पीएमआरडीए के भ्रष्ट अधिकारी मुझे बदनाम कर रहे : चैतन्य महाराज

अधिकारियों का भ्रष्ट बिल्डर को समर्थन प्राप्त ; हमारी जगह पर अवैध तरीके से कब्जा किया गया

    07-Oct-2024
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पुणे/पिंपरी, 6 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
प्रसिद्ध कीर्तनकार चैतन्य महाराज वाडेकर ने कहा कि मैं कीर्तनकार हूं इसलिए पीएमआरडीए के भ्रष्ट अधिकारियों ने मुझे बदनाम करने की साजिश रची. पीएमआरडीए अधिकारियों का भ्रष्ट बिल्डर को समर्थन प्राप्त है और उसने हमारी जगह पर अवैध तरीके से कब्जा किया है. चैतन्य महाराज वाडेकर पर म्हालुंगे एमआईडीसी पुलिस ने मामला दर्ज किया था. तरीके से अवैध भीड़ इकट्ठा कर जेसीबी-पोकलैंड मशीन की सहायता से कंपनी कंपनी की सड़कों पर गड्ढ े बनाकर व गैस पाइपलाइन को तोड़कर लोगों के जीवन को खतरे में डालने के मामले में 10 से 15 लोगों पर केस दर्ज किया गया था. चैतन्य महाराज सहित उनके दो भाई एड्. अमोल और प्रमोद वाडेकर व रिश्तेदारों को म्हालुंगे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने की खबर प्रसारित होने के बाद इस विषय में पत्रकार भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में वाडेकर ने अपना पक्ष रखा.
 
चैतन्य महाराज ने आरोप लगाया कि यह संबंधित बिल्डर द्वारा मुझे बदनाम करने की साजिश है, क्योंकि मैं एक प्रसिद्ध कीर्तनकार हूं. उस बिल्डर ने हमारी जगह पर अतिक्रमण किया. साथ ही रास्ता खोदने के कारण गिरफ्तार होने की आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर खबरें प्रसारित हुईं. मेरी छवि बिगाड़ने के लिए बिल्डर ने ऐसा किया. संबंधित बिल्डर मेरा नाम खराब करने की कोशिश कर रहा है. वाडेकर ने कहा, ये बिल्डर हमें हमारी ही जगह पर प्रवेश करने से रोक रहे थे, जबकि हमारे पास संबंधित जगह का मालिकाना हक होने के सबूत हैं. हमारी खाली जमीन का उपयोग यह बिल्डर अवैध रूप से आने-जाने के लिए कर रहा था. मेरे भाई प्रमोद वाडेकर ने उस स्थान का उपयोग किसी को न करने देने का निर्णय लिया. इसके लिए मेरा भाई योजना बना रहा था. वहां कोई गुंडा मौजूद नहीं था और मैं अपने घर में ही बैठा था.
 
उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो पुलिस वहां आ गई और मुझे फोन किया कि हम आपके घर के पास आए हैं. हमें भी आपके साथ एक तस्वीर लेनी है, हमसे मिलने आएं. मैं वहां गया और वहीं पर उन्होंने मेरी तस्वीरें लीं. अगले दिन उस बिल्डर द्वारा म्हालुंगे एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद वे उस जगह पर गए और मेरे बड़े भाई प्रमोद को ले गए. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में हमसे वह जगह कब्जा कर उक्त बिल्डर को सौंपते समय हमारे दिव्यांग भाई एडवोकेट अमोल वाडेकर ने रोका तो पुलिस ने उनसे भी पुलिस स्टेशन में आने का अनुरोध किया.
 
खेड़ के साथ-साथ पुणे जिले में भी कुख्यात है बिल्डर
चैतन्य महाराज वाडेकर कहा, जब मैं अपने भाई के साथ मदद के लिए पुलिस स्टेशन गया, तो पुलिस ने हमारी पैतृक (एन्सेस्ट्रल) और हमारे कब्जे की प्रॉपर्टी (जगह) से गुजरने वाले बिल्डर का रास्ता रोकने के आरोप में हम तीनों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया. इसके बाद हमें जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस मामले में भले ही केस दर्ज किया गया हो, लेकिन मैं उस स्थान पर मौजूद नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि यह बिल्डर खेड़ तहसील के साथ-साथ पुणे जिले में भी कुख्यात है और उसके गलत कामों से हर कोई वाकिफ है.
 
लैंड रिकॉर्ड अधीक्षक ने संशोधन के आदेश दिये
चैतन्य महाराज ने बताया कि भांबोली में सर्वे नं. 56 और ग्रुप नं. 245 में हमारी पैतृक कृषि भूमि है. इस क्षेत्र में से 2 हेक्टेयर क्षेत्र की बिक्री करते समय मेरे परिवार ने सिर्फ 220 फीट फ्रंट वाले उत्तर दक्षिण लंबाई का क्षेत्र बेचा था, लेकिन संबंधित बिल्डर ने उससे अधिक जगह पर अवैध रूप से कब्जा करने की कोशिश की. सर्वे नं. 56 में से 79 आर क्षेत्र की खरीदी का रिकॉर्ड हमारे दादा के नाम है तथा इसका मालिकाना हक व कब्जा हमारे परिवार के पास था और है. हालांकि इस जमीन का रजिस्ट्रेशन लैंड रिकॉर्ड में हमारे नाम पर न होने से हमारे परिवार ने जिला अधीक्षक, लैंड रिकॉर्ड, पुणे के पास वर्ष 2007 में रिकॉर्ड में दुरुस्ती (संशोधन) के लिए अपील दायर की थी और उन्होंने संशोधन करने के आदेश दिए हैं.