माता-पिता का ऋणी होने में ही होता है सच्चा सुख

बंसी रत्न कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में प्रसिद्ध उद्यमी विट्ठल मणियार ने कहा

    08-Oct-2024
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बिबवेवाड़ी, 7 अक्टूबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
हम अपने माता-पिता की परंपराओं, बलिदानों और समर्पण से आकार लेते हैं, इसमें समाज की भी हिस्सेदारी है. लेकिन माता-पिता का कर्ज हम कभी नहीं चुका सकते. सच्चा सुख उनके ऋण से उऋण होने में है. प्रसिद्ध उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता विट्ठल मणियार ने कहा कि सुषमा और संजय चोरडिया ने अपने माता-पिता और समाज को भूलकर अच्छा काम करने वालों को सम्मानित करने का जो व्रत लिया है, वह सराहनीय है. वह रतनबाई और बंसीलाल चोरडिया की स्मृति में सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा संचालित बंसी-रत्न कल्याण ट्रस्ट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे. यह कार्यक्रम रविवार (6 अक्टूबर) को बिबवेवाड़ी में श्री वर्धमान ेशेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ में आयोजित किया गया था. यहां एड. एस. के. जैन एवं परिवार को प्रथम बंसी-रत्न आदर्श परिवार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वहीं आशाबाई और रमणलाल लुंकड़ दम्पति को ‌‘बंसी-रत्न आदर्श अभिभावक राष्ट्रीय पुरस्कार‌’ शोभा धारीवाल को ‌‘समाजरत्न, पोपटलाल ओस्तवाल को ‌‘समाज शिरोमणि‌’, सुभाष ललवाणी को ‌‘समाजभूषण‌’, माणिक दुग्गड़ को ‌‘गुरु सेवा‌’ और शेखर मुंदड़ा को ‌‘मानवसेवा राष्ट्रीय पुरस्कार-2024‌’ से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार का सातवां वर्ष था.
  
 
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इस अवसर पर जैन समाज के कक्षा 10वीं एवं 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र, स्वर्ण पदक एवं सम्मान चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य डॉ. लोकेश मुनिजी ने की. पूर्व एयर चीफ मार्शल भूषण गोखले, संगीतकार अबू मलिक, ब्रह्माकुमारीज्‌‍ के बी. के. दशरथ भाई, बंसी-रत्न चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया और उपाध्यक्ष सुषमा चोरड़िया, एसोसिएट उपाध्यक्ष स्नेहल नवलखा, डॉ. किमया गांधी, मुख्य विकास अधिकारी सिद्धांत चोरडिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अक्षित कुशल, निदेशक प्रशांत पितलिया, प्राचार्य अजीत शिंदे व अन्य उपस्थित थे. आचार्य डॉ. लोकेश मुनि जी ने कहा कि यहां सम्मानित प्रत्येक व्यक्ति ने अपने समाज में एक अद्वितीय स्थान बनाया है.
 
यह पुरस्कार उनकी सेवा के प्रति एक सम्मान है. भारतीय संस्कृति सेवा, त्याग और समर्पण की है. संजय और सुषमा चोरड़िया ऐसे अनुकरणीय व्यक्तित्व का सम्मान कर नई पीढ़ी के निर्माण का कार्य कर रहे हैं. एयर मार्शल भूषण गोखले ने कहा कि समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित भावना से काम करने वाले लोगों की आज जरूरत है. इसी भावना को नई पीढ़ी में विकसित करने के लिए सूर्यदत्त शिक्षण संस्थान काम कर रहा है. शोभा धारीवाल ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ी को धन के साथ-साथ पेड़ लगाने की संस्कृति भी देनी चाहिए. जीवित रहने के लिए धन आवश्यक है, लेकिन ऑक्सीजन हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण है. मुझे स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान करने में सक्षम होने पर खुशी है. रसिकलाल धारीवाल के काम को आगे बढ़ाने का प्रयास है. कार्यक्रम का संचालन मनीषा कर्णावट एवं प्रशांत पितलिया ने किया. सुषमा चोरडिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया. अबू मलिक और साथियों के संगीत कार्यक्रम ने दर्शकों का दिल जीत लिया.
 
लोगों के जीवन में रोशनी फैला रहा है सूर्यदत्त परिवार ः एस.के. जैन
 
एड. एस.के. जैन ने कहा कि संजय चोरड़िया और सूर्यदत्त परिवार सूर्य की तरह हर किसी के जीवन में रोशनी फैलाने का काम कर रहे हैं. हम सभी को उनका अनुकरण करना चाहिए. समाज के प्रति कर्तव्य निभाने की जिम्मेदारी लें.
 
आदर्श परिवार और गुरु की सेवा करने वालों का सम्मान
  
प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया ने प्रस्तावना रखते हुए पुरस्कार के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार समारोह उन माता-पिता की याद में आयोजित किया जाता है जिन्होंने सामाजिक और धार्मिक कार्यों से हमें बनाया है. इस वर्ष से समाज में आदर्श परिवार एवं गुरु की सेवा करने वाले व्यक्ति को सम्मानित किया जा रहा है. सूर्यदत्त सदैव ऐसी पीढ़ी तैयार करने के लिए आगे रहेगा जो अगली पीढ़ी को माता-पिता के संस्कार और शिक्षाएं प्रदान कर राष्ट्र की प्रगति में योगदान देगी.