देश में धुंध का पीक आना अभी बाकी, दिसंबर-जनवरी में और घनी हाेगीदिल्ली की सांसाें काे कुछ राहत ताे मिली पर दिल्ली की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है. रविवार सुबह करीब 7 बजे दिल्ली के 7 जगहाें पर टख 400 के पार रिकाॅर्ड किया गया. प्रदूषण का सबसे खतरनाक लेवल आनंद विहार में देखा गया. यहां टख 412 रिकाॅर्ड किया गया..हालांकि, दिल्ली की हवा में मामूली सुधार हुआ है.मीडिया रिपाेर्ट के मुताबिक, औसत ए्नयूआई रविवार काे 366 दर्ज किया गया. शनिवार काे 412 रिकाॅर्ड गिया गया था. सीपीसीबी के डेटा के मुताबिक, नवंबर में दिल्ली का ए्नयूआई 300 से नीचे नहीं आया है, इसलिए दिल्ली में 8 गंभीर और 15 बहुत खराब दिन दर्ज किए. राजधानी में नवंबर 2023 में 9 और 2022 में 3 गंभीर दिन देखे गए थे. दिल्ली के अलावा मध्य भारत के कई शहर भी धुंध और काेहरे की चादर में हैं. चिंता की बात यह है कि अभी धुंध का पीक आना बाकी है.
माैसम विभाग के मुताबिक, दिसंबरजनवरी में धुंध वाले दिनाें की संख्या सामान्य से अधिक हाे सकती है. यह धुंध पहले से ज्यादा घनी भीहाेगी. तापमान में गिरावट और आने वाले दिनाें में नमी 80% से अधिक रहेगी. इनसे न केवल काेहरा बनेगा बल्कि घनी आबादी के इलाकाें में वाहनाें, कारखानाें के धुएं और निर्माण कार्याें की धूल से मिलकर काेहरा धुंध में तब्दील हाेगा. काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर का पूर्वानुमान है कि ढाई महीने में स्माॅग के कई दाैर आएंगे. नवंबर से भी बड़ा स्माॅग आ सकता है. पेशावर से ढाका तक कई दिन टुकड़ाें में काेहरा-स्माॅग छा सकता है. अमृतसर से गंगा सागर तक 2 हजार किमी क्षेत्र धुंध में ढका रह सकता है.सीपीसीबी की प्राेग्राम लीड प्रियंका सिंह बताती हैं कि उत्तर भारत में गंगा का मैदान सबसे निचला भू-भाग है. यहां ठंडी हवाएं जमा हाे जाती हैं. इससे नमी बढ़ती है और काेहरे की संभावना बढ़ाती ह