बैंकिंग सिस्टम को पटरी पर लाने में RBI का अहम रोल

02 Apr 2024 14:35:07

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मुंबई, 1 अप्रैल (वि.प्र./वार्ता)
 
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की 90वीं एनिवर्सरी के मौके पर मुंबई में सोमवार को आयोजित स्मृति समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, बैंकिंग सिस्टम को पटरी पर लाने में आरबीआई का अहम रोल रहा है. साल 2014 में भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था और डूबने की कगार पर था. आज ये बैंकिंग सिस्टम प्रॉफिट में हैं. महंगाई पर लगाम लगाने जी तोड़ मेहनत करनी होगी. 100 दिन मैं चुनाव में बहुत व्यस्त हूं, तो आपके पास भरपूर समय है. आप सोचकर रखिए, क्योंकि शपथ लेने के दूसरे दिन ही झमाझम काम आने वाला है. तीसरे कार्यकाल की सरकार बनते ही मैं नई योजनाओं के साथ काम में जुट जाऊंगा. नई चुनौतियों से निपटाने अधिकारी वर्ग कमर कसकर तैयार रहें.
 
हमें देखना होगा कि अलग-अलग सेक्टर्स को फाइनेंशियली सपोर्ट करने के लिए हमारी क्या तैयारी है? इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ 90 रुपए का स्मारक सिक्का भी लॉन्च किया. ये सिक्का 99.99% शुद्ध चांदी से बना है. इसका वजन 40 ग्राम है. ये सिक्का नौ दशकों के आरबीआई के समृद्ध इतिहास और उपलब्धियों का प्रतीक है. पीएम मोदी ने कहा- 21वीं सदी में इनोवेशन का बहुत महत्व रहने वाला है. इसलिए हमने अंतरिम बजट में इनोवेशन के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का रिसर्च फंड बनाया है. ङ्गकटिंग एज टेक्नोलॉजीफ पर जो प्रपोजल आएंगे, जो लोग इस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, हम उनके लिए कैसे प्रीपेयर हों, ये सोचना बहुत आवश्यक है.
 
और आरबीआई को अभी से सोचना चाहिए कि वो कैसे उनकी मदद करेगा. इसी तरह स्पेस सेक्टर ओपन हो रहा है, इसमें नए-नए स्टार्टअप आ रहे हैं. भारत में एक सबसे बड़ा क्षेत्र पूरी ताकत के साथ आ रहा है, वो है टूरिज्म सेक्टर. हमें देखना होगा कि इन्हें फाइनेंशियली सपोर्ट करने के लिए हमारी क्या तैयारी है? अभी 100 दिन मैं चुनाव में बिजी हूं, तो आपके पास भरपूर समय है. आप सोचकर रखिए, क्योंकि शपथ लेने के दूसरे दिन ही झमाझम काम आने वाला है. प्रधानमंत्री ने कहा- मैं जब 2014 में रिजर्व बैंक के 80 वें वर्ष के कार्यक्रम में आया था, तब हालात एकदम अलग थे. भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था. एनपीए को लेकर भारत के बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता और उसके भविष्य को लेकर हर कोई आशंका से भरा हुआ था.
 
पिछले 10 साल में जो हुआ वो तो सिर्फ ट्रेलर
सरकार की उपलब्धियों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा- बीते 10 सालों में हमने सेंट्रल बैंकिग सिस्टम और अंतिम पायदान के बीच खड़े व्यक्ति के कनेक्ट को हाइलाइट किया है. गरीबों का फाइनेंशियल इंक्लूजन आज इसका बहुत बड़ा उदाहरण है. आज देश में 52 करोड़ जन-धन अकाउंट हैं, इनमें 55% से ज्यादा खाते महिलाओं के नाम पर हैं. इसी फाइनेंशियल इंक्लूजन का प्रभाव एग्रीकल्चर जैसे सेक्टर में देख सकते हैं. आज 7 करोड़ से ज्यादा किसान और मछली से जुड़े बिजनेस वाले लोगों और पशुपालक के पास किसान क्रेडिट कार्ड हैं.
 
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को सोचने में विशेषज्ञता हासिल
पीएम ने कहा- एमएसएमई पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की बैकबोन जैसी है. ऐसे सारे सेक्टर में अलग अलग कर्ज की जरूरत होती है. कोरोना के समय हमने एमएसएमई के लिए जो क्रेडिट गारंटी स्कीम चलाई थी उसने इस सेक्टर को मजबूती दी है. आरबीआई को भी आगे आउट ऑफ एक्स बॉक्स पॉलिसी के बारे में सोचना होगा... और मैं देखता हूं, शक्तिकांत दास आउट ऑफ एक्स बॉक्स सोचने में माहिर हैं.
 
 
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