सोपानबाग, 19 नवंबर (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
रेजिडेंट्स फोरम- उदयबाग, सोपानबाग, घोरपड़ी के तहत सोपानबाग, उदयबाग, बीटी कवड़े रोड़, हड़पसर, घोरपड़ी और आसपास के 35 से अधिक हाउसिंग सोसायटियों के निवासियों ने रविवार 17 नवंबर को एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध प्रदर्शन सोपानबाग की गंगा मेलरोस हाउसिंग सोसायटी में शाम 4 बजे किया गया, जिसका उद्देश्य उन सार्वजनिक समस्याओं को उजागर करना था, जिनका लंबे समय से समाधान लंबित है. इन समस्याओं में जहरीली बदबू, वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याएं शामिल हैं, जो लगातार स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का कारण बन रही हैं. प्रदर्शन में शामिल होने वालों में विभिन्न आयु वर्ग के लोग थे. इन सभी का आरोप था कि वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे ेशसन संक्रमण, अस्थमा, फेफड़ों की बीमारियां, खांसी, दिल की समस्याएं और आंखों व गले में जलन. स्थानीय लोगों का कहना था कि उन्हें गंदगी और प्रदूषण के कारण सांस लेने में कठिनाई हो रही है. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में प्लेकार्ड्स लिए थे जिन पर लिखा था - हम सांस नहीं ले पा रहे, हमें साफ हवा चाहिए!, उदयबाग की बदबू में जीना नर्क जैसा हो गया है! और यह जहरीली हवा हमें मार रही है! प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मनपा प्रशासन इस मुद्दे पर पूरी तरह से निष्क्रिय है और इलाके को पुणे का सबसे गंदा क्षेत्र बना दिया है. उन्होंने मनपा से अपील की कि वह वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट और कचरा यार्ड को आवासीय क्षेत्रों से हटा दे और क्लोरोफॉर्म जैसे खतरनाक रसायनों से हो रही समस्या का समाधान करे
यमराज भी इस इलाके में मास्क पहनकर आता है!
प्रदर्शनकारियों ने मनपा और पुणे पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीसीबी) पर भी गंभीर आरोप लगाए, यह कहते हुए कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद, कूड़े के डिपो और वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट को शिफ्ट नहीं किया गया है. इस इलाके में यमराज भी इस इलाके में मास्क पहनकर आता है! उन्होंने मनपा प्रशासन पर तंज कस्ते हुए कहा कि मनपा प्रशासन को शर्म आनी चाहिए की उनके लोग गंदगी से मर रहे हैं, जिसके बावजूद वह अंजान एवं निष्क्रिय है. भोपाल की यूनियन कार्बाइड ने जो किया मनपा कमिश्नर आप हमारे साथ ऐसा न करें. अपने कर्तव्यों का पालन करो, मनपा, पीसीबी, अब तो जाग जाओ!.
टास्क फोर्स का गठन
प्रदर्शनकारियों ने अब प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद जताई है और अपनी चिंताओं को साझा करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है. प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से अपील की कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करे और इस गंभीर प्रदूषण समस्या का समाधान शीघ्र करे. उन्होंने कहा कि हमारे जीवन और स्वास्थ्य के लिए यह खतरे का मामला बन चुका है. अब समय आ गया है कि प्रशासन हमें राहत दे और हमारी समस्याओं का समाधान करे. कानूनी और प्रशासनिक लापरवाही स्थानीय निवासियों ने यह भी याद दिलाया कि राज्य सरकार और कोर्ट ने पहले ही कूड़े के डिपो को शिफ्ट करने के लिए आदेश दिए थे. 2012 में राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों में कूड़े के ढेर और डंपिंग ग्राउंड्स से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए टाउन प्लानिंग कानूनों में बदलाव का वादा किया था. इसके बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 जून 2018 को आदेश दिया था कि मनपा और पीसीबी को कूड़े के डिपो को शिफ्ट करना चाहिए. इसके बावजूद, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. राज्य के मुख्य सचिव, यूडीडी डॉ. नितिन करीर ने 11 अगस्त 2018 को कूड़ा डिपो को 2019 तक शिफ्ट करने का आदेश दिया था, लेकिन यह आदेश भी बेअसर साबित हुआ.