पुणे, 6 मई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 89 कंपनियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर करीब 18 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. इस मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (पुणे विभाग) की ओर से इन कंपनियों के खिलाफ वानवड़ी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है. साथ ही पीएफ धारा 7ए के तहत इन कंपनियों के बैंक खातों को पीएफ कार्यालय द्वारा अटैचमेंट लगाया गया है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पुणे विभाग के भविष्य निधि आयुक्त (वन) अमित वशिष्ठ, भविष्य निधि आयुक्त (टू) योगेन्द्रसिंह शेखावत, भविष्य निधि आयुक्त (टू) सूरज पाटिल, इन्फोर्समेंट ऑफिसर मनोज असरानी ने सोमवार 6 मई की शाम आयोजित पत्रकार वार्ता मे यह जानकारी दी.
भविष्य निधि आयुक्त (वन) अमित वशिष्ठ ने कहा कि पुणे विभाग इस तरह की कार्रवाई करने वाला देश का पहला डिवीजन बन गया है. पीएफ कार्यालय की जांच टीम ने पाया कि पुणे जिले की 89 कंपनियों ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत लगभग 18 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की है. इसी के तहत यह कार्रवाई की गई है. कुछ और कंपनियों को लेकर भी कार्रवाई चल रही है. इस बीच, वानवाड़ी पुलिस स्टेशन में 89 कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है और पुलिस आगे की जांच कर रही है. यह अपराध 31 दिसंबर 2020 से 3 मई 2024 के बीच हुआ है. फर्जी दस्तावेज दाखिल कर आत्मनिर्भर भारत योजना का लाभ लेने वाली कंपनियों के खिलाफ पीएफ प्रवर्तन अधिकारी मनोज असरानी ने वानवडी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है.
कोविड-19 के दौर में केंद्र सरकार ने सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट के तहत यह योजना शुरु की थी. इसके चलते 89 मालिकों ने ऑनलाइन एप्लिकेशन करके पीएफ नंबर प्राप्त किया और फर्जी दस्तावेज, पता और नाम जमा किए.पीएफ कार्यालय के विजीलेंस सेल द्वारा जांच करने पर पाया गया कि जिन कंपनियों के पते दिए गए थे उनके कार्यालय वहां नहीं थे और कर्मचारियों के नाम और पते भी गलत थे. इस मामले में पुलिस ने संबंधित कंपनियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है. वानवडी पुलिस स्टेशन के इन्चार्ज संजय पतंगे ने कहा कि हमने इस मामले में शिकायत दर्ज की है. तदनुसार आगे की जांच शुरू कर दी गई है.
कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी
कोविड-19 के समय में केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत योजना लागू की. कंपनी मालिकों और कर्मचारियों को इस योजना का लाभ मिले इस उद्देश्य से यह योजना पूरे देश में लागू की गई, लेकिन यह पाया गया कि पुणे जिले में 89 कंपनियों ने फर्जी दस्तावेज जमा करके इस योजना का लाभ उठाकर केंद्र सरकार को धोखा दिया है. इस मामले में और भी कंपनियों को लेकर जांच चल रही है. अमित वशिष्ठ ने कहा कि दोषी कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.