पिंपरी, 23 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार सातवीं बार पेश आम बजट को लेकर उद्योगनगरी पिंपरी-चिंचवड़ के व्यापारियों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों व आम लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. किसी ने बजट को सराहा तो किसी ने इसे निराशाजनक बताया. कुछ लोगों के लिए यह बजट महज झुनझुना है, जबकि कुछ लोगों ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार की टीस के कारण वित्तमंत्री ने विकास में सभी को समा लेने की कोशिश की है. प्रस्तुत है दै.‘आज का आनंद’ को मिली लोगों की राय पर एक नजर-
मजबूत राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा देगा
बजट में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में रोजगार सृजन पर फोकस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ऐसा बजट पेश किया है, जो देश के आम करदाता को राहत देगा और मजबूत राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा देगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट में कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में रोजगार सृजन पर फोकस किया गया है. साथ ही नियोक्ताओं को भी फायदा होगा. कौशल ऋण योजना में भी उल्लेखनीय सुधार किया गया है. इस बदलाव के मुताबिक, छात्र अब सरकार के सहयोग से लोन ले सकेंगे. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ने राज्यों और उद्योग के सहयोग से एक नई केंद्र प्रायोजित कौशल योजना की घोषणा की है. इससे पिंपरी-चिंचवड़ जैसे औद्योगिक शहर को फायदा होगा.
- महेश लांडगे, (विधायक, भोसरी विधानसभा)
भाजपा को बिजली की दरें नियंत्रित करनी चाहिए
केंद्र सरकार नागरिकों को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने जा रही है. यह योजना पंजाब व दिल्ली में जारी है और वहां बीजेपी इसका विरोध कर रही है. अब सरकार ने केंद्रीय बजट में यही योजना सब्सिडी दिये बिना मुफ्त तरीके से कार्यान्वित करने की घोषणा की है. इससे नागरिक आर्थिक रूप से पंगु हो जाएंगे. दूसरी तरफ बिजली कंपनियां घाटे में चल रही हैं. भाजपा को मुफ्त बिजली देने के बजाय अतिरिक्त बिजली दरों को नियंत्रित करना चाहिए.
- संतोष सौंदणकर, (विद्युत नियामक समिति, पुणे)
रिटेल व्यापारियों को टैक्स में छूट की उम्मीद थी
इस बजट में रिटेल व्यापारियों को टैक्स में छूट की उम्मीद थी. वर्तमान में मार्केट में लोग ऑनलाइन शॉपिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं. इसका भारी असर रिटेल व्यापारियों पर हो रहा है. उस पर किराये से दुकान लेकर कारोबार करने वाले प्रभावित हो रहे हैं. इस वजह से सरकार को इन व्यापारियों को टैक्स में छूट देनी चाहिए. वैसे बजट अच्छा है और यह विकास को प्राथमिकता देने वाला है.
- सुनील कुकरेजा, व्यापारी
कंस्ट्रक्शन व्यवसाय के लिए आएंगे अच्छे दिन
इस बजट से कंस्ट्रक्शन व्यवसाय के लिए अच्छे दिन आएंगे. वर्तमान में ग्राहकों की मांग बढ़ी है. सभी को ध्यान में रखकर यह बजट बनाया गया है. इसमें बिल्डरों से लेकर आम आदमी का ध्यान रखा गया है.
- अशोक लुल्ला, बिल्डर
व्यापारियों के लिए अच्छा बजट
व्यापारी वर्ग के लिए यह अच्छा बजट है और इससे छोटे व्यापारियों में खुशी की लहर है. टैक्स के माध्यम से विकास व आम व्यापारियों में समन्वय साधकर टैक्स का खाका बनाया गया है. सभी को बजट की सराहना करनी चाहिए.
- राहुल सचदेव, व्यापारी
बजट में नजर आ रहा समझौता
बजट ठीक है और इसमें हर किसी को समा लिया गया है. नये टैक्सेस को लेकर अच्छा निर्णय लिया गया है. ऐसा लग रहा है कि भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलने से इस बार बजट में बीच का रास्ता निकालकर समझौता किया गया है. सभी के विकास का ध्यान रखा गया है. बजट का स्वागत है.
- राहुल आयलानी, व्यापारी
इकोनॉमी को बूस्टिंग देने वाला बजट
केंद्र सरकार का यह बजट बेहतरीन है और पूरे देश की इकोनॉमी को बूस्टिंग देने वाला है. इससे बिल्डरों को कुछ खास फर्क तो नहीं पड़ेगा, लेकिन अन्य रियायतें मिलने से इसका फायदा कंस्ट्रक्शन सेक्टर को होगा. इस नये बजट से बिल्डर लाभान्वित होंगे और व्यवसाय बढ़ेगा.
- परमानंद जमतानी, बिल्डर
उद्योगों को बढ़ावा देने वाला बजट
यह बजट लघु व मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने वाला है. इंडस्ट्रीज पार्क योजना से शहरी क्षेत्र का विकास होगा और स्टील, तांबा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. इन्कम टैक्स में बदलाव स्वागत योग्य है. कृषि उद्योग को बढ़ावा, एफडीआई प्रक्रिया के सरलीकरण के कारण उद्योग क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा. इंडस्ट्री सेक्टर के लिए यह अच्छा बजट है.
- गोविंद पानसरे (अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ पिंपरी-चिंचवड़)
राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निराशाजनक बजट
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किया गया यह बजट सर्वसमावेशी तो है, लेकिन राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए निराशाजनक है. यह बजट भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए बनाया गया है. बजट में सरकार ने समाज के सभी वर्गों का विचार किया है. इस बजट में श्रमिक, महिला, मध्यम वर्ग, एमएसएमई और कृषि सहित सभी क्षेत्रों के विकास को ध्यान में रखा गया है. इस बजट से भारत में समाज के सभी वर्गों के सपनों को पूरा करने की उम्मीद है.
- दिलीप बटवाल (सचिव, फेडरेशन ऑफ चाकण इंडस्ट्रीज)
व्यापारी वर्ग के लिए संतोषजनक बजट
आम आदमी से लेकर व्यापारी वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इससे व्यापारियों में खुशी का माहौल है. व्यापारी वर्ग के बारे में सोचकर निर्णय लिये गये हैं. इसमें सबके विकास को प्राथमिकता दी गई है.
- मनोहर जेठवानी, व्यापारी
महिलाओं के लिए अच्छा बजट बजट
तैयार करते समय महिलाओं का खास ध्यान रखा गया है, जिसके कारण यह महिलाओं के लिए अच्छा बजट है. इससे महिलाओं में उत्साह का वातावरण है. बजट में दी गई 3 लाख तक की छूट का फायदा महिलाओं को हो सकता है. केंद्र सरकार ने इस बात का ध्यान रखा है कि महिलाओं का विकास निरंतर होता रहे.
- वर्षा मूलचंदानी, गृहिणी
बजट से एमएसएमई को लाभ होगा
इस बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) में सकारात्मक बदलाव का खाका बनाया गया है. इससे एमएसएमई को फायदा होगा. मुद्रा लोन 20 लाख तक बढ़ाने से माइक्रो इंडस्ट्रीज को फायदा होगा. व्यक्तिगत प्राप्तिकर दर में बदलाव लाभप्रद है. गुजारा भत्ता, फैमिली पेंशन जैसी बातें निवेश के लिए ठीक हैं. देश के विकास का असली इंजन एमएसएमई ही है. इससे जीडीपी बढ़ने में मदद मिलेगी.
- अप्पासाहेब शिंदे, (अध्यक्ष, पिंपरी-चिंचवड़ चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज)
वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा
केंद्रीय बजट तैयार करते समय सभी का विचार किया गया है. इससे स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा व विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. खेती के लिए अनुकूल निर्णय लिये गये हैं. व्यापारी वर्ग के लिए भी यह अच्छा बजट है. कुल मिलाकर यह सर्वसमावेशी बजट है.
- चंदर आचरा, व्यापारी
बेरोजगारों और मेहनतकश श्रमिकों को घोर निराशा
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट में कई पुरानी योजनाओं पर नई परत चढ़ाई गई है. भारत की 65% आबादी में 35 साल से कम उम्र के बेरोजगार युवा हैं. यहां तक कि 51% युवाओं के पास कोई नौकरी नहीं है. हर साल कॉलेज से निकलने वाले युवाओं के लिए सरकार के पास कोई रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का कार्यक्रम नहीं है. स्किल इंडिया के लिए 2 लाख करोड़ का प्रावधान है, लेकिन कितने युवाओं को इससे प्रशिक्षण मिला है? कुल मिलाकर इस बजट से बेरोजगारों और मेहनतकश श्रमिकों को घोर निराशा हुई है.
- काशीनाथ नखाते
बैंक ऋण पर ब्याज दर कम करना जरूरी था
पांच लाख तक की आयकर मुक्त होने की उम्मीद है. पहले यह सीमा ढाई लाख थी. इसे 50 हजार रुपये बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया गया है. आयकर दरों में बदलाव का स्वागत है. हालांकि बैंक ऋण पर ब्याज दर कम करना जरूरी था. इसके बारे में कोई घोषणा नहीं की गई. संकट के समय में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की मदद करने के लिए यह एक अच्छी नीति है. मुद्रा योजना के तहत् ऋण सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की गई. देश में 12 नए औद्योगिक पार्क की घोषणा की गई. इनमें से कम से कम तीन पार्क महाराष्ट्र में और एक पार्क पुणे जिले में बनना चाहिए. इससे यहां निवेश को बढ़ावा मिलेगा. छोटे उद्योगों का पैसा बड़ी कंपनियों के पास फंसने पर सख्त कार्रवाई की गई है. बजट में यह एक अच्छा निर्णय है.
- संदीप बेलसरे, अध्यक्ष (पिंपरी-चिंचवड लघु उद्योग संघटना)
राजनीतिक अस्थिरता का बजट पर बड़ा प्रभाव पड़ा
महाराष्ट्र को उसकी जीडीपी का 38 प्रतिशत हिस्सा मिलता है, लेकिन बजट में आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्तरांचल, सिक्किम, हैदराबाद राज्यों को अधिक प्राथमिकता दी गई है. इसमें बिहार में 26 हजार करोड़ की सड़कें. देश में 12 औद्योगिक केंद्र, लेकिन महाराष्ट्र प्राथमिकता में नहीं है. उद्योग जगत में हो रहे बदलावों को देखते हुए औद्योगिक विकास 15 फीसदी की दर से बढ़नी चाहिए. फिलहाल यह बढ़ोतरी साढ़े नौ फीसदी है. तकनीकी शिक्षा और कार्यशील पूंजी पर योजनाओं की घोषणा करना महत्वपूर्ण था. चूंकि महाराष्ट्र में बड़ी मात्रा में निवेश है, इसलिए बुनियादी सुविधाओं के लिए आरक्षित निधि प्रदान करना आवश्यक है. महाराष्ट्र का 38 फीसदी निवेश केंद्र सरकार को जाता है. उसकी तुलना में महाराष्ट्र को ज्यादा सुविधाएं मिलनी थी. राजनीतिक अस्थिरता का बजट पर बड़ा प्रभाव पड़ा है.
- दुर्गा भोर (अध्यक्ष, पिंपरी-चिंचवड़ महिला लघुउद्योजक संघटना)