30 साल तक बीजेपी को जिताने के बाद भी ‌‘कसबा‌’ उपेक्षित

विधानसभा में पुणे की बुलंद आवाज उठाने वाले रवींद्र धंगेकर को नागरिकों का भारी समर्थन

    12-Nov-2024
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कसबा पेठ, 11 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
कसबा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने अपने उम्मीदवार को लेकर काफी भ्रम की स्थिति का सामना किया, और अंततः उन्होंने पिछली बार पराजित हुए उम्मीदवार को फिर से टिकट दिया. इससे वहां बीजेपी में जो असमंजस की स्थिति पैदा हुई, वह कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, और कांग्रेस की जीत और आसान हो गई है, ऐसा महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक मोहन जोशी ने कहा. मोहन जोशी ने कहा कि बीजेपी ने कसबा को अपना गढ़ मानते हुए यहां की मूलभूत समस्याओं की अनदेखी की. 25-30 सालों तक कसबा विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने बीजेपी का विधायक चुना, उन्हें उम्मीद थी कि कभी न कभी हालात सुधरेंगे, लेकिन उन्हें सिर्फ निराशा हाथ लगी. बीजेपी को विधायक, सांसद, और मंत्री पद तो मिले, लेकिन कसबा क्षेत्र की समस्याएं खत्म नहीं हुईं. वहीं, जब रवींद्र धंगेकर को सिर्फ सोलह महीनों के लिए विधायक बनने का मौका मिला, तो उन्होंने दिखा दिया कि इस क्षेत्र में कितना काम हो सकता है. इसलिए मतदाताओं का उन पर वेिशास और बढ़ गया है.
 
अब यहां के सभी नागरिकों को यह एहसास हो गया है कि यदि धंगेकर को पूरे पांच साल का कार्यकाल मिला, तो इसका लाभ पूरे क्षेत्र को मिलेगा. इसी कारण यहां की जनता धंगेकर के समर्थन में खड़ी है, और इस बार धंगेकर उपचुनाव से भी अधिक बहुमत से जीतेंगे, ऐसा वेिशास भी मोहन जोशी ने व्यक्त किया. जोशी ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर पुणेवासियों को धोखा दिया गया, नदी सुधार परियोजना के नाम पर जनता को बहलाया गया. हर चुनाव में बीजेपी ने नए-नए झूठे वादे किए्‌‍. उन्हें पुणे में शत-प्रतिशत सफलता चाहिए थी, जो पुणे के मतदाताओं ने दी भी, लेकिन जनता के हिस्से में केवल निराशा आई.
 
अब बीजेपी को सबक सिखाने का संकल्प पुणेकरों, विशेषकर कसबा क्षेत्र के नागरिकों ने कर लिया है, इसी बीच सोमवार सुबह महाविकास आघाड़ी इंडिया फ्रंट और सहयोगी पार्टियों के उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने कसबा गणपति, पासोड्या विठोबा, सिटी पोस्ट, दगड़ी नागोबा, डुल्या मारुति, दूध भट्टी आदि क्षेत्रों से पदयात्रा निकाली. इस यात्रा में रोहित तिलक, जयसिंग भोसले, विशाल धनवड़े, राजेंद्र शिंदे, शिवराज भोकरे, संतोष भुतकर, संदीप आटपालकर, प्रवीण करपे, गौरव बोराड़े, सुरेश कांबले, गणेश नलावडे, दीपक जगताप सहित महाविकास आघाड़ी के सदस्य शामिल थे.