नींद में सोया मनपा प्रशासन जाग उठा. आरोप-प्रत्यारोपों के बाद मनपा ने इसके कारणों का पता लगाना शुरू किया तो यह बात सामने सामने आई कि कर्वेनगर से शिवणे तक नदी के किनारे करीब 4 से 5 एकड़ क्षेत्र में प्लॉट बनाये गये हैं. हालांकि, हकीकत में यह जगह 15 से 20 एकड़ बताई जाती है. इस कूड़े-करकट के कारण नदी के पाट में एक दीवार बन गई है. यह आरोप लगाया गया कि इस भराव के कारण नदी ने अपना रास्ता छोड़ दिया, जिससे पानी सिंहगढ़ क्षेत्र में प्रवेश कर गया. इसके चलते गहरी नींद में सोए मनपा प्रशासन ने करीब 300 ट्रक मिट्टी व मलबा हटा दिया.
मनपा आयुक्त ने दिए उचित कार्रवाई करने के निर्देश
भराव हटाने के बाद फिर से भराव रोकने के उपाय करना मनपा के लिए जरूरी था. हालांकि, बरसात का मौसम लगभग खत्म होने के कारण मनपा इन सभी समस्याओं को भूल गई. इसके परिणामस्वरूप अवैध रूप से भराव डालकर प्लाटिंग करने का काम फिर से शुरू हो गया. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में पुणेवासियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. यह मामला मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले के संज्ञान में लाये जाने के बाद उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिये.