मालिकाना हक के जांच के नाम पर दस्तावेज रजिस्ट्रेशन से इंकार

09 Jul 2024 14:18:58
 
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पिंपरी, 8 जुलाई (आ.प्र.)
 
शहर के रजिस्ट्रार कार्यालयों की अव्यवस्था एक बार फिर सामने आई है. पिंपरी चिंचवड़ शहर के सभी उप रजिस्ट्रार प्रॉपर्टी के स्वामित्व अधिकार की पुष्टि करने के नाम पर दस्तावेजों को पंजीकृत करने से इनकार कर रहे हैं. हालाँकि ये दपतावेज भुगतान करने पर दर्ज किए जा रहे हैं. आरोप है कि नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है. इस पर सहायक उप रजिस्ट्रार ने कहा कि कानूनी मामलों की जांच करने के लिए दस्तावेजों को पंजीकृत करत्ो समय सरकारी नियमों का पालन करने में क्या गलत है? पिंपरी चिंचवड़ शहर के सभी उप रजिस्ट्रार कार्यालयों में प्रॉपर्टी के स्वामित्व अधिकारों की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों को पंजीकृत करने से इनकार कर रहे हैं. हालाँकि, ये दपतावेज भुगतान करके दर्ज किए जा रहे हैं.
 
भोसरी के वकील ऍड. बालासाहब थोपटे का आरोप है कि नागरिकों से करोड़ों रुपये की ठगी की जा रही है. सब रजिस्ट्रार का कार्यालय का काम सरकार के लिए राजस्व इकट्ठा करना है. उनके पास लोगों के स्वामित्व का पता लगाने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. इस संबंध में ऍड थोपेटे ने ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने 12 जुलाई 2021 को आईजीआर महाराष्ट्र द्वारा जारी सर्कुलर को अवैध घोषित कर दिया. साथ ही आदेश में कहा गया है कि किसी भी प्रकार के दस्त को अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, प्रत्येक दस्त को स्वीकार किया जाना चाहिए और उचित स्टॅम्प ड्यूटी को रेडी रेकनर के रूप में स्वीकार करने और उस बिल के पंजीकरण के संबंध में कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बिल संबंधित पक्ष को दिया जाना चाहि. इस आदेश के खिलाफ आईजीआर सुप्रीम कोर्ट गया है. इस पर कोई रोक नहीं है.
 
हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में सब-रजिस्ट्रार के कार्यालय में लंबित है. यह कहकर रजिस्ट्रेशन खारिज किया जा रहा है. जबकि पैसे दिए जाने पर रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. सहायक उप-रजिस्ट्रार कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि वकीलों के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है. शहर के निगड़ी, चिंचवड़ भोसरी के सब कार्यालयों में प्रतिदिन कुल 50 से 60 दस्त्ों दर्ज की जाती हैं.आवेदन दाखिल करने में कोई देरी नहीं की जाती. शासन के आदेशानुसार रजिस्ट्रार कार्यालय में नियमानुसार रिकार्ड बनाए जा रहे हैं. टुकड़ा बंदी एक्ट के अनुसार ड्यूटी दर्ज नहीं की जाती तथा स्थानीय नियम के अनुसार दस से बीस गुंठा जमीन की रजिस्ट्री की जा रही है. वकीलों के मुताबिक रजिस्ट्रार कार्यालय में केवल रेरा दर्ज फ्लैटों का ही पंजीकरण कर रहा है, अन्य किसी दस्तावेज का पंजीकरण नहीं किया जा रहा है.
 
स्वामित्व जांचने का अधिकार नहीं
इस बात को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं कि सब-रजिस्ट्रार को प्रॉपर्टी के स्वामित्व की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है. इसमें कहा गया कि सब-रजिस्ट्रार का कर्तव्य है और रजिस्टर को अस्वीकार करना तथा पावती न देना अपराध है. इस संबंध में उपपंजीयक अधिकारी पर उचित कार्रवाई अपेक्षित है. सरकार को चाहिए कि वह जांच कर लोगों से वसूले गए पैसों को वापस लौटा दें.साथ ही सरकार को भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.
                                                                                                                                                   - ऍड. बालासाहेब थोपटे
 
रजिस्ट्रेशन का कार्य नियमानुसार
पंजीयन सरकारी नियमानुसार किया जा रहा है. रजिस्ट्रेशन से पहले दस्तावेजों की जांच करनी होगी. कई बार अधिकारियों को अनावश्यक जांच के चक्कर में डाल देता है. इसलिए प्रॉपर्टी के सातबारा निरीक्षण की आवश्यकता होती है. मूल्यांकन के लिए दपतावेज देखने की जरुरी है. भोसरी सब रजिस्ट्रार कार्यालय में हर दिन कम से कम 10 रजिस्ट्रियां हो रही है. कहीं कोई परेशानी नहीं है.
                                                                                                                              - ए.डी. लाडके, सहायक उप-रजिस्ट्रार
 
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